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झारखंड में कोर्ट परिसर और न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा होगी कड़ी, डीआईजी को दी गई जिम्मेदारी - झारखंड न्यूज

झारखंड में कोर्ट परिसर और न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पुख्ता की जाएगी. इसको लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय में समीक्षा की गई. आईजी अभियान अमोल वेणुकान्त होमकर ने बताया कि सभी रेंज के डीआईजी को जिम्मेदारी दी गई है.

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झारखंड में कोर्ट परिसर और न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा किया जायेगा पुख्ता
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Published : Jun 25, 2022, 5:36 PM IST

रांचीः देवघर कोर्ट में दिनदहाड़े हुई गोलीबारी के बाद पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी कोर्ट और न्याय पदाधिकारियों की सुरक्षा को लेकर समीक्षा की गई है. झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल वेणुकान्त होमकर ने बताया कि देवघर कोर्ट परिसर में बेउर जेल से पेशी के लिए ला गए अमित सिंह की हत्या की गई. इस घटना के बाद कोर्ट परिसर की सुरक्षा को लेकर समीक्षा की गई है और सभी रेंज डीआईजी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि राज्य के प्रत्येक कोर्ट परिसर और न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करें.

यह भी पढ़ेंः देवघर कोर्ट परिसर में कुख्यात अपराधी अमित सिंह की हत्या, निर्भय सिंह हत्याकांड में काट रहा था उम्र कैद की सजा

पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को आदेश दिया है कि वह अपने-अपने जिलों के अदालतों में सुरक्षा की खामियों को चिन्हित कर दूर करें. अदालतों में मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरा, सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त संख्या में तैनाती और अनावश्यक लोगों को प्रवेश पर प्रतिबंध को लेकर कड़े नियम बनाये. इसके साथ ही प्रत्येक कोर्ट में पुलिस निरिक्षिक स्तर के अधिकारियों को कोर्ट परिसर में नोडल अफसर के रूप में तैनात करने का निर्देश दिया गया है.

जानकारी देते आईडी अभियान


आईजी अमोल वी होमकर ने बताया कि अदालतों में सीसीटीवी से प्रॉपर मॉनिटरिंग के लिए एक टीम बनाने का आदेश दिया है. इस टीम में शामिल लोग सभी अदालतों के सभी निकास द्वार पर विशेष नजर रखेंगे. इसके साथ ही निकासी और प्रवेश द्वार पर ड्यूटी में तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों को यह सख्त आदेश दिया गया है कि बिना मेटल डिटेक्टर जांच के किसी भी व्यक्ति को कोर्ट में प्रवेश नहीं करने दें. पार्किंग में लगने वाले वाहनों की भी जांच करने का निर्देश दिया है.


पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के एसपी को यह भी निर्देश दिया गया है कि वैसे समय में विशेष अलर्ट रहें, जब दूसरे जिलों या दूसरे राज्य के कैदियों की पेशी के लिए कोर्ट में लाया जाता है. बाहर से कैदी पेशी के लिए आते हैं तो उस दौरान पुलिसकर्मियों को अलर्ट मोड पर रखें. कैदी के आसपास सुरक्षाकर्मियों और अधिवक्ता के अलावा किसी को भी फटकने नहीं दें.


पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में सभी रेंज डीआईजी को टास्क दिया है कि वह अपने स्तर से जिलों के एसपी को दिए टास्क को सुनिश्चित करायें. इसके बाद इस संबंध में कार्रवाई प्रतिवेदन पुलिस मुख्यालय को दें. वहीं बाहरी जेल से अपने जिला के न्यायालय में उपस्थित होने आए कैदियों की सुरक्षा को लेकर भी कारा के प्रभारी अधिकारी से संपर्क कर बेहतर योजना बनाने का निर्देश दिया गया है.

रांचीः देवघर कोर्ट में दिनदहाड़े हुई गोलीबारी के बाद पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी कोर्ट और न्याय पदाधिकारियों की सुरक्षा को लेकर समीक्षा की गई है. झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल वेणुकान्त होमकर ने बताया कि देवघर कोर्ट परिसर में बेउर जेल से पेशी के लिए ला गए अमित सिंह की हत्या की गई. इस घटना के बाद कोर्ट परिसर की सुरक्षा को लेकर समीक्षा की गई है और सभी रेंज डीआईजी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि राज्य के प्रत्येक कोर्ट परिसर और न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करें.

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पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को आदेश दिया है कि वह अपने-अपने जिलों के अदालतों में सुरक्षा की खामियों को चिन्हित कर दूर करें. अदालतों में मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरा, सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त संख्या में तैनाती और अनावश्यक लोगों को प्रवेश पर प्रतिबंध को लेकर कड़े नियम बनाये. इसके साथ ही प्रत्येक कोर्ट में पुलिस निरिक्षिक स्तर के अधिकारियों को कोर्ट परिसर में नोडल अफसर के रूप में तैनात करने का निर्देश दिया गया है.

जानकारी देते आईडी अभियान


आईजी अमोल वी होमकर ने बताया कि अदालतों में सीसीटीवी से प्रॉपर मॉनिटरिंग के लिए एक टीम बनाने का आदेश दिया है. इस टीम में शामिल लोग सभी अदालतों के सभी निकास द्वार पर विशेष नजर रखेंगे. इसके साथ ही निकासी और प्रवेश द्वार पर ड्यूटी में तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों को यह सख्त आदेश दिया गया है कि बिना मेटल डिटेक्टर जांच के किसी भी व्यक्ति को कोर्ट में प्रवेश नहीं करने दें. पार्किंग में लगने वाले वाहनों की भी जांच करने का निर्देश दिया है.


पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के एसपी को यह भी निर्देश दिया गया है कि वैसे समय में विशेष अलर्ट रहें, जब दूसरे जिलों या दूसरे राज्य के कैदियों की पेशी के लिए कोर्ट में लाया जाता है. बाहर से कैदी पेशी के लिए आते हैं तो उस दौरान पुलिसकर्मियों को अलर्ट मोड पर रखें. कैदी के आसपास सुरक्षाकर्मियों और अधिवक्ता के अलावा किसी को भी फटकने नहीं दें.


पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में सभी रेंज डीआईजी को टास्क दिया है कि वह अपने स्तर से जिलों के एसपी को दिए टास्क को सुनिश्चित करायें. इसके बाद इस संबंध में कार्रवाई प्रतिवेदन पुलिस मुख्यालय को दें. वहीं बाहरी जेल से अपने जिला के न्यायालय में उपस्थित होने आए कैदियों की सुरक्षा को लेकर भी कारा के प्रभारी अधिकारी से संपर्क कर बेहतर योजना बनाने का निर्देश दिया गया है.

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