रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल को लेकर ईडी की चार्जशीट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. केजरीवाल से पूछताछ में ईडी को शेल कंपनियों के जरिए निवेश के भी बड़े साक्ष्य मिले हैं. राज्य सरकार की निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने कई लोगों से पूछताछ की है, जिसमें रवि केजरीवाल भी शामिल है.
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राज्य की सत्ताधारी पार्टी झामुमो के निलंबित कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल से ईडी ने पूछताछ की थी. अधिकारी सूत्रों के मुताबिक ईडी ने रवि केजरीवाल से मिले साक्ष्यों को झारखंड हाई कोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट सौंपी थी. रवि केजरीवाल ने ईडी के समक्ष सात से आठ पन्नों का बयान दिया, जिसमें रवि केजरीवाल ने कबूल किया कि वह राज्य के सत्ता से जुड़े एक परिवार का व्यापार और वित्तीय लेन देन देखता था. उन्होंने माना कि शेल कंपनियों का संचालन मनी लाउंड्रिंग के लिए करते थे. इसके बाद ईडी ने एक डिटेल रिपोर्ट कोर्ट को दी थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे इन शेल कंपनियों के जरिए मनी लाउंड्रिंग की गई थी.
सूत्रों के मुताबिक कोर्ट को दिए रिपोर्ट में ईडी ने चार शेल कंपनियों का जिक्र उदाहरण के तौर पर किया है. डेस्टिनेशन निर्माण प्राइवेट लिमिटेड का गठन 24 जून 2008 को, गायत्री कोमोट्रेड प्राइवेट लिमिटेड का गठन 11 जनवरी 2010 को, शिवमंगल विनिमय प्राइवेट लिमिटेड का गठन 11 जुलाई 2007 को और वसुंधरा विनकॉम प्राइवेट लिमिटेड का गठन 3 सितंबर 2008 को किया गया था. ये चारों कंपनियां एक ही पते 17 गणेश चंद्र एवेन्यू, तीसरा तल, रूम नंबर 303 कोलकाता के पते पर रजिस्टर है.