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झारखंड पुलिस को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, बकोरिया कांड में CBI जांच पर नहीं लगेगी रोक

बकोरिया मुठभेड़ की सीबीआई जांच पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची झारखंड पुलिस को बड़ा झटका लगा है. सीबीआई जांच को रोकने के लिए झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

बकोरिया कांड
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Published : Feb 22, 2019, 1:10 PM IST

रांची: बकोरिया मुठभेड़ की सीबीआई जांच पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची झारखंड पुलिस को तगड़ा झटका लगा है. सीबीआई जांच पर रोक लगाने के लिए दायर एसएलपी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

लीव पिटीशन दायर किया था

बता दें कि झारखंड के चर्चित बकोरिया एनकाउंटर में सीबीआई जांच को रोकने के लिए झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के स्टैंडिंग काउंसल तपेश कुमार सिंह ने स्पेशल लीव पिटीशन दायर किया था.

एसएलपी में क्या था
सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में राज्य सरकार की तरफ से एडीजी सीआईडी अजय कुमार सिंह ने एफिडेविट किया था. एफिडेविट में कहा गया था कि केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसी, राज्य की विशेष शाखा को डॉक्टर अनुराग समेत अन्य माओवादियों के मूवमेंट की जानकारी मिली थी. इस मूवमेंट के आधार पर कोबरा बटालियन के साथ मिलकर पुलिस ने अभियान चलाया था.

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बकोरिया में माओवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़
पलामू के सतबरवा के बकोरिया में माओवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हुई थी. जिसमें माओवादी दस्ते के सदस्य मारे गए थे. इस मामले की जांच सीआईडी के द्वारा भी करवाई गई थी. एसएलपी में यह भी बताया गया था कि सीआईडी द्वारा की गई अनुसंधान बिल्कुल सही है. बता दें कि बकोरिया कांड के जांच के क्रम में भी सीआईडी ने मुठभेड़ को सही बताते हुए मृत माओवादियों के खिलाफ आरोप सही पाते हुए क्लोजर रिपोर्ट फाइल किया था.

ये भी पढ़ें- 22 साल पुराने अलकतरा घोटाला में पूर्व मंत्री को 5 साल की सजा, 20 लाख का जुर्माना

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई जांच
दरअसल, आठ जून 2015 को पलामू के बकोरिया में तथाकथित मुठभेड़ में माओवादी कमांडर डॉ अनुराग, उदय यादव, एजाज अहमद, जोगेश यादव समेत 12 लोग मारे गए थे. पारा टीचर उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए क्रिमिनल रिट फाइल किया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.

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रांची: बकोरिया मुठभेड़ की सीबीआई जांच पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची झारखंड पुलिस को तगड़ा झटका लगा है. सीबीआई जांच पर रोक लगाने के लिए दायर एसएलपी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

लीव पिटीशन दायर किया था

बता दें कि झारखंड के चर्चित बकोरिया एनकाउंटर में सीबीआई जांच को रोकने के लिए झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के स्टैंडिंग काउंसल तपेश कुमार सिंह ने स्पेशल लीव पिटीशन दायर किया था.

एसएलपी में क्या था
सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में राज्य सरकार की तरफ से एडीजी सीआईडी अजय कुमार सिंह ने एफिडेविट किया था. एफिडेविट में कहा गया था कि केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसी, राज्य की विशेष शाखा को डॉक्टर अनुराग समेत अन्य माओवादियों के मूवमेंट की जानकारी मिली थी. इस मूवमेंट के आधार पर कोबरा बटालियन के साथ मिलकर पुलिस ने अभियान चलाया था.

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बकोरिया में माओवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़
पलामू के सतबरवा के बकोरिया में माओवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हुई थी. जिसमें माओवादी दस्ते के सदस्य मारे गए थे. इस मामले की जांच सीआईडी के द्वारा भी करवाई गई थी. एसएलपी में यह भी बताया गया था कि सीआईडी द्वारा की गई अनुसंधान बिल्कुल सही है. बता दें कि बकोरिया कांड के जांच के क्रम में भी सीआईडी ने मुठभेड़ को सही बताते हुए मृत माओवादियों के खिलाफ आरोप सही पाते हुए क्लोजर रिपोर्ट फाइल किया था.

ये भी पढ़ें- 22 साल पुराने अलकतरा घोटाला में पूर्व मंत्री को 5 साल की सजा, 20 लाख का जुर्माना

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई जांच
दरअसल, आठ जून 2015 को पलामू के बकोरिया में तथाकथित मुठभेड़ में माओवादी कमांडर डॉ अनुराग, उदय यादव, एजाज अहमद, जोगेश यादव समेत 12 लोग मारे गए थे. पारा टीचर उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए क्रिमिनल रिट फाइल किया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.

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Intro:बकोरिया मुठभेड़ कांड कि सीबीआई जांच पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची झारखंड पुलिस को तगड़ा झटका लगा है। सीबीआई जांच पर रोक लगाने के लिए दायर एसएलपी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।


झारखंड के चर्चित बकोरिया एनकाउंटर में सीबीआई जांच को रोकने के लिए झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के स्टैंडिंग काउंसल तपेश कुमार सिंह ने स्पेशल लीव पिटिशन दायर किया था।

क्या था एसएलपी में

सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में राज्य सरकार की तरफ से एडीजी सीआईडी अजय कुमार सिंह ने एफिडेविट किया था। एफिडेविट में कहा गया था कि केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसी, राज्य की विशेष शाखा को डॉक्टर अनुराग समेत अन्य माओवादियों के मूवमेंट की जानकारी मिली थी। इस मूवमेंट के आधार पर कोबरा बटालियन के साथ मिलकर पुलिस ने अभियान चलाया था ।पलामू के सतबरवा के बकोरिया में माओवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हुई थी ।जिसमें माओवादी दस्ते के सदस्य मारे गए थे। इस मामले की जांच सीआईडी के द्वारा भी करवाई गई थी ।एसएलपी में यह भी बताया गया था कि सीआईडी द्वारा की गई अनुसंधान बिल्कुल सही है। गौरतलब है कि बकोरिया कांड के जांच के क्रम में भी सीआईडी ने मुठभेड़ को सही बताते हुए मृत माओवादियों के खिलाफ आरोप सही पाते हुए क्लोजर रिपोर्ट फाइल किया था।




हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई जांच

गौरतलब है कि 8 जून 2015 को पलामू के बकोरिया में तथाकथित मुठभेड़ में माओवादी कमाण्डर डॉ अनुराग ,उदय यादव , एजाज अहमद, जोगेश यादव समेत 12 लोग मारे गए थे मारे गए थे। पारा टीचर उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए हाई कोर्ट में सीबीआई जांच के लिए क्रिमिनल रिट फाइल किया था। जिसके बाद हाईकोर्ट ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।






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