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सरना धर्म कोड की मांग को लेकर बुलाई गई महारैली स्थगित, 21 मार्च को होनी थी रैली

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Published : Mar 12, 2021, 7:26 AM IST

सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आहूत 21 मार्च की महारैली को स्थगित कर दिया गया है. राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान ने यह निर्णय लिया है. दरअसल, धर्मगुरु बंधन तिग्गा का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. उनके ठीक होने पर महारैली की तिथि की घोषणा की जाएगी.

Sarna Dharma Raksha Abhiyan postponed rally
राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान

रांची: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी समाज की 21 मार्च को आहूत की गई महारैली को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. धर्मगुरु बंधन तिग्गा की तबीयत खराब होने की वजह से महारैली पर रोक लगाने का निर्णय राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान ने बैठक कर लिया है. भेल्लोर में इलाजरत धर्मगुरु बंधन तिग्गा जैसे ही स्वस्थ होकर रांची लौटेंगे, सरना धर्म कोड की मांग को लेकर महारैली की तिथि की घोषणा कर दी जाएगी.

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ये भी पढ़ें-समय पर ट्रेन परिचालन में रांची रेल डिवीजन नंबर वन, 99.62 फीसदी ट्रेन चलीं समय पर

आगामी जनगणना के प्रपत्र में सरना धर्म कोड कोल्लम अंकित हो इसको लेकर राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान की ओर से देश के केंद्रीय मंत्रियों को ज्ञापन पत्र सौंपा जाएगा. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और राज्यसभा सांसद समीर उरांव का आदिवासियों को हिंदू बताए जाने का आदिवासी समाज पुरजोर विरोध कर रहा है.

आदिवासी समाज के मुताबिक बीजेपी के बड़े नेता आरएसएस के इशारे पर इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं जो नहीं चाहते हैं कि आदिवासी समाज को धार्मिक पहचान मिल सके. वहीं, डॉक्टर करमा उरांव ने बीजेपी के दोनों नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि समाज को दिग्भ्रमित करने का काम करने से बाज आए नहीं तो जिस तरीके से सीएनटी एसपीटी एक्ट के मामले में बीजेपी को प्रदेश में मुंह की खानी पड़ी. उसी तरह अन्य राज्यों में भी सत्ता से बेदखल होना पड़ेगा.

रांची: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी समाज की 21 मार्च को आहूत की गई महारैली को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. धर्मगुरु बंधन तिग्गा की तबीयत खराब होने की वजह से महारैली पर रोक लगाने का निर्णय राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान ने बैठक कर लिया है. भेल्लोर में इलाजरत धर्मगुरु बंधन तिग्गा जैसे ही स्वस्थ होकर रांची लौटेंगे, सरना धर्म कोड की मांग को लेकर महारैली की तिथि की घोषणा कर दी जाएगी.

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आगामी जनगणना के प्रपत्र में सरना धर्म कोड कोल्लम अंकित हो इसको लेकर राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान की ओर से देश के केंद्रीय मंत्रियों को ज्ञापन पत्र सौंपा जाएगा. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और राज्यसभा सांसद समीर उरांव का आदिवासियों को हिंदू बताए जाने का आदिवासी समाज पुरजोर विरोध कर रहा है.

आदिवासी समाज के मुताबिक बीजेपी के बड़े नेता आरएसएस के इशारे पर इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं जो नहीं चाहते हैं कि आदिवासी समाज को धार्मिक पहचान मिल सके. वहीं, डॉक्टर करमा उरांव ने बीजेपी के दोनों नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि समाज को दिग्भ्रमित करने का काम करने से बाज आए नहीं तो जिस तरीके से सीएनटी एसपीटी एक्ट के मामले में बीजेपी को प्रदेश में मुंह की खानी पड़ी. उसी तरह अन्य राज्यों में भी सत्ता से बेदखल होना पड़ेगा.

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