रांची: जिस समय राजधानी रांची में कोरोना संक्रमित गिने चुने मरीज पाए जा रहे थे. उस समय सेनेटाइजेशन का काम जोरों पर हो रहा था. लेकिन जैसे ही कोरोना जंगल की आग की तरह फैलने लगी. शहर के गली मोहल्ले, हाट बाजार, कॉलोनी, अपार्टमेंट, सरकारी दफ्तर तक इससे अछूते नहीं रहे और कोरोना संक्रमण के मरीजों का आंकड़ा 11 हजार के पार पहुंच गया. तो अब सेनेटाइजेशन का काम पूरी तरह से ठप नजर आ रहा है.
ठप पड़ा सेनेटाइजेशन का काम
जिन इलाकों में कोरोना संक्रमित मरीज मिलते हैं. उन इलाकों में भी सही तरीके और समय पर सेनेटाइजेशन का काम नहीं हो रहा है. इसकी शिकायत वार्ड पार्षद भी लगातार कर रहे हैं. ऐसे में शहर के मुख्य बाजार और सब्जी बाजार में न ही सेनेटाइजेशन का काम हो रहा है. न ही थर्मल स्कैन सेंटर ही बनाया गया है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का सही तरीके से पालन हो रहा है. साथ ही खाद्य सामग्री की दुकानों पर सतर्कता ना के बराबर दिख रही हैं. जो कोरोना संक्रमण के फैलाव के लिए खतरे की घंटी है.
नहीं है थर्मल स्कैनिंग की व्यव्स्था
राजधानी रांची के सब्जी बाजार में ने ही सेनेटाइजेशन की कोई व्यवस्था है और न ही थर्मल स्कैनिंग का कोई इंतजाम किया गया है. सब्जी विक्रेता पहले की तरह ही सब्जी बिक्री कर रहे हैं और आम लोग कोरोना संक्रमण के गाइडलाइन को दरकिनार कर पहले की तरह सब्जी बाजार जा रहे हैं.
प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
हालांकि, खाद्य सामग्री की दुकानों में कोरोना संक्रमण से बचाव के गाइडलाइन का कुछ हद तक पालन किया जा रहा है. वहीं शहर के बाजार में के ऐसे दुकानदार और शोरूम मालिक भी हैं, जो चाहते हैं कि मार्केट में सेनेटाइजेशन का काम जिला प्रशासन की ओर से किया जाए, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. बल्कि खुद से लोग अपने स्तर पर सेनेटाइजेशन के लिए प्रयास कर रहे हैं. तब जाकर कुछ स्थानों में सेनेटाइजेशन का काम हो पा रहा है.
सरकार नहीं दिखा रही गंभीरता
नगर निगम की ओर से हाट-बाजारों में सेनेटाइजेशन का काम नहीं होने की वजह को लेकर शहर के मेयर आशा लाकड़ा ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कोरोना वायरस से बचाव के लिए रणनीति बनाने के लिए बैठक की जाती है और इसे ध्यान में रखते हुए उपायुक्त को कई बार पत्र लिखा गया है. साथ ही सरकार को भी इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया है, लेकिन इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गयी है. इस वजह से नगर निगम की ओर से हाट बाजारों में सेनेटाइजेशन को लेकर विशेष प्लान नहीं बनाया जा सका है.
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सरकार की लापरवाही से बढ़ रहा संक्रमण का खतरा
बता दें कि झारखंड में कोरोना वायरस की एंट्री राजधानी रांची से 31 मार्च को हुई थी. जिसके बाद जिला प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जोर-शोर से अभियान भी चलाया गया. इसके तहत सब्जी बाजार में सोशल डिस्टेंस समेत खाद्य-पदार्थों के दुकान में भी विशेष सतर्कता बरतने के नियम कड़ाई से लागू किए गए और नगर निगम की तरफ से भी शहर के 53 वार्डों में सेनेटाइजेशन का काम शुरू किया गया, लेकिन विडंबना यह है कि अब जब कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. तब संक्रमण को रोकने के लिए सबसे अहम सेनेटाइजेशन का काम बंद पड़ गया है.