रांची: मंत्री ने अंजुमन इस्लामिया के लोगों को भविष्य में भी अपने स्तर से हरसंभव मदद करने का भरोसा दिया. इसके बाद मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर सामने चल रहे लंगर में पहुंचे और लंगर संचालन समिति के लोगों को 5 क्विंटल चावल, 5 टिना तेल और मसाले और सब्जी सौंपी. बता दें कि गुरू के लंगर द्वारा प्रत्येक दिन जरूरतमंदों को भोजन कराया जाता है. मंत्री ने गुरू लंगर समिति के लोगों को कहा कि किसी भी प्रकार की सहायता के लिए वह सदैव तत्पर रहेंगे.
विदित है कि मंत्री के गृह क्षेत्र गढ़वा विधानसभा में इस लॉकडाउन में निजी कोष से जरूरतमंदों और गरीब परिवारों को भोजन कराया जा रहा है. जरूरतमंद परिवारों को कच्चा राशन भी दिया जा रहा है, मंत्री ने कहा कि यही एक समय है जब लोग जात और धर्म की दीवार तोड़कर सिर्फ मानव जाति के कल्याण और उसके उत्थान के लिए सभी धर्म और संप्रदाय के लोग एक होकर लगे हुए हैं. यही तो विविधता में एकता की पहचान है. इस कोराना महामारी में जनप्रतिनिधियों और गैर सरकारी संस्थाओं की भूमिका और जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है.
उन्होंने कहा कि हम सभी लोग मिलकर इस कोरोना महामारी से लड़ेगे और जीतेंगे. गढ़वा विधायक झारखंड सरकार के पेयजल और स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों और छात्रों को घर वापस भेजने के फैसले का स्वागत किया गया है. मंत्री ठाकुर ने कहा है कि केंद्र सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है, परंतु छोटे और गरीब राज्यों के समक्ष दूर से अपने प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस लाना कठिन कार्य है.
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इसके लिए केंद्र सरकार को उचित पहल करते हुए दूर के प्रदेशों से मजदूरों, छात्रों को वापस भेजने के लिए विशेष व्यवस्था करते हुए सहयोग करने की मांग की है. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा है कि झारखंड के समीपवर्ती राज्य यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि क्षेत्रों से झारखंड सरकार बस के माध्यम से प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस ला सकती है.
लेकिन इन राज्यों के अतिरिक्त देश के विभिन्न राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल, हिमाचल, पंजाब आदि अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार उचित व्यवस्था करते हुए राज्य सरकार की मदद करे. दूरस्थ राज्यों से लाने के लिए स्पेशल ट्रेन और अन्य व्यवस्था के माध्यम से केंद्र सरकार उन्हें झारखंड तक भिजवाए. प्रवासी मजदूर और छात्रों को वापस घर भेजने के केंद्र सरकार के फैसले का झारखंड सरकार स्वागत करती है.