पलामू: जंगली जीवों के लिए सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है. पलामू, गढ़वा एवं लातेहार के वे इलाके जो पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आते हैं, वहां के मवेशियों को टीकाकरण अभियान से जोड़ा गया है. पलामू टाइगर रिजर्व एवं लातेहार जिला प्रशासन ने मवेशियों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया है. मवेशियों को एमएफडी (खुरपका और मुंहपका) बीमारी से संबंधित टीका लगाया जा रहा है.
लगभग 2 लाख मवेशियों को टीका लगाने की तैयारी
पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बड़ी संख्या में मवेशी दाखिल होते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 250 से भी अधिक गांव हैं, जहां 1.67 लाख से भी अधिक मवेशी हैं. यह मवेशियों के चारे के लिए पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में दाखिल होते हैं. मवेशियों के माध्यम से इस तरह के बीमारी वन्य जीव में भी फैलने का डर बना रहता है. इसी वजह से पलामू टाइगर रिजर्व ने एक योजना तैयार कर मवेशियों को टीका लगाने का निर्णय लिया है.
तैयार किया रहा है मवेशियों का सुरक्षा कवच
मवेशियों के टीकाकरण के माध्यम से पलामू टाइगर रिजर्व एक सुरक्षा कवच तैयार कर रहा है ताकि पीटीआर में मौजूद बाघ, तेंदुआ, हाथी, बायसन, हिरण, चीतल जैसे जंगली जीवों को जेनेटिक बीमारी नहीं हो. पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने स्थानीय मवेशियों मालिकों से भी इस संबंध में बातचीत किया है और उन्हें टीकाकरण अभियान से जुड़ने के लिए कहा गया है. पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि मवेशियों को टीकाकरण अभियान से जोड़ा जा रहा है एवं सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है. यह अभियान खासकर बेतला नेशनल पार्क के इलाके में चलाया जा रहा है. पशु चिकित्सक डॉक्टर सुनील एवं डॉ जब्बार के नेतृत्व में यह अभियान चलाया जा रहा है.
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