रांची: राजधानी में बीजेपी से राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने मौजूदा हेमंत सरकार को आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार किसानों के लिए लागत मूल्य से 150 फीसदी और कर्ज माफी का वायदा करके सत्ता में आई. हालांकि अब किसानों को कर्ज मुक्त और आत्मनिर्भर बनाने वाली कल्याणकारी कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करने की खबरें सामने आ रही हैं.
समीर उरांव के मुताबिक, ऐसा लगता है कि जैसे हेमंत सरकार ने किसानों की बलि चढ़ाने का मन बना लिया है. कृषि आशीर्वाद योजना से 35 लाख किसानों को सीधा लाभ मिल रहा था और वह कर्जदार के बजाय आत्मनिर्भर बन रहे थे. इस योजना के बंद हो जाने से किसानों को एक बार फिर से महाजनी प्रथा की गिरफ्त में आने पर मजबूर कर दिया जाएगा.
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द्वेष पूर्ण हेमंत सरकार की कार्यशैली
राज्यसभा सांसद के समीर उरांव ने कहा कि हेमंत सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चल रही 1 रुपए में रजिस्ट्री योजना को भी बंद करने जा रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि 1 रुपए में रजिस्ट्री योजना एक सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि एक सामाजिक अभियान था. इससे महिलाओं के साथ ही एक परिवार भी सशक्त और स्वाबलंबी भी बन रहा था. हालांकि हेमंत सरकार का ऐसी योजनाओं को बंद करना द्वेष पूर्ण मानसिकता को साफ दर्शाता है.
जमीन खरीद की जांच कराए सरकार
अगर हेमंत सरकार पिछले सरकार में हुए टेंडरों की जांच करवा रही है, तो उसे इस जांच में सोरेन परिवार के की ओर से राज्य के 7 जिलों में सीएनटी-एसपीटी का उल्लंघन करके खरीदी गई जमीनों की भी जांच करा के कार्रवाई करनी चाहिए.
हेमंत सोरेन की कथनी और करनी में अंतर
इसको लेकर भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का भी कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोहरी राजनीति करते हैं. लोहरदगा में बहुसंख्यक समाज के लोगों के जुलूस पर पथराव हुआ और एक शख्स की मौत हो गई. इस घटना में दर्जनों लोग घायल हुए. इसेक बावजूद मुख्यमंत्री ने घटना के 20 दिन बाद तक घटनास्थल का दौरा तक नहीं किया. उन्होंने कहा कि जब विपक्ष में झारखंड मुक्ति मोर्चा थी, तब उनके नेता हमेशा कहते थे कि जमीन मामलों की जांच करने वाली एसआईटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. हालांकि सरकार बनते ही बदल गए और अब उन्होंने एसआईटी की रिपोर्ट को ही दबा दिया है.