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कॉर्पोरेट स्टाइल में चलेगा झारखंड का ग्रामीण विकास विभाग, सचिव ने जारी किए कई निर्देश - ranchi news

झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में अब कॉर्पोरेट स्टाइल से कामकाज चलेगा. विभाग में प्रोफेशनल वर्क कल्चर को बढ़ावा देने के लिए कई निर्देश जारी किए गए हैं.

Rural development department
ग्रामीण विकास विभाग
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Published : Aug 8, 2021, 1:29 PM IST

रांची: झारखंड का ग्रामीण विकास विभाग संभवतः राज्य का पहला ऐसा विभाग होगा जहां कॉर्पोरेट स्टाइल में काम काज चलेगा. यहां बेहतर कार्य पद्धति और प्रबंधन के लिए विभागीय सचिव ने समय सारणी और कार्यप्रणाली की निर्देशिका को जारी किया है.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से मिले सांसद सुनील सोरेन, सड़कों का जाल बिछाने की मांग

क्या है सचिव का निर्देश

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के हस्ताक्षर से जारी निर्देश में लिखा गया है कि बेहतर कार्यालय पद्धति अब प्रबंधन की आवश्यकता है. जिसके लिए राज्य सरकार के स्तर से समय समय पर दिशा निर्देश जारी किया जाता है, लेकिन व्यवहार में उन सभी निर्देशों के पालन नहीं होने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसलिए बेहतर कार्यालय पद्धति और प्रबंधन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से आदेश दिए जाते हैं.

क्या-क्या मुख्य बातें हैं निर्देश में

  • न्यायालयवाद-सभी लंबित न्यायालय वादों की अद्यतन स्थिति प्रत्येक माह के दूसरे सोमवार को सचिव के समक्ष उपस्थित की जाए.
  • विभागीय कार्यवाही: विभाग अंतर्गत संचालित की जा रही समस्त विभागीय कार्यवाही की अद्यतन स्थिति की विवरणी प्रत्येक माह के दूसरे मंगलवार को सचिव के सामने प्रस्तुत किया जाए.
  • सेवानिवृत्ति के मामले: सेवानिवृत्ति के मामले जिसमें अगले छह माह में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की विवरणी और पूर्व में 6 माह पहले से अब तक सेवानिवृत्त कर्मियों के सीमांत लाभ से संबंधित मामले पर हुई कार्रवाई का प्रतिवेदन प्रत्येक माह के अंत तक सचिव के समक्ष उपस्थित की जाए.
  • लोकसभा और विधानसभा: समितियों से संबंधित लंबित प्रतिवेदन पर कार्रवाई की अद्यतन स्थिति समेकित रूप से प्रत्येक माह की सातवीं तिथि तक सचिव के समक्ष प्रश्नवार उपस्थित की जाए.
  • कार्यालय में समय पर उपस्थित होना: प्रत्येक माह विशेष सचिव से लेकर आदेशपाल तक सभी कर्मियों की उपस्थिति विवरणी प्रत्येक माह सचिव के समक्ष उपस्थित रखें.
  • लोकायुक्त मानवाधिकार सीबीआई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और अन्य आयोगों से संबंधित मामले पर मासिक प्रगति प्रतिवेदन प्रत्येक माह के साथ में तिथि तक सचिव के समक्ष उपस्थित किया जाए.

HRMS का प्रयोग
ऊपर दिए सभी आदेशों के अलावे HRMS का प्रयोग, विभागों में रिक्त पदों का आंकलन 15 दिनों के अंदर कर सबंधित विभागों को भेजना, महालेखाकार, वित्त विभाग से प्राप्त अंकेक्षण प्रतिवेदन और लेखा शाखा में लंबित विपत्र हर माह की 7वीं तिथि तक प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावे विभाग में अनुपयोगी उपकरणों, उपस्कर, वाहन का डिटेल बनाकर उसके डिस्पोजल करने के भी आदेश दिए गए हैं.

प्रोफेशनल वर्क कल्चर को बढ़ावा देना

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने अपने निर्देश में विभाग की कार्यप्रणाली में प्रोफेशनल वर्क कल्चर के साथ सिस्टेमैटिक तरीके से कार्य करने और प्रत्येक सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों के लिए लॉगबुक को जरूरी कर दिया गया है. इसके अलावा ACP और MACP का समय पर निष्पादन, अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए लंबित मामले के निपटारे सहित कई आदेश भी दिए गए हैं.

रांची: झारखंड का ग्रामीण विकास विभाग संभवतः राज्य का पहला ऐसा विभाग होगा जहां कॉर्पोरेट स्टाइल में काम काज चलेगा. यहां बेहतर कार्य पद्धति और प्रबंधन के लिए विभागीय सचिव ने समय सारणी और कार्यप्रणाली की निर्देशिका को जारी किया है.

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क्या है सचिव का निर्देश

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के हस्ताक्षर से जारी निर्देश में लिखा गया है कि बेहतर कार्यालय पद्धति अब प्रबंधन की आवश्यकता है. जिसके लिए राज्य सरकार के स्तर से समय समय पर दिशा निर्देश जारी किया जाता है, लेकिन व्यवहार में उन सभी निर्देशों के पालन नहीं होने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसलिए बेहतर कार्यालय पद्धति और प्रबंधन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से आदेश दिए जाते हैं.

क्या-क्या मुख्य बातें हैं निर्देश में

  • न्यायालयवाद-सभी लंबित न्यायालय वादों की अद्यतन स्थिति प्रत्येक माह के दूसरे सोमवार को सचिव के समक्ष उपस्थित की जाए.
  • विभागीय कार्यवाही: विभाग अंतर्गत संचालित की जा रही समस्त विभागीय कार्यवाही की अद्यतन स्थिति की विवरणी प्रत्येक माह के दूसरे मंगलवार को सचिव के सामने प्रस्तुत किया जाए.
  • सेवानिवृत्ति के मामले: सेवानिवृत्ति के मामले जिसमें अगले छह माह में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की विवरणी और पूर्व में 6 माह पहले से अब तक सेवानिवृत्त कर्मियों के सीमांत लाभ से संबंधित मामले पर हुई कार्रवाई का प्रतिवेदन प्रत्येक माह के अंत तक सचिव के समक्ष उपस्थित की जाए.
  • लोकसभा और विधानसभा: समितियों से संबंधित लंबित प्रतिवेदन पर कार्रवाई की अद्यतन स्थिति समेकित रूप से प्रत्येक माह की सातवीं तिथि तक सचिव के समक्ष प्रश्नवार उपस्थित की जाए.
  • कार्यालय में समय पर उपस्थित होना: प्रत्येक माह विशेष सचिव से लेकर आदेशपाल तक सभी कर्मियों की उपस्थिति विवरणी प्रत्येक माह सचिव के समक्ष उपस्थित रखें.
  • लोकायुक्त मानवाधिकार सीबीआई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और अन्य आयोगों से संबंधित मामले पर मासिक प्रगति प्रतिवेदन प्रत्येक माह के साथ में तिथि तक सचिव के समक्ष उपस्थित किया जाए.

HRMS का प्रयोग
ऊपर दिए सभी आदेशों के अलावे HRMS का प्रयोग, विभागों में रिक्त पदों का आंकलन 15 दिनों के अंदर कर सबंधित विभागों को भेजना, महालेखाकार, वित्त विभाग से प्राप्त अंकेक्षण प्रतिवेदन और लेखा शाखा में लंबित विपत्र हर माह की 7वीं तिथि तक प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावे विभाग में अनुपयोगी उपकरणों, उपस्कर, वाहन का डिटेल बनाकर उसके डिस्पोजल करने के भी आदेश दिए गए हैं.

प्रोफेशनल वर्क कल्चर को बढ़ावा देना

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने अपने निर्देश में विभाग की कार्यप्रणाली में प्रोफेशनल वर्क कल्चर के साथ सिस्टेमैटिक तरीके से कार्य करने और प्रत्येक सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों के लिए लॉगबुक को जरूरी कर दिया गया है. इसके अलावा ACP और MACP का समय पर निष्पादन, अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए लंबित मामले के निपटारे सहित कई आदेश भी दिए गए हैं.

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