रांची: आरयू के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इन कर्मचारियों ने एक बार फिर गोलबंद होकर शुक्रवार को विश्वविद्यालय का कामकाज ठप कर दिया. उन्होंने विश्वविद्यालय के फाइनेंसियल एडवाइजर देवाशीष गोस्वामी के साथ-साथ रजिस्ट्रार और वीसी का भी घेराव किया.
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कर्मचारियों ने अधिकारियों के पास सातवां वेतनमान देने की मांग उठाई. इन कर्मचारियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन हमेशा ही दोहरी नीति के तहत काम कर रही है. कुछ कर्मचारियों और शिक्षकों को इसका लाभ दिया जा रहा है. जबकि ऐसे सैकड़ों कर्मचारी हैं जो इससे वंचित है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर कई बार प्रबंधन से बात की गई. लेकिन किसी ने भी समस्याओं का समाधान नहीं किया. जिसके कारण मजबूरन आंदोलन करना पड़ रहा है. कर्मचारियों ने फाइनेंसियल एडवाइजर दिवाकर गोस्वामी का घेराव करने के बाद कुलपति कक्ष और विश्वविद्यालय प्रबंधन के सामने भी अपनी बात को रखी. उन्होंने कहा कि मांगें जायज हैं. 2 दिन के अंदर अगर मांग नहीं पूरी होती है, तो 18 अक्टूबर से होने वाले परीक्षा को भी बाधित किया जाएगा.
परीक्षा में हो सकता है बाधा
विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से विभिन्न विभागों के एग्जाम कंडक्ट करने की तिथि जारी कर दी गई है. दुर्गा पूजा के बाद रांची विश्वविद्यालय में परीक्षाओं का दौर चलेगा. ऐसे में अगर यह कर्मचारी आंदोलित रहे तो परीक्षाओं पर इसका प्रभाव पड़ेगा.
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इन मामलों को लेकर आक्रोशित है कर्मचारी
रांची विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों के सामने वेतनमान विसंगति, सातवां वेतनमान लागू करने, पे फिक्सेशन करने की मांगों को लेकर एक लंबी बातचीत हुई. कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कहा कि इनकी समस्याओं के समाधान के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन और कर्मचारी के दो- दो प्रतिनिधि मानव संसाधन विभाग जाएंगे. विभागीय स्तर पर अनुमति मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन इस दिशा में कदम उठाएगी. विश्वविद्यालय के आला अधिकारी और प्रोफेशरों को सातवां वेतनमान का लाभ मिल रहा है. वहीं विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को सातवा वेतनमान का लाभ देने में विश्वविद्यालय प्रशासन कोताही बरत रहा है. इसी से आक्रोशित और कर्मचारियों ने पदाधिकारियों का घेराव किया.