रांची: झारखंड के पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी पूनम पांडेय को गैरमजरूआ जमीन दिलाने में 2 आईपीएस अधिकारियों की भी भूमिका है. पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करने वाले अमोद कुमार ने सरदार बल्लभ भाई पटेल गृह-निर्माण स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड को जमीन का पॉवर दिया था. सरदार बल्लभ भाई पटेल गृह- स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड से संबंधित मिले कागजातों के मुताबिक, सहकारी समिति का गठन 15 अप्रैल 2014 को ही किया गया है.
कौन कौन आईपीएस शामिल
सहकारी समिति के संगठनकर्ता सह अध्यक्ष के तौर पर आईपीएस अधिकारी संजय रंजन सिंह का नाम दर्ज है. संजय रंजन सिंह वर्तमान में जैप 2 के कमांडेंट हैं, जबकि दूसरे नंबर पर सिमडेगा के वर्तमान एसपी संजीव कुमार का नाम सदस्य के तौर पर दर्ज है. सहकारी समिति में कुल 29 सदस्य हैं. 29 सदस्यों में कई सदस्यों का पता झारखंड जगुआर के टेंडर ग्राम और एचईसी के जगुआर स्थित कैंप के तौर पर दर्ज है. कागजातों के मुताबिक, जितेंद्र कुमार सिंह, जियाउल हक का पता टेंडर ग्राम झारखंड जगुआर, ललित कुमार पांडेय, कुमार ज्ञानेंद्र, मनीष कुमार, मृत्युंजय कुमार, राजेश कुमार सिंह, गौतम कुमार सिंह, राजेश कुमार कपरदार का पता जगुआर कैंप मार्डर बेकरी के तौर पर दर्ज है. वहीं, 29 वें सदस्य सत्येंद्र कुमार का पता विशेष शाखा रांची के तौर पर दर्ज है.
समिति ने कई लोगों को बेची जमीन
कांके के चामा मौजा में खाता संख्या 87 की आरएस प्लाट नंबर 1232 में सब प्लाटिंग कर एक दर्जन से अधिक लोगों को जमीन बेची गई. इस जमीन में से ही 50.90 डिसमिल जमीन पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी पूनम पांडेय को बेची गई. आमोद कुमार के द्वारा सरदार बल्लभ भाई पटेल गृह-निर्माण स्वावलंबी सहकारी समिति को 25 अप्रैल 2018 को पॉवर दिया गया. इसके बाद समिति की ओर से मयंक भूषण ने जमीन की रजिस्ट्री एक दर्जन लोगों को की. जिन लोगों को रजिस्ट्री की गई है उसमें धुर्वा थाने के पूर्व थानेदार और वर्तमान के सीआईडी में पोस्टेड तारकेश्वर राम भी शामिल हैं.
जमीन खरीद में सामने आ चुका है गड़बड़झाला
पूर्व डीजीपी समेत अन्य लोगों की जमीन खरीद में जांच में गड़बड़झाला सामने आ चुका है. रांची डीसी की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि जमीन गैरमजरूआ है. डीसी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर जमीन की जमाबंदी रद्द करने की सिफारिश भी की है.