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पीएम की राह चला रांची का यह होनहार छात्र, पढ़ाई के बाद चाय दुकान पर पिता का बंटाता है हाथ

परिंदे की तरह आसमान छूने की चाह रखने वालों को ही मंजिल मिलता है और यह साबित किया है रांची के न्यू मधुकम के रहने वाले और मारवाड़ी प्लस टू स्कूल के छात्र रोहित कुमार ने. पढ़ाई के बाद वक्त निकालकर रोहित शाम में चाय की दुकान पर पिता का हाथ भी बंटाता है. रोहित का चयन जापान के सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए हुआ है.

Japan Sakura Science Exchange Program
रोहित
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Published : Feb 24, 2020, 1:21 PM IST

रांची: राजधानी रांची के न्यू मधुकम का रहने वाला सुरेश वर्मा के पुत्र रोहित कुमार का चयन जापान के सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए हुआ है. गौरतलब है कि रोहित के पिता हरमू रोड में एक ठेले पर चाय की दुकान चलाते हैं. रोहित भी समय-समय पर पिता का हाथ बंटाता है. मारवाड़ी प्लस टू के छात्र रोहित का चयन शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए किया गया है. आर्थिक तंगी के बावजूद रोहित जैसे विद्यार्थी वाकई अपने दम पर बेहतर कर रहे हैं.

देखिए पूरी खबर

परिंदे की तरह आसमान छूने की चाह रखने वालों को ही मंजिल मिलती है और यह साबित किया है रांची के न्यू मधुकम के रहने वाले और मारवाड़ी प्लस टू स्कूल के छात्र रोहित कुमार ने. पढ़ाई के बाद वक्त निकालकर रोहित शाम में चाय की दुकान पर पिता का हाथ भी बंटाता है. रोहित का चयन जापान के सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए हुआ है. इस प्रोग्राम में वो झारखंड के शैक्षणिक स्थिति पर अपनी बात रखेगा और भारत का प्रतिनिधित्व करेगा.

रोहित के पिता सुरेश वर्मा की चाय की दुकान पर ही हमारी टीम के साथ रोहित की बातचीत हुई. इस दौरान रोहित में जो जज्बा दिखा वाकई काबिले तारीफ है. रोहित के पिता ने भी उसे अच्छी शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी अच्छे दिए हैं. किसी भी काम को छोटा न समझने वाले रोहित और रोहित के परिवार के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है. अपनी प्रतिभा के बल पर इतने बड़े प्रोग्राम के लिए चयनित होने वाले रोहित ने अपने परिवार के साथ-साथ स्कूल और राज्य का नाम भी रोशन किया है.

रोहित से खास बातचीत

पिता चलाते हैं चाय की ठेला

बता दें कि रोहित के पिता पिछले 10 वर्षों से हरमू रोड में एक चाय की दुकान चलाते हैं और इसी दुकान से भरण-पोषण भी परिवार का होता है. खाली वक्त पर रोहित भी शाम के वक्त दुकान आता है और पिता का हाथ बंटाता है. सरकारी खर्चे पर रोहित जापान जाएंगे और आयोजित विभिन्न व्याख्यान में शामिल भी होंगे.

क्या है सकुरा एक्सचेंज प्रोग्राम

जापान के सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत एशियाई देशों के विद्यार्थी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने विचारों का आदान-प्रदान एक दूसरे के साथ करते हैं. इसके अलावे क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा विद्यार्थियों को कई जानकारियां भी दी जाती है. जापान में आयोजित इस कार्यक्रम में एशिया के कई देशों के छात्र भी पहुंचते हैं. उनके साथ भी विद्यार्थियों का विचारों का आदान-प्रदान होता है.

ये भी पढ़ें: मौसम के कारण गो एयरवेज की विमान लौटी वापस, सभी यात्रियों को भेजा जाएगा मुंबई

पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहा है रोहित

इस प्रोजेक्ट के लिए रोहित का चयन पिछले वर्ष मैट्रिक के परीक्षा में 91.20 प्रतिशत अंक लाने की वजह से हुआ है. सरकारी स्कूल में पढ़ने के बावजूद रोहित की इंग्लिश काफी बेहतर है. लिखने पढ़ने समझने में भी कोई परेशानी नहीं है. पढ़ाई में रोहित हमेशा ही अव्वल रहा है.

सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल से बच्चों का चयन किया जाना था. जिला और बच्चों के प्रदर्शन के आधार पर रोहित और एसएस प्लस टू उच्च विद्यालय चिलदाह की छात्रा राधिका कुमारी का भी चयन हुआ है. अब दोनों सरकारी खर्चे पर जपान जाएंगे और इस एक्सचेंज प्रोग्राम का हिस्सा भी बनेंगे.

रांची: राजधानी रांची के न्यू मधुकम का रहने वाला सुरेश वर्मा के पुत्र रोहित कुमार का चयन जापान के सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए हुआ है. गौरतलब है कि रोहित के पिता हरमू रोड में एक ठेले पर चाय की दुकान चलाते हैं. रोहित भी समय-समय पर पिता का हाथ बंटाता है. मारवाड़ी प्लस टू के छात्र रोहित का चयन शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए किया गया है. आर्थिक तंगी के बावजूद रोहित जैसे विद्यार्थी वाकई अपने दम पर बेहतर कर रहे हैं.

देखिए पूरी खबर

परिंदे की तरह आसमान छूने की चाह रखने वालों को ही मंजिल मिलती है और यह साबित किया है रांची के न्यू मधुकम के रहने वाले और मारवाड़ी प्लस टू स्कूल के छात्र रोहित कुमार ने. पढ़ाई के बाद वक्त निकालकर रोहित शाम में चाय की दुकान पर पिता का हाथ भी बंटाता है. रोहित का चयन जापान के सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए हुआ है. इस प्रोग्राम में वो झारखंड के शैक्षणिक स्थिति पर अपनी बात रखेगा और भारत का प्रतिनिधित्व करेगा.

रोहित के पिता सुरेश वर्मा की चाय की दुकान पर ही हमारी टीम के साथ रोहित की बातचीत हुई. इस दौरान रोहित में जो जज्बा दिखा वाकई काबिले तारीफ है. रोहित के पिता ने भी उसे अच्छी शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी अच्छे दिए हैं. किसी भी काम को छोटा न समझने वाले रोहित और रोहित के परिवार के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है. अपनी प्रतिभा के बल पर इतने बड़े प्रोग्राम के लिए चयनित होने वाले रोहित ने अपने परिवार के साथ-साथ स्कूल और राज्य का नाम भी रोशन किया है.

रोहित से खास बातचीत

पिता चलाते हैं चाय की ठेला

बता दें कि रोहित के पिता पिछले 10 वर्षों से हरमू रोड में एक चाय की दुकान चलाते हैं और इसी दुकान से भरण-पोषण भी परिवार का होता है. खाली वक्त पर रोहित भी शाम के वक्त दुकान आता है और पिता का हाथ बंटाता है. सरकारी खर्चे पर रोहित जापान जाएंगे और आयोजित विभिन्न व्याख्यान में शामिल भी होंगे.

क्या है सकुरा एक्सचेंज प्रोग्राम

जापान के सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत एशियाई देशों के विद्यार्थी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने विचारों का आदान-प्रदान एक दूसरे के साथ करते हैं. इसके अलावे क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा विद्यार्थियों को कई जानकारियां भी दी जाती है. जापान में आयोजित इस कार्यक्रम में एशिया के कई देशों के छात्र भी पहुंचते हैं. उनके साथ भी विद्यार्थियों का विचारों का आदान-प्रदान होता है.

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पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहा है रोहित

इस प्रोजेक्ट के लिए रोहित का चयन पिछले वर्ष मैट्रिक के परीक्षा में 91.20 प्रतिशत अंक लाने की वजह से हुआ है. सरकारी स्कूल में पढ़ने के बावजूद रोहित की इंग्लिश काफी बेहतर है. लिखने पढ़ने समझने में भी कोई परेशानी नहीं है. पढ़ाई में रोहित हमेशा ही अव्वल रहा है.

सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल से बच्चों का चयन किया जाना था. जिला और बच्चों के प्रदर्शन के आधार पर रोहित और एसएस प्लस टू उच्च विद्यालय चिलदाह की छात्रा राधिका कुमारी का भी चयन हुआ है. अब दोनों सरकारी खर्चे पर जपान जाएंगे और इस एक्सचेंज प्रोग्राम का हिस्सा भी बनेंगे.

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