रांची: राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में राज्य के विभिन्न जिलों और सुदूर इलाकों से लोग इलाज कराने आते हैं. ग्रामीण क्षेत्र एवं सुदूर इलाकों से आने की वजह से कई बार लोगों को रिम्स की व्यवस्था के बारे में जानकारी नहीं हो पाती. जिसकी वजह से वो अस्पताल में इधर-उधर भटकते हुए नजर आते हैं. इसके लिए अब रिम्स में जन-प्रतिनिधि सहयोग केंद्र की शुरूआत की गई है.
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सुदूर इलाके से आने वाले लोगों की शैक्षणिक क्षमता कम होने की वजह से लोग डॉक्टरों की ओर से दिए गए सलाह को नहीं समझ पाते हैं. इसी वजह से कई बार डॉक्टरों का परामर्श मिलने के बावजूद भी मरीज का सही समय पर इलाज नहीं हो पाता है. इन्हीं सब समस्या को देखते हुए रिम्स प्रबंधन की ओर से एक नई व्यवस्था लागू की गई है. जिसके अंतर्गत दूर-दराज इलाकों से आने वाले ग्रामीण मरीजों को अस्पताल में इलाज के लिए सही विभाग में पहुंचाने को लेकर जनप्रतिनिधि सहायता केंद्र खोला गया है.
जनप्रतिनिधि सहयोग केंद्र को लेकर रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. डीके सिन्हा बताते हैं कि यह व्यवस्था नए उपाधीक्षक के आने के बाद की गई है. क्योंकि कई बार यह देखा जाता था कि जो मरीज ग्रामीण एवं सुदूर इलाके से आते हैं, उन्हें अस्पताल के विभागों एवं चिकित्सकों के बारे में जानकारी नहीं होती है. इस वजह से वो डॉक्टरी सलाह को सही तरीके से नहीं समझ पाते हैं, इसी को देखते हुए यह व्यवस्था लागू की गई है. जिसका इंचार्ज आउटसोर्सिंग पर बहाल सिक्योरिटी गार्ड प्रणब कुमार को बनाया गया है.रिम्स में आने वाले गरीब मरीजों ने कहा कि इस तरह की सहयोग केंद्र खुलने से रिम्स में आने वाले गरीब मरीजों को सीधा लाभ पहुंचेगा. क्योंकि कई बार डॉक्टरों के बताए गए चीजों को समझना कम पढ़े लिखे और गरीब मरीजों के लिए मुश्किल होता है, ऐसे में जनप्रतिनिधि सहयोग केंद्र से उनको काफी लाभ होगा. वहीं रिम्स में आए दिन गरीब एवं लाचार मरीजों को दलालों की ओर से भी आर्थिक रूप से ठगने का प्रयास किया जाता है. इस घटना को भी कम करने के लिए रिम्स में बनाए गए जन-प्रतिनिधि सहयोग केंद्र लाभदायक होगा.