रांची: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में रिम्स में 11 अक्टूबर सोमवार को 52वीं शासी परिषद की बैठक हुई. इसमें कई अहम फैसले लिए गए. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इसमें मरीजों के लिहाज से सबसे अहम रहा कि अब रिम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के इलाज के लिए 5 लाख तक के प्रस्ताव को अधीक्षक और शासी परिषद के अध्यक्ष स्वीकृति दे सकेंगे. इससे जरूरतमंद मरीजों को इलाज के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसके अलावा डायलिसिस यूनिट लगाने समेत कई अहम निर्णय शासी परिषद की बैठक में लिए गए.
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शासी परिषद की बैठक में लिए गए अहम निर्णय
- बैठक में गरीब मरीजों के त्वरित इलाज के लिए अधीक्षक स्तर से 5 लाख तक की स्वीकृति देने के निर्णय पर लगी मुहर
- 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत दैनिककर्मियों के लिए नियमानुसार समायोजन की स्वीकृति
- रिम्स में पीपीपी मोड पर 20 बेड के डायलिसिस यूनिट की शुरुआत के लिए शासी परिषद की अनुमति
- कैंसर मरीज को रेडियोथेरेपी के लिए आवश्यक उपकरण किराये पर लेने की स्वीकृति
- 128 स्लाइड की स्कैन मशीन की खरीदारी का निर्णय
- जिनोम सिक्वेंसिंग एवं ट्रांसलेशन मेडिसिन विभाग की स्थापना की स्वीकृति
- रिम्स में काम करने वाले चिकित्सक द्वारा निजी प्रैक्टिस की जांच के लिए खुफिया एजेंसी के चयन पर शासी परिषद की बैठक में स्वीकृति
- कोरोना काल में जान गवां चुके डॉ. सिराजुद्दीन को एक 11 लाख रुपये की आर्थिक मदद का फैसला
- रिम्सकर्मियों के लिए बीमा योजना पर विचार
खुफिया एजेंसी से जांच कराने का सांसद ने किया विरोध
वहीं बैठक में शासी परिषद के सदस्य सांसद संजय सेठ ने डॉक्टरों पर खुफिया विभाग से निगरानी करने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि निगरानी करना कहीं से भी उचित नहीं हैं. उनकी तरफ से इसका विरोध किया गया. क्योंकि डॉक्टर पढ़ लिख कर अपना स्थान बनाते हैं. वह कोई चोर उचक्के नहीं है.
काफी दबाव के बाद हुई थी बैठक
इससे पहले कांके विधायक और रिम्स शासी परिषद के सदस्य समरी लाल ने कहा था कि बहुत ही दबाव के बाद शासी परिषद की बैठक बुलाई गई है. उन्होंने बताया कि दो महीने पहले रांची सांसद और मैंने संयुक्त पत्र लिखकर बैठक बुलाने का आग्रह किया था. हाई कोर्ट भी इसको लेकर निर्देश दे चुका है. उन्होंने कहा था कि वे तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के हित के लिए और डॉक्टरों के प्रमोशन के लिए बैठक में मांग करेंगे.