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Black Fungus: रिम्स में ब्लैक फंगस के संक्रमण पर हो रहा रिसर्च, जल्द आएगी रिपोर्ट - इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन सिलेंडर

रांची के रिम्स (RIMS) में कोरोना संक्रमित मरीजों (Corona Infected Patients) में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के संक्रमण की वजह जानने की कोशिश हो रही है. इसके लिए रिम्स निदेशक की देखरेख में शोध (Research) किए जा रहे हैं.

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ब्लैक फंगस
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Published : Jul 2, 2021, 9:51 PM IST

रांचीः कोरोना संक्रमित मरीजों (Corona Infected Patients) में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के संक्रमण की वजह जानने के लिए राज्य के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान रिम्स (RIMS) में म्यूकर इंफेक्शन इन कोविड-19 पेशेंट (Mucor infection in covid-19 patient) विषय पर रिसर्च हो रहा है. रिपोर्ट आने में अभी कुछ वक्त लगेगा. लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ज्यादातर अस्पतालों में मरीजों के इलाज के दौरान स्टेरॉयड (Steroids) का अत्यधिक इस्तेमाल इसकी मुख्य वजह हो सकता है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में मिले ब्लैक फंगस के दो संदिग्ध मरीज, अब तक 26 लोगों की हो चुकी है मौत

रिम्स निदेशक के निर्देश पर हो रहा रिसर्च
रिम्स क्रिटिकल केयर के हेड डॉ. प्रदीप भट्टाचार्या (Dr. Pradeep Bhattacharya, Head, RIMS Critical Care) ने बताया कि अब तक जितने म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) के मरीज रिम्स में भर्ती हुए हैं उनमें वैसे मरीज जिनका रिम्स में कोरोना का इलाज हुआ हैं उनकी संख्या काफी कम है.

जानकारी देते रिम्स क्रिटिकल केयर के हेड

इसकी वजह यह है कि रिम्स में कोरोना के सेकेंड वेव (Corona Second Wave) में जो मरीज इलाज के लिए भर्ती हुए उनके मेडिसीन मैनेजमेंट में WHO और ICMR की गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया गया. रिम्स में स्टेरॉयड का उपयोग भी बेहद सावधानी से किया गया. जबकि कई निजी मेडिकल संस्थाओं ने मरीजों की जान बचाने के लिए डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) की जगह अन्य स्टेरॉयड का भी इस्तेमाल किया.

डॉ. प्रदीप भट्टाचार्या ने बताया कि रिम्स में गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों को सिलेंडर आधारित ऑक्सीजन की जगह लिक्विड ऑक्सीजन (Liquid Oxygen) दिया गया, संभव है कि इसके चलते भी यहां के मरीजों को पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस (Post Covid Black Fungus) नहीं हुआ हो.

इसे भी पढ़ें- Post Covid-19 Syndrome : नए फंगस से नई मुसीबत, फेफड़ा कर देता है बेकार


क्या इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन के इस्तेमाल से बढ़ा ब्लैक फंगस
रिम्स के क्रिटिकल केअर हेड ने बताया कि कोरोना के गंभीर हुए मरीजों में पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस होने के पीछे की वजह इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन सिलेंडर (Industrial Oxygen Cylinder) है या नहीं, इस पर ठोस रिपोर्ट आने में दो से तीन महीने का वक्त लगेगा. डॉ. प्रदीप भट्टाचार्या के अनुसार रिम्स दवाओं के प्रयोग को लेकर इतना चौकस था कि जिंक(Zinc)/विटामिन सी (Vitamin C)/विटामिन बी (Vitamin B) और मल्टी विटामिन (Multi Vitamin) तक का उपयोग बेहद सोच समझ कर किया गया.

राज्य में ब्लैक फंगस से अब तक 26 लोगों की मौत
राज्य में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों की कुल संख्या 152 हो गई है, जिसमें 86 कंफर्म केस हैं, वहीं 66 की संख्या सस्पेक्टेड केस की है. अब तक राज्य में ब्लैक फंगस से 26 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 60 लोग ठीक हुए हैं.

रांचीः कोरोना संक्रमित मरीजों (Corona Infected Patients) में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के संक्रमण की वजह जानने के लिए राज्य के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान रिम्स (RIMS) में म्यूकर इंफेक्शन इन कोविड-19 पेशेंट (Mucor infection in covid-19 patient) विषय पर रिसर्च हो रहा है. रिपोर्ट आने में अभी कुछ वक्त लगेगा. लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ज्यादातर अस्पतालों में मरीजों के इलाज के दौरान स्टेरॉयड (Steroids) का अत्यधिक इस्तेमाल इसकी मुख्य वजह हो सकता है.

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रिम्स निदेशक के निर्देश पर हो रहा रिसर्च
रिम्स क्रिटिकल केयर के हेड डॉ. प्रदीप भट्टाचार्या (Dr. Pradeep Bhattacharya, Head, RIMS Critical Care) ने बताया कि अब तक जितने म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) के मरीज रिम्स में भर्ती हुए हैं उनमें वैसे मरीज जिनका रिम्स में कोरोना का इलाज हुआ हैं उनकी संख्या काफी कम है.

जानकारी देते रिम्स क्रिटिकल केयर के हेड

इसकी वजह यह है कि रिम्स में कोरोना के सेकेंड वेव (Corona Second Wave) में जो मरीज इलाज के लिए भर्ती हुए उनके मेडिसीन मैनेजमेंट में WHO और ICMR की गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया गया. रिम्स में स्टेरॉयड का उपयोग भी बेहद सावधानी से किया गया. जबकि कई निजी मेडिकल संस्थाओं ने मरीजों की जान बचाने के लिए डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) की जगह अन्य स्टेरॉयड का भी इस्तेमाल किया.

डॉ. प्रदीप भट्टाचार्या ने बताया कि रिम्स में गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों को सिलेंडर आधारित ऑक्सीजन की जगह लिक्विड ऑक्सीजन (Liquid Oxygen) दिया गया, संभव है कि इसके चलते भी यहां के मरीजों को पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस (Post Covid Black Fungus) नहीं हुआ हो.

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क्या इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन के इस्तेमाल से बढ़ा ब्लैक फंगस
रिम्स के क्रिटिकल केअर हेड ने बताया कि कोरोना के गंभीर हुए मरीजों में पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस होने के पीछे की वजह इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन सिलेंडर (Industrial Oxygen Cylinder) है या नहीं, इस पर ठोस रिपोर्ट आने में दो से तीन महीने का वक्त लगेगा. डॉ. प्रदीप भट्टाचार्या के अनुसार रिम्स दवाओं के प्रयोग को लेकर इतना चौकस था कि जिंक(Zinc)/विटामिन सी (Vitamin C)/विटामिन बी (Vitamin B) और मल्टी विटामिन (Multi Vitamin) तक का उपयोग बेहद सोच समझ कर किया गया.

राज्य में ब्लैक फंगस से अब तक 26 लोगों की मौत
राज्य में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों की कुल संख्या 152 हो गई है, जिसमें 86 कंफर्म केस हैं, वहीं 66 की संख्या सस्पेक्टेड केस की है. अब तक राज्य में ब्लैक फंगस से 26 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 60 लोग ठीक हुए हैं.

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