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विश्व शौचालय दिवसः खुले में शौच से मुक्त झारखंड की ये तस्वीरें बताएंगी दावों की हकीकत

सरकारी दावों में झारखंड खुले में शौच से मुक्त प्रदेश है. 2 अक्टूबर 2018 को गांधी जयंती के दिन पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने पूरे राज्य को ओडीएफ घोषित कर दिया था. 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस पर ईटीवी भारत ने इसकी हकीकत की पड़ताल की.

odf in Jharkhand
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Published : Nov 19, 2020, 4:13 PM IST

Updated : Nov 19, 2020, 6:12 PM IST

रांचीः साल 2012 में किए गए एक सर्वे के अनुसार झारखंड में महज 15.54 फीसदी घरों में शौचालय था. यहां 40,01,760 घर थे जबकि शौचालयों की संख्या महज 6,22,063 थी. इसी तरह साल 2014 में स्वच्छ भारत मिशन शुरू होने के पहले गांवों के महज 16.25 फीसदी घरों में शौचालय थे. मिशन शुरू होने के बाद से चार साल के दौरान 35.47 लाख से अधिक शौचालय बनाए गए और नवंबर 2018 तक सौ फिसदी घरों में शौचालय हो गया.

देखिए पूरी खबर

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2 अक्टूबर 2018 को गांधी जयंती के दिन झारखंड को खुले में शौच से मुक्त प्रदेश घोषित कर दिया था. 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस पर ईटीवी भारत ने इसकी हकीकत की पड़ताल की. इसके लिए हमारी टीम ने दूरदराज के गांवों के बजाए राजधानी रांची को चुना.

रिम्स के पास लोटा पार्टी

रांची के प्रमुख इलाकों में ज्यादतर सार्वजनिक शौचालय बंद मिले. ऐसे में जरूरत पड़ने पर लोग सड़क किनारे ही शौच कर देते हैं. सबसे ज्यादा चौकाने वाली तस्वीरें राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के पास मिली. यहां कई ऐसे लोग मिले जो सुबह-सुबह खुले में शौच करने के लिए जाते हुए दिखे. हमने जब ऐसे लोगों से बात की तो उन्होंने कहा कि खुले में शौच करना उनकी मजबूरी है.

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साल 2012 में 15.54% घरों में शौचालय था

ये भी पढ़ें-जानें क्यों मनाया जाता है विश्व शौचालय दिवस

शिकायत का असर नहीं

खुले में शौच से स्थानीय लोगों को बड़ी परेशानी होती है. इसके साथ ही ये बीमारियों के फैलने का कारण भी बन सकता है. लोगों ने बताया कि इसकी शिकायत कई बार जिला प्रशासन और नगर निगम से की गई है लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया.

जब राजधानी में ओडीएफ का ऐसा हाल है तो दूरदराज के गांवों के बारे में आप खुद कल्पना कर सकते हैं. जानकारों की मानें तो सिर्फ शौचालय बनवाने और राज्य को ओडीएफ घोषित करने से हालात नहीं बदलेंगे. दरअसल, लोगों की सोच को भी बदलने की जरूरत है तभी हमारा वातावरण सही मायनो में स्वच्छ हो सकेगा.

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स्वच्छ भारत मिशन के तहत 4 साल में ओडीएफ का दावा

झारखंड में स्वच्छ भारत मिशन

  • स्वच्छ भारत मिशन के पहले साल 2014 में गांवों के महज 16.25% घरों में शौचालय
  • पीएम नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की
  • रामगढ़ जिले का दुलमी देश का पहला ओडीएफ प्रखंड घोषित
  • झारखंड में 4 साल के दौरान करीब 40 लाख शौचालय बनवाए गए
  • स्वच्छ भारत मिशन के अलावा मनरेगा, विधायक निधि और रानी मिस्त्रियों का सहयोग
  • रघुवर सरकार ने 2 अक्टूबर 2018 को पूरे राज्य को ओडीएफ घोषित कर दिया
  • झारखंड ने केंद्र सरकार की ओर से तय लक्ष्य को एक साल पहले पूरा किया
  • सरकारी दावों पर कई सवाल उठाए गए, शौचालय बने लेकिन उपयोग में नहीं

रांचीः साल 2012 में किए गए एक सर्वे के अनुसार झारखंड में महज 15.54 फीसदी घरों में शौचालय था. यहां 40,01,760 घर थे जबकि शौचालयों की संख्या महज 6,22,063 थी. इसी तरह साल 2014 में स्वच्छ भारत मिशन शुरू होने के पहले गांवों के महज 16.25 फीसदी घरों में शौचालय थे. मिशन शुरू होने के बाद से चार साल के दौरान 35.47 लाख से अधिक शौचालय बनाए गए और नवंबर 2018 तक सौ फिसदी घरों में शौचालय हो गया.

देखिए पूरी खबर

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2 अक्टूबर 2018 को गांधी जयंती के दिन झारखंड को खुले में शौच से मुक्त प्रदेश घोषित कर दिया था. 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस पर ईटीवी भारत ने इसकी हकीकत की पड़ताल की. इसके लिए हमारी टीम ने दूरदराज के गांवों के बजाए राजधानी रांची को चुना.

रिम्स के पास लोटा पार्टी

रांची के प्रमुख इलाकों में ज्यादतर सार्वजनिक शौचालय बंद मिले. ऐसे में जरूरत पड़ने पर लोग सड़क किनारे ही शौच कर देते हैं. सबसे ज्यादा चौकाने वाली तस्वीरें राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के पास मिली. यहां कई ऐसे लोग मिले जो सुबह-सुबह खुले में शौच करने के लिए जाते हुए दिखे. हमने जब ऐसे लोगों से बात की तो उन्होंने कहा कि खुले में शौच करना उनकी मजबूरी है.

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साल 2012 में 15.54% घरों में शौचालय था

ये भी पढ़ें-जानें क्यों मनाया जाता है विश्व शौचालय दिवस

शिकायत का असर नहीं

खुले में शौच से स्थानीय लोगों को बड़ी परेशानी होती है. इसके साथ ही ये बीमारियों के फैलने का कारण भी बन सकता है. लोगों ने बताया कि इसकी शिकायत कई बार जिला प्रशासन और नगर निगम से की गई है लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया.

जब राजधानी में ओडीएफ का ऐसा हाल है तो दूरदराज के गांवों के बारे में आप खुद कल्पना कर सकते हैं. जानकारों की मानें तो सिर्फ शौचालय बनवाने और राज्य को ओडीएफ घोषित करने से हालात नहीं बदलेंगे. दरअसल, लोगों की सोच को भी बदलने की जरूरत है तभी हमारा वातावरण सही मायनो में स्वच्छ हो सकेगा.

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स्वच्छ भारत मिशन के तहत 4 साल में ओडीएफ का दावा

झारखंड में स्वच्छ भारत मिशन

  • स्वच्छ भारत मिशन के पहले साल 2014 में गांवों के महज 16.25% घरों में शौचालय
  • पीएम नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की
  • रामगढ़ जिले का दुलमी देश का पहला ओडीएफ प्रखंड घोषित
  • झारखंड में 4 साल के दौरान करीब 40 लाख शौचालय बनवाए गए
  • स्वच्छ भारत मिशन के अलावा मनरेगा, विधायक निधि और रानी मिस्त्रियों का सहयोग
  • रघुवर सरकार ने 2 अक्टूबर 2018 को पूरे राज्य को ओडीएफ घोषित कर दिया
  • झारखंड ने केंद्र सरकार की ओर से तय लक्ष्य को एक साल पहले पूरा किया
  • सरकारी दावों पर कई सवाल उठाए गए, शौचालय बने लेकिन उपयोग में नहीं
Last Updated : Nov 19, 2020, 6:12 PM IST
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