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किशोरगंज बवाल पर राजनीति शुरु, सुनिए घटना पर किस नेता ने क्या कहा - सीएम हेमंत सोरेन

किशोरगंज की घटना को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सत्ताधारी दलों ने इसे सुनियोजित साजिश बताया है. साथ ही जल्द इसके खुलासे की मांग की है.

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Published : Jan 4, 2021, 9:23 PM IST

रांचीः किशोरगंज चौक पर सोमवार शाम हुए बवाल को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सत्ताधारी दलों ने इसे सुनियोजित साजिश करार देते हुए जल्द उद्भेदन की प्रशासन से मांग की है. वहीं विपक्षी दल बीजेपी ने भी घटना की निंदा की है.

किशोरगंज की घटना पर प्रतिक्रिया

ये भी पढ़ेंः किशोरगंज चौक पर बवाल, कई पुलिसकर्मी घायल, सीएम के काफिले को किया गया डायवर्ट

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा है कि किशोरगंज की घटना असामान्य है. यह सुनियोजित ढंग से साजिश के तहत की गई है. क्योंकि सीएम का काफिला जब गुजरता है, तो एस्कॉर्ट गाड़ी पहले जाती है. उसके बाद सीएम का काफिला गुजरता है. ऐसे में कहीं ना कहीं सुनियोजित योजना के तहत हमला किया गया है और कानून को चुनौती दी गई है. कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है. चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो. उन्होंने कहा कि विरोध करने के कई तरीके हैं. धरना प्रदर्शन, वार्ता से भी विरोध हो सकते हैं, लेकिन किशोरगंज चौक पर अचानक से व्यस्ततम रास्ते में कितने लोगों की जान को जोखिम में डाला गया है. इससे बड़ी दुर्घटना की आशंका थी. इस घटना को घटित कराने में जो लोग लगे हुए थे. उसका उद्भेदन जरूर होगा. पुलिस इसे गंभीरता से लेगी. उन्होंने कहा कि इसका जल्दी से जल्द उद्भेदन हो. ताकि ऐसे असामाजिक तत्वों को चिन्हित किया जा सके और समाज को जो बांटने की कोशिश हो रही है. उस पर कारगर ढंग से रोक लग सके.

वहीं कांग्रेस ने कहा कि किसी भी घटना के आरोपियों की गिरफ्तारी की आवाज जरूर उठानी चाहिए. लेकिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के काफिले के ऊपर किसी मांग की आड़ में हमला किया जाए तो यह अशांति फैलाने की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है. कहीं ना कहीं राजनीतिक दल के इशारे पर इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया होगा. इस तरह की घटना का पर्दाफाश होना चाहिए. इसकी जितनी निंदा की जाए कम है.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि किसी भी मामले का विरोध लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए. हेमंत सरकार में पिछले 1 साल में 1500 से ज्यादा दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं. जिससे जन आक्रोश है और ओरमांझी की घटना के बाद यह और बढ़ गया है. इसका यह नतीजा है कि इस तरह की घटना सामने आई है. लेकिन भाजपा किसी भी तरह के हिंसात्मक घटना का समर्थन नहीं करती है और मांग करती है कि इस घटना का जल्द से जल्द उद्भेदन हो और आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए.

रांचीः किशोरगंज चौक पर सोमवार शाम हुए बवाल को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सत्ताधारी दलों ने इसे सुनियोजित साजिश करार देते हुए जल्द उद्भेदन की प्रशासन से मांग की है. वहीं विपक्षी दल बीजेपी ने भी घटना की निंदा की है.

किशोरगंज की घटना पर प्रतिक्रिया

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झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा है कि किशोरगंज की घटना असामान्य है. यह सुनियोजित ढंग से साजिश के तहत की गई है. क्योंकि सीएम का काफिला जब गुजरता है, तो एस्कॉर्ट गाड़ी पहले जाती है. उसके बाद सीएम का काफिला गुजरता है. ऐसे में कहीं ना कहीं सुनियोजित योजना के तहत हमला किया गया है और कानून को चुनौती दी गई है. कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है. चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो. उन्होंने कहा कि विरोध करने के कई तरीके हैं. धरना प्रदर्शन, वार्ता से भी विरोध हो सकते हैं, लेकिन किशोरगंज चौक पर अचानक से व्यस्ततम रास्ते में कितने लोगों की जान को जोखिम में डाला गया है. इससे बड़ी दुर्घटना की आशंका थी. इस घटना को घटित कराने में जो लोग लगे हुए थे. उसका उद्भेदन जरूर होगा. पुलिस इसे गंभीरता से लेगी. उन्होंने कहा कि इसका जल्दी से जल्द उद्भेदन हो. ताकि ऐसे असामाजिक तत्वों को चिन्हित किया जा सके और समाज को जो बांटने की कोशिश हो रही है. उस पर कारगर ढंग से रोक लग सके.

वहीं कांग्रेस ने कहा कि किसी भी घटना के आरोपियों की गिरफ्तारी की आवाज जरूर उठानी चाहिए. लेकिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के काफिले के ऊपर किसी मांग की आड़ में हमला किया जाए तो यह अशांति फैलाने की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है. कहीं ना कहीं राजनीतिक दल के इशारे पर इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया होगा. इस तरह की घटना का पर्दाफाश होना चाहिए. इसकी जितनी निंदा की जाए कम है.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि किसी भी मामले का विरोध लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए. हेमंत सरकार में पिछले 1 साल में 1500 से ज्यादा दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं. जिससे जन आक्रोश है और ओरमांझी की घटना के बाद यह और बढ़ गया है. इसका यह नतीजा है कि इस तरह की घटना सामने आई है. लेकिन भाजपा किसी भी तरह के हिंसात्मक घटना का समर्थन नहीं करती है और मांग करती है कि इस घटना का जल्द से जल्द उद्भेदन हो और आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए.

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