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लालपुर गोलीकांड का खुलासाः उत्तम दास गिरोह ने मारी थी खिरवाल बंधुओं को गोली, रांची के अपराधी भी थे शामिल - रांची में अपराध

रांची में 'गहना घर' में जेवर व्यवसायी राहुल और रोहित खिरवाल पर लूट के दौरान फायरिंग करने वाले गिरोह का रांची पुलिस ने खुलासा कर दिया है. व्यवसायी बंधुओं को गोली मारने में गया के कुख्यात उत्तम दास गिरोह का हाथ है.

सीसीटीवी में कैद अपराधियों की तस्वीर
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Published : Oct 17, 2019, 7:50 AM IST

Updated : Oct 17, 2019, 9:35 AM IST

रांची: लालपुर के 'गहना घर' में जेवर व्यवसायी राहुल और रोहित खिरवाल को गोली मारने वाले गिरोह के अपराधियों की पहचान हो गई है. व्यवसायी बंधुओं को गोली मारने में गया के कुख्यात उत्तम दास गिरोह का हाथ है. रांची पुलिस ने अपराधियों की तस्वीर और वीडियो फुटेज बिहार के गया और औरंगाबाद पुलिस को भेजा था. जिसके बाद बिहार पुलिस के अधिकारियों ने बाइक में सबसे पीछे हथियार लहराने वाले अपराधी की पहचान उत्तम दास के तौर पर की है.

रांची का एक अपराधी
पुलिस की तहकीकात में यह बात सामने आई है कि व्यवसायी बंधुओं को गोली मारने में शामिल एक अपराधी रांची का है. जिस अपराधी को रांची का निवासी बताया जा रहा है, वह कोकर से बूटी मोड़ के बीच कहीं उतर गया था. ऐसे में बूटी मोड़ के बाद लगे सीसीटीवी फूटेज में सिर्फ चार अपराधी ही भागते नजर आ रहे हैं. पुलिस को आशंका है कि स्थानीय अपराधी ने ही गया के उत्तम दास गिरोह को घटना को अंजाम देने के लिए बुलाया होगा.

ये भी पढ़ें- रांची सिटी एसपी को शोकॉज , सरकारी आवास होने के बावजूद आवास भत्ता लेकर फंसे एसपी

'गहना घर' के बजाय बैंक तो नहीं था टारगेट
'गहना घर' के बिल्कुल पास आईसीआईसीआई बैंक है. रांची पुलिस को यह अंदेशा है कि उत्तम दास का गैंग बैंक लूट की घटनाओं में शामिल रहा है. ऐसे में गिरोह के अपराधियों की मंशा बैंक लूट की होगी. लेकिन बैंक के बाहर हथियारबंद गार्ड होने के कारण अपराधियों ने गहना घर को टारगेट किया.

लापरवाही की हद पार कर गई पुलिस
घटना की जांच के दौरान बड़े पैमाने पर लापरवाही भी सामने आई है. पुलिस कंट्रोल रूम से रांची के सिटी एसपी की भूमिका शुरूआती जांच में गलत पाई गई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 13.58 मिनट में पुलिस को गहना घर में गोलीबारी की जानकारी मिल गई थी. इसके बाद अपराधियों के भागने में इस्तेमाल की गई रूट की जानकारी भी मिल गई. बावजूद इसके पुलिस अधिकारियों ने इस रूट पर थानों को अलर्ट नहीं किया. जांच से जुड़े बड़े अधिकारियों के मुताबिक, सिर्फ ओरमांझी थानेदार को घटना की जानकारी दे दी जाती तो टोल प्लाजा के पास ही सारे अपराधी दबोच लिए जाते. लेकिन ओरमांझी थाने को काफी देर से घटना की जानकारी दी गई, तब तक अपराधी भाग निकले.

ये भी पढ़ें- धनबादः रणधीर वर्मा स्टेडियम में मुख्यमंत्री ने किया 1142 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास

सीसीटीवी देखने के लिए अफसर भी नहीं थे मौजूद
पुलिस कंट्रोल रूम में शहर की गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए इंस्पेक्टर स्तर के दो अधिकारियों की तैनाती थी. इन अधिकारियों पर जिम्मेदारी होती है कि वह शहर के तमाम सीसीटीवी फुटेज की लाइव मॉनिटरिंग करें. लेकिन घटना के दिन कंट्रोल रूम में कोई पदाधिकारी ही नहीं था, जो फुटेज की लाइव मॉनिटरिंग करता. एक इंस्पेक्टर गवाही के लिए रांची से बाहर गए थे, जबकि दूसरे छुट्टी पर थे. सीसीआर डीएसपी के स्तर से मॉनिटरिंग के लिए एक भी अफसर तैनात नहीं थे.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: 17 अक्टूबर से चुनाव आयोग की 5 सदस्यीय टीम का 2 दिवसीय दौरा, राजनैतिक दलों से होगी मीटिंग

लापरवाही पर आईजी ने मांगी है रिपोर्ट
घटना के दिन पुलिसिया लापरवाही पर रांची जोन के आईजी सह आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह ने रिपोर्ट की मांग की है. रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को लापरवाही के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. ट्रैफिक एसपी के की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद लापरवाह अफसरों पर पुलिस मुख्यालय के स्तर से कार्रवाई की जाएगी.

रांची: लालपुर के 'गहना घर' में जेवर व्यवसायी राहुल और रोहित खिरवाल को गोली मारने वाले गिरोह के अपराधियों की पहचान हो गई है. व्यवसायी बंधुओं को गोली मारने में गया के कुख्यात उत्तम दास गिरोह का हाथ है. रांची पुलिस ने अपराधियों की तस्वीर और वीडियो फुटेज बिहार के गया और औरंगाबाद पुलिस को भेजा था. जिसके बाद बिहार पुलिस के अधिकारियों ने बाइक में सबसे पीछे हथियार लहराने वाले अपराधी की पहचान उत्तम दास के तौर पर की है.

रांची का एक अपराधी
पुलिस की तहकीकात में यह बात सामने आई है कि व्यवसायी बंधुओं को गोली मारने में शामिल एक अपराधी रांची का है. जिस अपराधी को रांची का निवासी बताया जा रहा है, वह कोकर से बूटी मोड़ के बीच कहीं उतर गया था. ऐसे में बूटी मोड़ के बाद लगे सीसीटीवी फूटेज में सिर्फ चार अपराधी ही भागते नजर आ रहे हैं. पुलिस को आशंका है कि स्थानीय अपराधी ने ही गया के उत्तम दास गिरोह को घटना को अंजाम देने के लिए बुलाया होगा.

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'गहना घर' के बजाय बैंक तो नहीं था टारगेट
'गहना घर' के बिल्कुल पास आईसीआईसीआई बैंक है. रांची पुलिस को यह अंदेशा है कि उत्तम दास का गैंग बैंक लूट की घटनाओं में शामिल रहा है. ऐसे में गिरोह के अपराधियों की मंशा बैंक लूट की होगी. लेकिन बैंक के बाहर हथियारबंद गार्ड होने के कारण अपराधियों ने गहना घर को टारगेट किया.

लापरवाही की हद पार कर गई पुलिस
घटना की जांच के दौरान बड़े पैमाने पर लापरवाही भी सामने आई है. पुलिस कंट्रोल रूम से रांची के सिटी एसपी की भूमिका शुरूआती जांच में गलत पाई गई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 13.58 मिनट में पुलिस को गहना घर में गोलीबारी की जानकारी मिल गई थी. इसके बाद अपराधियों के भागने में इस्तेमाल की गई रूट की जानकारी भी मिल गई. बावजूद इसके पुलिस अधिकारियों ने इस रूट पर थानों को अलर्ट नहीं किया. जांच से जुड़े बड़े अधिकारियों के मुताबिक, सिर्फ ओरमांझी थानेदार को घटना की जानकारी दे दी जाती तो टोल प्लाजा के पास ही सारे अपराधी दबोच लिए जाते. लेकिन ओरमांझी थाने को काफी देर से घटना की जानकारी दी गई, तब तक अपराधी भाग निकले.

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सीसीटीवी देखने के लिए अफसर भी नहीं थे मौजूद
पुलिस कंट्रोल रूम में शहर की गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए इंस्पेक्टर स्तर के दो अधिकारियों की तैनाती थी. इन अधिकारियों पर जिम्मेदारी होती है कि वह शहर के तमाम सीसीटीवी फुटेज की लाइव मॉनिटरिंग करें. लेकिन घटना के दिन कंट्रोल रूम में कोई पदाधिकारी ही नहीं था, जो फुटेज की लाइव मॉनिटरिंग करता. एक इंस्पेक्टर गवाही के लिए रांची से बाहर गए थे, जबकि दूसरे छुट्टी पर थे. सीसीआर डीएसपी के स्तर से मॉनिटरिंग के लिए एक भी अफसर तैनात नहीं थे.

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लापरवाही पर आईजी ने मांगी है रिपोर्ट
घटना के दिन पुलिसिया लापरवाही पर रांची जोन के आईजी सह आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह ने रिपोर्ट की मांग की है. रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को लापरवाही के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. ट्रैफिक एसपी के की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद लापरवाह अफसरों पर पुलिस मुख्यालय के स्तर से कार्रवाई की जाएगी.

Intro:खुलासा - उतम दास गिरोह के अपराधियों ने मारी थी खेरिवाल बंधुओं को गोली , रांची के अपराधी भी थे शामिल

रांची।


लालपुर के गहनाघर में जेवर व्यवसायी राहुल और रोहित खेरीवाल को गोली मारने वाले गिरोह के अपराधियों की पहचान हो गयी है। व्यवसायी बंधुओं को गोली मारने में गया के कुख्यात उत्तम दास गिरोह का हाथ है। रांची पुलिस ने अपराधियों की तस्वीर और वीडियो फुटेज बिहार के गया और औरंगाबाद पुलिस को भेजा था। जिसके बाद बिहार पुलिस के अधिकारियों ने बाइक में सबसे पीछे हथियार लहराने वाले अपराधी की पहचान उत्तम दास के तौर पर की है।

एक अपराधी रांची का
पुलिस की तहकीकात में यह बात सामने आयी है कि व्यवसायी बंधुओं को गोली मारने में शामिल एक अपराधी रांची का है। जिस अपराधी को रांची का निवासी बताया जा रहा है वह कोकर से बूटी मोड़ के बीच कहीं उतर गया था। ऐसे में बूटी मोड़ के बाद लगे सीसीटीवी फूटेज में सिर्फ चार अपराधी ही भागते नजर आ रहे हैं। पुलिस को आशंका है कि स्थानीय अपराधी ने ही गया के उत्तम दास गिरोह को घटना को अंजाम देने के लिए बुलाया होगा।

गहना घर के बजाय बैंक तो नहीं था टारगेट

गहना घर के बिल्कुल पास आईसीआईसीआई बैंक है। रांची पुलिस यह अंदेशा है कि उत्तम दास का गैंग बैंक लूट की घटनाओं में शामिल रहा है। ऐसे में गिरोह के अपराधियों की मंशा बैंक लूट की होगी। लेकिन बैंक के बाहर हथियारबंद गार्ड होने के कारण अपराधियों ने गहनाघर को टारगेट किया।

लापरवाही की हद पार कर गई पुलिस

घटना की जांच के दौरान बड़े पैमानें पर लापरवाही भी सामने आयी है। पुलिस कंट्रोलरूम से रांची के सिटी एसपी की भूमिका शुरूआती जांच में गलत पायी गई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 13.58 मिनट में पुलिस को गहनाघर में गोली चालन की जानकारी मिल गई थी। इसके बाद अपराधियों के भागने में इस्तेमाल की गई रूट की जानकारी भी मिल गई थी। लेकिन बावजूद इसके पुलिस अधिकारियों ने इस रूट पर थानों को अलर्ट नहीं किया। जांच से जुड़े बड़े अधिकारियों के मुताबिक, सिर्फ ओरमांझी थानेदार को घटना की जानकारी दे दी जाती तो टोल प्लाजा के पास ही सारे अपराधी दबोच लिए जाते। लेकिन ओरमांझी थाने को काफी देर से घटना की जानकारी दी गई, तब तक अपराधी भाग निकले।

सीसीटीवी देखने के लिए अफसर भी नहीं थे मौजूद

पुलिस कंट्रोलरूम में शहर की गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए इंस्पेक्टर स्तर के दो अधिकारियों की तैनाती थी। इन अधिकारियों पर जिम्मेदारी होती है कि वह शहर के तमाम सीसीटीवी फुटेज की लाइव मॉनिटरिंग करें। लेकिन घटना के दिन कंट्रोलरूम में कोई पदाधिकारी ही नहीं था जो फुटेज की लाइव मॉनिटरिंग करता। एक इंस्पेक्टर गवाही के लिए रांची से बाहर गए थे, जबकि दूसरे छुट्टी पर थे। सीसीआर डीएसपी के स्तर से मॉनिटरिंग के लिए एक भी अफसर तैनात नहीं था।

लापरवाही पर आईजी ने मांगी है रिपोर्ट

घटना के दिन पुलिसिया लापरवाही पर रांची जोन के आईजी सह आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह ने रिपोर्ट की मांग की है। रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को लापरवाही के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। ट्रैफिक एसपी के द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद लापरवाह अफसरों पर पुलिस मुख्यालय के स्तर से कार्रवाई की जाएगी।Body:1Conclusion:2
Last Updated : Oct 17, 2019, 9:35 AM IST
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