रांचीः राजधानी के अशोक नगर में 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला मालंबिका सिन्हा हत्याकांड का रांची पुलिस ने खुलासा कर लिया है. भारतीय स्टेट बैंक की सेवनिवृत डीजीएम की पत्नी मालम्बिका सिन्हा की हत्या में शामिल औरंगजेब और जफर को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं दोनों को पुलिस से बचाने के लिए भागने में मदद करने वाले नौशाद अंसारी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गुरुवार को रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी.
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पकड़े नहीं जाते तो कई और हत्या करतेः 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला मालंबिका सिन्हा की बेरहमी से हत्या करने वाले औरंगजेब और जफर बेहद निर्दयी अपराधी हैं. पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि अगर जल्द दोनों पकड़े नहीं जाते तो इस तरह की कई वारदातों को अंजाम देते, दोनों का मकसद बेहद खतरनाक था, दोनों ने यह योजना बनाई थी कि जिस किसी घर में कोई महिला या पुरुष अकेले हो, पहले उस घर की रेकी करनी है फिर वहां काम मांगने के बहाने जाना है और फिर मौका मिलते ही हत्या कर लूट को अंजाम दे देना है. हालांकि पुलिस की तत्परता की वजह से दोनों की गिरफ्तारी हो गई. रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र झा ने बताया कि दोनों अपराधियों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलवाई जाएगी.
हत्या करने के बाद बोला खून की होली खेल कर आये हैः पुलिस की जांच के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं दरअसल जब औरंगजेब और जफर मालंबिका सिन्हा की हत्या को अंजाम देकर अरगोड़ा चौक के रास्ते होते हुए फरार हो रहे थे, उसी समय कुछ बच्चों ने उन्हें रंग लगाने के लिए रोका था. जब बच्चे औरंगजेब और जफर को रंग लगाने के लिए पहुंचे तो दोनों ने उन्हें रोक दिया और कहा कि तुम लोग हमें जानते नहीं हो हम बहुत बड़े अपराधी हैं और अभी थोड़ी देर पहले ही खून की होली खेल कर आ रहे हैं. दोनों की बातें सुनकर रंग लगाने आए बच्चे सहम गए और वहां से भाग गए.
दो लाख की जरूरत, इसलिए पहुंचे लूट की योजना बना करः दरअसल औरंगजेब और जफर रांची के अशोक नगर इलाके में पहले भी कई बार काम कर चुके थे, औरंगजेब का आपराधिक इतिहास होते हुए भी पेशे से ठेकेदार उसका चाचा नौशाद अंसारी उसे अशोकनगर में काम दिलवा था. मालंबिका सिन्हा के घर पर भी औरंगजेब और जफर काम कर चुके थे. दोनों रांची के अरगोड़ा इलाके के आईएसएम चौक पर किराए का मकान ले कर रहा करते थे. इसी दौरान औरंगजेब और जफर को एक दुकान खोलने के लिए दो लाख की जरूरत पड़ी. दोनों की योजना बेहद खतरनाक थी, योजना थी कि शहर में दुकान खोल कर बैठा जाए और यहीं से जहां कहीं काम मिले उस घर की रेकी कर उसमें लूटपाट की जाए.
मालंबिका सिन्हा का नंबर मौजूद था औरंगजेब के पासः मालंबिका सिन्हा के घर में काम के दौरान औरंगजेब ने उनके घर की पूरी तरह से रेकी की थी. वह जानते थे कि घर में सिर्फ पति-पत्नी ही रहा करते हैं, ऐसे में उन्होंने सबसे पहले मालंबिका सिन्हा के घर में ही लूटपाट करने की योजना बनाई. काम करने के दौरान उन्होंने महिला का नंबर ले रखा था. जिसके बाद 17 मार्च को औरंगजेब ने मालंबिका सिन्हा को फोन कर या कहा कि अगर घर में कोई काम है तो वह लोग फ्री हैं जल्द से जल्द निपटा देंगे क्योंकि उस दौरान मालम्बिका सिन्हा के घर में रंग रौग़न का काम करवाना था, इसलिए उन्होंने 18 मार्च को औरंगजेब को अपने घर आने को बोल दिया.
घर के बाहर रहे खड़े, विजय सिन्हा के जाने के बाद पहुचे घरः 18 मार्च को औरंगजेब और जफर अशोकनगर के लिए निकले. इससे पहले उन्होंने रास्ते में रुक कर एक दुकान से दो चाकू भी खरीद ली. दोनों घर के बाहर तब तक रहे जब तक महिला के पति विजय सिन्हा घर से बाहर नहीं निकल गए।. विजय सिन्हा के घर से बाहर जाते ही दोनों बड़े आराम के साथ घर पहुंचे और मालंबिका सिन्हा को आवाज दी. दोनों को देखकर मालंबिका सिन्हा ने दोनों को पहले माले पर स्थित अपने ड्राइंग रूम में बुला लिया. जिसके बाद दोनों को खाने के लिए लड्डू और पीने के लिए पानी दिया.
लड्डू खाया पानी पिया और मार डालाः मालंबिका सिन्हा ने एक प्लेट में चार लड्डू दिए थे जिनमें से तीन लड्डू जफर ने खाया और एक औरंगजेब ने. लड्डू खाने के बाद सबसे पहले औरंगजेब उठा और अचानक अपनी जेब से चाकू निकालकर मालंबिका सिन्हा पर ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया. जब उन्होंने शोर मचाना शुरू किया तब जफर दौड़कर पहुंचा और उनके गर्दन पर चाकू से कई वार कर दिए जिसकी वजह से महिला की मौके पर ही मौत हो गई.
चादर में लपेट शव को डाल दिया पलंग के नीचेः मालंबिका सिन्हा की हत्या करने के बाद औरंगजेब ने जहां उन्हें चादर में लपेटकर पलंग के नीचे डाल दिया वहीं दूसरी तरफ जफर घर में पड़े एक अलमीरा को तोड़ने की कोशिश करने लगा. हालांकि इसमें दोनों कामयाब नहीं हो पाए उन्हें लगा कि अगर अब कोई आ गया तो वे पकड़े जाएंगे. इसलिए वे लोग मौके पर पड़े चार मोबाइल और एक सोने का कंगन ले कर भाग खड़े हुए.
विशेष टीम बनाई गईः रांची के सबसे सुरक्षित और वीआईपी इलाका माने जाने वाले अशोकनगर में एक बुजुर्ग महिला की हत्या से सनसनी फैल गई थी. विधानसभा सत्र दौरान इसे लेकर विपक्ष के द्वारा हंगामा भी किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने सिटी एसपी सौरभ के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम का गठन किया. इस टीम में अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार, साइबर डीएसपी यशोधरा और अरगोड़ा थाने के तेजतर्रार सब इंस्पेक्टर रोहित, सुमित सिंह, सतीश वर्णवाल और एसएसपी की क्यूआरटी को शामिल किया गया.
बबलू ठेकेदार से मिला सुरागः हत्याकांड को सुलझाने के लिए रांची पुलिस के पास एकमात्र सुराग सीसीटीवी फुटेज था. जिसमें औरंगजेब और जफर दिखे थे लेकिन दोनों की पहचान काफी मुश्किल थी. हालांकि पुलिस की तहकीकात में पहले दिन यह साफ हो गया था कि जिन लोगों ने भी हत्याकांड को अंजाम दिया है वह लोग मजदूर वर्ग के हैं. जांच की दिशा को इसी तरह बढ़ाते हुए सबसे पहले बबलू नाम के एक ठेकेदार को पुलिस ने हिरासत में लिया. बबलू अशोक नगर में होने वाले काम में मजदूरों की सप्लाई किया करता था. पूछताछ के दौरान बबलू ने पुलिस को यह बताया कि उसके अलावा नौशाद अंसारी नाम का एक व्यक्ति भी मजदूरों को अशोकनगर में काम करने के लिए भेजता है.
नौशाद ने पहले बोला झूठः सीसीटीवी फुटेज से मिले दोनों अपराधियों की तस्वीर को नौशाद को दिखाया गया, लेकिन उसने दोनों को पहचानने से इंकार कर दिया. यहां तक कि उसने सभी मजदूरों के नाम बताएं जो अशोकनगर में काम करते हैं लेकिन औरंगजेब और जफर का नाम छुपा लिया. क्योंकि औरंगजेब नौशाद का भतीजा था इसलिए उसने थाने से निकलने के बाद भी अपने बड़े भाई को फोन कर यह कहा कि औरंगजेब की तलाश पुलिस कर रही है. इसलिए उसे वह कहीं छुपा दे. लेकिन नौशाद का झूठ पकड़ा गया कड़ाई से पूछताछ पर उसने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में जो दो व्यक्ति नजर आ रहे हैं उनमें से एक औरंगजेब है जो उसका भतीजा है और दूसरा जफर है दोनों एक साथ ही काम करते हैं और दोनों ने ही मिलकर बुजुर्ग महिला की हत्या की है.
छापेमारी कर दोनों किये गए गिरफ्तारः पुलिस को गुमराह करने और साक्ष्य को छुपाने के आरोप में सबसे पहले नौशाद को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके बाद उसकी निशानदेही पर सबसे पहले पुलिस की टीम ने औरंगजेब को गिरफ्तार किया. औरंगजेब की गिरफ्तारी की सूचना पर जफर फरार हो गया. हालांकि बुधवार की देर रात उसे भी पुलिस ने दबोच लिया. औरंगजेब और जाफर की गिरफ्तारी के बाद हत्याकांड को अंजाम देने में प्रयोग किए गए दो चाकू भी पुलिस ने बरामद कर लिए हैं. वही दोनों के खून से सने कपड़े भी बरामद हो गए हैं.