रांची: मानसून के दस्तक देने से पहले रांची नगर निगम इस साल ज्यादा सतर्क नजर आ रहा है. खासकर कोरोना काल की वजह से नगर निगम को एक बेहतर अवसर भी मिला है. जिन इलाकों में ट्रैफिक की वजह से बड़ी नालियों की सफाई नहीं हो पाती थी, वहां मशीनों से सफाई की जा रही है ताकि मॉनसून में जलभराव से लोगों को परेशानी नहीं हो.
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रांची में चल रहे 'स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह' की वजह से ट्रैफिक की समस्या नहीं है, जिसका फायदा रांची नगर निगम को मिल रहा है. जिन तंग गलियों में नालों की सफाई नहीं हो पा रही थी. उन गलियों में भी नालों की सफाई मशीनों के माध्यम से कराई जा रही है. कोरोना की वजह से रांची नगर निगम के कई पदाधिकारी होम क्वॉरेंटाइन हैं, तो कई सफाई कर्मी भी कोरोना के शिकार हुए हैं. इसकी वजह से पदाधिकारियों और कर्मियों की कमी जरूर है. हालांकि सफाई कर्मियों को 2,000 रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई है, ताकि सफाई कर्मी काम पर आएं और शहर की सफाई प्रभावित न हो.
नालों को मानसून से पहले साफ करना बड़ा टास्क
शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने बताया कि बड़े-बड़े नालों को मानसून से पहले साफ करना बड़ा टास्क है. कोरोना काल में कर्मचारियों की कमी के बावजूद मशीनों के माध्यम से नालों की सफाई कराई जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि बारिश से पहले नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा.
रांची बनेगा नंबर वन टाउन
वहीं, रांची नगर निगम के उपनगर आयुक्त रजनीश कुमार ने बताया कि 'चलो कोरोना को करें डाउन, रांची बनेगा नंबर वन टाउन' की थीम पर 1 सप्ताह के साफ-सफाई का स्पेशल कैंपेन चलाया जा रहा है. युद्ध स्तर पर नालों की सफाई की जा रही है. साथ ही किसी भी क्षेत्र के नालों और सफाई व्यवस्था की शिकायत के लिए कंट्रोल रूम का नंबर 0651-2200011 जारी किया गया है. वहीं, नगर निगम के स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ किरण कुमारी ने बताया कि बारिश के समय नालों का पानी ओवरफ्लो ना हो. इसे ध्यान में रखते हुए विशेष अभियान चलाया जा रहा है और मशीनों के माध्यम से बड़े नालों की सफाई कराई जा रही है.