रांचीः कोविड-19 के दौरान आम लोगों की आय पर गिरावट को देखते हुए और घर वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोविड-19 आधारित आजीविका के अवसरों के तहत आय का साधन उपलब्ध कराने की दिशा में विशेष पहल की जा रही है. इससे जिला में मानव संसाधन की जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा और बेरोजगार स्किल्ड युवाओं को नौकरी के अवसर मिल सकेंगे.
युवाओं को रोजगार और आय का साधन उपलब्ध कराने में मदद करने के लिए उपायुक्त छवि रंजन के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसी के तहत रांची जिला प्रशासन ने कोविड-19 नमूना संग्रह के लिए प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग को पूरा करने के लिए एक अनूठी परियोजना की शुरुआत की.
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सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा की सहायता से 381 बेरोजगार युवाओं और प्रवासी श्रमिकों को नमूना संग्रह और एसआरएफ आईडी निर्माण कार्य के लिए प्रशिक्षण और स्क्रीनिंग के लिए चिह्नित किया गया है. इन सभी चिह्नित 381 युवाओं और प्रवासी मजदूरों को DMFTPMU सदस्यों और स्वतंत्र स्वयंसेवकों की ओर से परामर्श दिया गया था. जिसमें से 18 लोगों ने कोविड-19 नमूना संग्रह कार्य के लिए इच्छा व्यक्त की थी.
नौकरी चाहने वालों के लिए 3 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन भी किया गया था. प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद प्रशिक्षुओं का साक्षात्कार जिला प्रशासन सदर अस्पताल की आउटसोर्सिंग जी अलर्ट एजेंसी की ओर से किया गया. उनमें से 10 को शॉर्टलिस्ट और अनुबंध के लिए भर्ती किया गया.
सभी चयनित युवा कोविड सैंपल कलेक्टर और एसआरएफ आईडी जनरेटर के रूप में सदर अस्पताल, रांची की बर्न यूनिट में पेशेवरों के रूप में काम कर रहे हैं. उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से युवाओं और प्रवासी मजदूरों के लिए भविष्य में भी जिला में आजीविका के अवसर पैदा करने के लिए प्रयास किया जाएगा. योग्य उम्मीदवारों को आगे भी रोजगार के अवसर मिलते रहेंगे.