रांची/रामगढ़: रामगढ़ एसपी और रामगढ़ एसडीपीओ के बीच क्षेत्राधिकार को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार खत्म हो गया. पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रामगढ़ के कार्यक्षेत्र को एक बार फिर से सौंप दिया है.
रामगढ़ एसपी प्रभात कुमार ने अपने पूर्व के आदेश को निरस्त करते हुए रामगढ़ एसडीपीओ को उनके पूरे क्षेत्र का अधिकार दे दिया. इस मामले में उन्होंने डीएसपी हेडक्वार्टर से रजरप्पा, गोला और बरलंगा थाना का प्रभार वापस देने के लिए कहा है. इन तीनों थाना इलाके अब एसडीपीओ किशोर कुमार रजक के अधिकार क्षेत्र में रहेगा. एसडीपीओ किशोर कुमार रजक ने बताया कि पुलिस ऑफिस से उन्हें सूचना मिली है कि रामगढ़ अनुमंडल के रजरप्पा, गोला, बरलांगा थाना क्षेत्र के कार्यों का निष्पादन दोबारा उन्हें मिल गया है. गृह विभाग और डीजीपी ने आदेश जारी करके सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया था कि झारखंड के किसी भी जिले में अगर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बगैर एसडीपीओ या डीएसपी के कार्यक्षेत्र या थाना क्षेत्रों को बदला गया है तो इसे तत्काल प्रभाव से रद्द करें. इसी आलोक में रामगढ़ पुलिस अधीक्षक ने पहले के आदेश को रद्द करते हुए नया आदेश जारी किया है.
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इससे पहले रामगढ़ एसडीपीओ किशोर कुमार रजक ने अपने ही जिले रामगढ़ पुलिस कप्तान यानी एसपी के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें एसपी के आदेश को नियम विरुद्ध बताकर आदेश को रद्द करने की मांग की थी. साथ ही नियम विरुद्ध आदेश देने के कारण पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई की मांग की. एसडीपीओ ने याचिका के माध्यम से झारखंड हाई कोर्ट को बताया कि रामगढ़ एसपी ने रामगढ़ एसडीपीओ के अधिकार क्षेत्र से दो थाने को हटाकर सदर डीएसपी के अधिकार क्षेत्र में दे दिया है जो यह गलत है.
पुलिस मुख्यालय में की थी शिकायत
एसडीपीओ किशोर कुमार रजक ने हाई कोर्ट को बताया कि उन्होंने एसपी के इस आदेश के खिलाफ पुलिस मुख्यालय में शिकायत की. पुलिस मुख्यालय से भी किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में बताया है कि गृह विभाग के तहत रामगढ़ एसडीपीओ के अधीन सात थाना और दो ओपी निर्धारित हैं.
गृह विभाग का दिया हवाला
रामगढ़ एसपी के कार्यालय से अक्टूबर 2019 को एसडीपीओ के क्षेत्राधीन थानों में से रजरप्पा और गोला थाने के कार्यों के निष्पादन का दायित्व डीएसपी मुख्यालय को दे दिया गया है जो यह गलत है. गृह विभाग के निर्देश के बिना कार्य क्षेत्र में बदलाव नहीं किया जा सकता है.