रांची: संसद में कृषि बिल पास होने के बाद राजनीतिक सरगर्मी पूरे देश के साथ-साथ राजधानी रांची में भी तेज हो गई है. इसको लेकर देश की मुख्य विपक्षी पार्टी और झारखंड में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस इस बिल को लेकर लगातार विरोध जता रही है. इसके मद्देनजर रविवार को झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह रांची पहुंचे और राज्य के मंत्री और आला नेताओं के साथ बैठक की.
28 सिंतबर को विरोध मार्च
इस बैठक को लेकर राज्य के मंत्री आलमगीर आलम ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को पूरे देश के साथ साथ झारखंड में भी कांग्रेस किसानों के खिलाफ पास किए गए काला कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगा. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मोरहाबादी के गांधी प्रतिमा से आरपीएन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के आला नेता विरोध मार्च करते हुए राजभवन पहुंचेंगे और वहां पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने का काम करेंगे. वहीं उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जिस प्रकार से आज से दशकों पहले महाजनी प्रथा चला करती थी वहीं प्रथा भारतीय जनता पार्टी फिर से देश में लाना चाहती है जिससे किसान का शोषण और उनके अधिकारों का हनन होगा.
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अजय कुमार की कांग्रेस में वापसी को लेकर रामेश्वर उरांव का तंज
वहीं डॉ. अजय कुमार की पार्टी में फिर से वापसी को लेकर मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि पार्टी में सभी का स्वागत है. लेकिन संकट की घड़ी में जिन्होंने पार्टी छोड़ने का काम किया था, अगर आज पार्टी उन्हें फिर से वापस ले रही है तो वैसे लोगों को अपने करनी को लेकर विचार करना चाहिए. वहीं सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू भी पार्टी में वापस आ सकते हैं, इस सवाल पर रामेश्वर उरांव ने तंज करते हुए कहा कि जब युद्ध हो रहा था तो वह चीन का साथ दे रहे थे और अब जब हिंदुस्तान जीत गया है तो वह वापस आना चाहते हैं. पार्टी में सभी का स्वागत है और पार्टी जो भी विचार करेगी हम उस पर चलने के लिए बाध्य हैं.
बता दें कि डॉ. अजय कुमार पूर्व में झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और ऐसे में अगर उनकी फिर से वापसी होती है तो निश्चित रूप से वर्तमान में कांग्रेस के अंदर सियासी हलचल देखने को मिल सकता है.