रांची: पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड के आरोपी पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर की जमानत याचिका को झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से दलील रखी गई थी. अपने दलील में कई आदेश का हवाला भी दिया गया जिसके बाद अदालत ने सुनवाई की सभी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसे मंगलवार को सुनाया गया है. पूर्व मंत्री राजा पीटर को आशा थी कि उन्हें जमानत मिलेगी लेकिन फिर से उन्हें एक बार निराशा मिली है.
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में पूर्व मंत्री राजा पीटर की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाया है. याचिकाकर्ता की ओर से हिरासत की अवधि को देखते हुए जमानत की मांग की गई थी. वहीं एनआईए के अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया. एनआईए ने कहा कि इतने संगीन मामले में जमानत नहीं दी जानी चाहिए. अदालत में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत फैसला सुरक्षित रखा था. मंगलवार को कोर्ट ने इस मामले में राजा पीटर की जमानत याचिका खारिज कर दी.
पूर्व मंत्री की हत्या को लेकर बुंडू थाना में मामला दर्ज किया गया था. रमेश सिंह मुंडा के परिजनों की मांग पर इसकी जांच एनआइए ने की. कुंदन पाहन के सरेंडर करने के बाद उससे पूछताछ के दौरान इसमें राजा पीटर का नाम आया था. सूत्रों के अनुसार राजा पीटर ही मामले के सूत्रधार थे. उन्होंने ही नक्सलियों को हत्या करने के लिए हथियार और पैसे उपलब्ध कराये थे. इसके बाद एनआइए ने राजा पीटर को गिरफ्तार किया था.
बुंडू के एसएस हाई स्कूल में 9 जुलाई 2008 को एक समारोह था. इसमें पूर्व मंत्री और तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे. समारोह में छात्रों को सम्मानित करने और पुरस्कार देने के बाद वे संबोधित कर रहे थे. उसी समय कुंदन पाहन दस्ते के नक्सलियों ने स्कूल में आकर फायरिंग शुरू कर दी. इसमें रमेश सिंह मुंडा, उनके दो सरकारी बॉडीगार्ड शिवनाथ मिंज और खुर्शीद आलम सहित एक छात्र रामधन पातर की मौत हो गयी थी.