रांची: राजभवन के पास आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ का धरना 33वें दिन भी जारी रहा. इसके साथ ही पिछले 5 दिनों से भूख हड़ताल पर भी कई सेविका-सहायिका बैठी हैं. ऐसे में मंगलवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका से मुलाकात कर आंदोलन में समर्थन देने का ऐलान किया है.
सरकार करे मांगों पर विचार
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका द्वारा अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन पर कहा है कि सरकार को इनकी मांगें पूरी करनी चाहिए. क्योंकि इनके द्वारा सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए अहम भूमिका निभाई जाती है. ऐसे में महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली सरकार को इनके मांगों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई मंत्री यहां आते हैं जिस पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है लेकिन इनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी इनके आंदोलन के समर्थन में है और जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक कांग्रेस इनके आंदोलन के साथ खड़ी रहेगी.
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सरकार ने नहीं लिया ठोस निर्णय
वहीं, आंगनबाड़ी संघ की संथाल परगना की सदस्य पंपमाला ने बताया कि उनकी मांगों को लेकर सरकार से समझौता हुआ था. लेकिन अब तक उस पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में है और जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक वहां से नहीं हटेंगी. वहीं दुमका की सदस्य साईनारा खातून ने कहा कि अब तक 25 सदस्य की तबीयत खराब हो चुकी है और सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.