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33वें दिन भी जारी रहा आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ का धरना, मांगों पर सरकार नहीं दे रही ध्यान- कांग्रेस

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Published : Sep 17, 2019, 4:52 PM IST

राजभवन के पास आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ का धरना 33वें दिन भी जारी रहा. झारखंड प्रदेश कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी धरनास्थल पर पहुंचा, उन्होंने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ के आंदोलन में समर्थन देने का ऐलान किया साथ ही सरकर पर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया.

धरनास्थल पर कांग्रेसी नेता

रांची: राजभवन के पास आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ का धरना 33वें दिन भी जारी रहा. इसके साथ ही पिछले 5 दिनों से भूख हड़ताल पर भी कई सेविका-सहायिका बैठी हैं. ऐसे में मंगलवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका से मुलाकात कर आंदोलन में समर्थन देने का ऐलान किया है.

देखें पूरी खबर

सरकार करे मांगों पर विचार
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका द्वारा अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन पर कहा है कि सरकार को इनकी मांगें पूरी करनी चाहिए. क्योंकि इनके द्वारा सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए अहम भूमिका निभाई जाती है. ऐसे में महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली सरकार को इनके मांगों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई मंत्री यहां आते हैं जिस पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है लेकिन इनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी इनके आंदोलन के समर्थन में है और जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक कांग्रेस इनके आंदोलन के साथ खड़ी रहेगी.

ये भी पढ़ें- देवघर AIIMS में पढ़ाई शुरू, 2019 सत्र में 50 सीटों पर हुआ एडमिशन

सरकार ने नहीं लिया ठोस निर्णय
वहीं, आंगनबाड़ी संघ की संथाल परगना की सदस्य पंपमाला ने बताया कि उनकी मांगों को लेकर सरकार से समझौता हुआ था. लेकिन अब तक उस पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में है और जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक वहां से नहीं हटेंगी. वहीं दुमका की सदस्य साईनारा खातून ने कहा कि अब तक 25 सदस्य की तबीयत खराब हो चुकी है और सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

रांची: राजभवन के पास आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ का धरना 33वें दिन भी जारी रहा. इसके साथ ही पिछले 5 दिनों से भूख हड़ताल पर भी कई सेविका-सहायिका बैठी हैं. ऐसे में मंगलवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका से मुलाकात कर आंदोलन में समर्थन देने का ऐलान किया है.

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सरकार करे मांगों पर विचार
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका द्वारा अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन पर कहा है कि सरकार को इनकी मांगें पूरी करनी चाहिए. क्योंकि इनके द्वारा सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए अहम भूमिका निभाई जाती है. ऐसे में महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली सरकार को इनके मांगों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई मंत्री यहां आते हैं जिस पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है लेकिन इनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी इनके आंदोलन के समर्थन में है और जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक कांग्रेस इनके आंदोलन के साथ खड़ी रहेगी.

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सरकार ने नहीं लिया ठोस निर्णय
वहीं, आंगनबाड़ी संघ की संथाल परगना की सदस्य पंपमाला ने बताया कि उनकी मांगों को लेकर सरकार से समझौता हुआ था. लेकिन अब तक उस पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में है और जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक वहां से नहीं हटेंगी. वहीं दुमका की सदस्य साईनारा खातून ने कहा कि अब तक 25 सदस्य की तबीयत खराब हो चुकी है और सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

Intro:रांची.आंगनबाड़ी सहायिका सेविका संघ के द्वारा राजभवन के समक्ष 33 वे दिन भी धरना का कार्यक्रम जारी रहा। साथ ही पिछले 5 दिनों से भूख हड़ताल पर भी कई सहायिका सेविका बैठी है। ऐसे में मंगलवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने आंगनबाड़ी सहायिका सेविकाओं से मुलाकात कर आंदोलन में समर्थन देने का ऐलान किया है।


Body:कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने आंगनबाड़ी सहायिका सेविकाओं द्वारा अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन पर कहा है कि सरकार को इनकी छोटी सी मांग को पूरा कर देना चाहिए।क्योंकि इनके द्वारा सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए अहम भूमिका निभाई जाती है। ऐसे में महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली सरकार को इनके मांगों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई मंत्री यहां आते हैं जिस पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है। लेकिन इनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी इनके आंदोलन के समर्थन में है और जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होती। तब तक कांग्रेस इनके आंदोलन के साथ खड़ी रहेगी।


Conclusion:वही आंगनबाड़ी संघ की संथाल परगना की सदस्य पम्पामला ने बताया कि उनकी मांगों को लेकर सरकार से समझौता हुआ था। लेकिन अब तक उस पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में है और जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक वहां से नहीं हटेंगी। वही दुमका की सदस्य साईनारा खातून ने कहा कि अब तक 25 सदस्य की तबीयत खराब हो चुकी है और सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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