रांची: झारखंड गठन के बाद राजधानी रांची को विकसित करने के लिए जगह-जगह फ्लावर बनाने की बात कही जा रही है. इसी के मद्देनजर राजधानी के कांटा टोली में फ्लाई ओवर का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन कांटा टोली में बन रहा फ्लावर आम लोगों के लिए आफत बन गया है. यहां हमेशा कांटा टोली में जाम की स्थिति बनी रहती है (problem of traffic jam at Kanta Toli Chowk).
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फ्लाई ओवर बनाने के लिए सड़क किनारे रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट की ओर से मैटेरियल रखे गए हैं. जिसके कारण सड़क के दोनों तरफ रास्ता काफी संकरा हो गया है. यहां ट्रैफिक का फ्लो भी काफी ज्यादा होता है. इससे यहां अक्सर जाम की स्थिति हो जाती है और लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ पड़ता है. जाम की बढ़ती समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से सार्वजनिक गाड़ियों का रूट डायवर्ट किया गया है ताकि कांटा टोली चौक पर जाम की समस्या से लोगों को निजात मिल सके. लेकिन जिला प्रशासन का यह उपाय लोगों के लिए कुछ खास कारगर साबित नहीं हुआ, क्योंकि जिस जाम को हटाने के लिए रास्ता डायवर्ट किया गया था. अब वही जाम राजधानी के अन्य चौक चौराहे पर लगने शुरू हो गए हैं.
ऑटो और ई रिक्शा के रूट को किया गया डायवर्ट: ऑटो और ई-रिक्शा को बंद करने की वजह से सभी गाड़ियां बहु बाजार चौक और कर्बला चौक होकर कांटा टोली की तरफ आती हैं. जिस वजह से मिशन चौक, कर्बला चौक और बहू बाजार चौक पर भारी जाम लग रहा है. स्थानीय लोगों ने कहा कि जिला प्रशासन के उदासीन रवैया के वजह से जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है. कंस्ट्रक्शन मैटेरियल जहां तहां गिरे हुए हैं जिस कारण कई बार सड़क हादसे में लोग घायल भी हुए हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन की तरफ से कांटा टोली चौक पर व्यवस्था दुरुस्त रखी जाती तो वैकल्पिक रास्ते के माध्यम से लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाया जा सकता है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस और जिला प्रशासन के लोगों की लापरवाही प्रतिदिन जाम को बढ़ा रही है. कांटा टोली फ्लावर का निर्माण रघुवर दास की सरकार से शुरू हुआ और फिर किसी कारण बस वह बंद हो गया. लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार आने के कांटा टोली फ्लावर का फिर से डीपीआर बनाया गया और दोबारा निर्माण की अनुमति दी गई. पिछले 5 वर्षों से फ्लावर निर्माणाधीन है ऐसे में लोगों की समस्या ज्यों की त्यों हैं.