रांची: झारखंड की प्रधान सचिव आराधना पटनायक ने सूबे के 3 प्रगतिशील महिला किसान उत्पादक संगठनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. इसमें झारखंड में सखी मंडल से जुड़ी दीदियों की आमदनी में बढ़ोतरी हो. इसको लेकर विभाग लगातार किस तरीके से प्रयास कर रहा है. इसके साथ ही उत्पादक कंपनी की महिलाओं से बात कर अधिकार से संबंधित कई बातों की जानकारी ली गई.
पाकुड़ के लिए पीपाड़ा प्रखंड की पीवीटीजी महिलाओं की ओर से संचालित गुतु गलांग कल्याण ट्रस्ट ग्रीडी के बेंगाबाद प्रखंड के धान आजीविका महिला किसान उत्पादक समूह और हजारीबाग के दारू प्रखंड के वनोपज किसान उत्पादक कंपनी महिला सदस्यों ने ग्रामीण विकास सचिव से चर्चा करते हुए अपने संगठन के अनुभव और सफलताएं भी साझा की. पाकुड़ गुतु गलांग कल्याण ट्रस्ट के सदस्यों से बातचीत के दौरान ग्रामीण विकास सचिव ने पीबीपीजी परिवारों के लिए चलाए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की चर्चा के दौरान उन्होंने अधिक जनजातीय परिवारों पीवीजीटी तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए विशेष जोर दिया.
ग्रामीण विकास सचिव ने गुतु गलांग कल्याण ट्रस्ट की वीडियो को अधिक से अधिक पीवीटीजी परिवार आजीविका के संसाधनों से जोड़ने की अपील की. वहीं, दीदी बाड़ी योजनाओं को हर पीवीटीजी परिवार तक पहुंचाने के लिए भी सखी मंडल और उत्पादन कंपनी को काम करने की बात कही. गुतु गलांग कल्याण ट्रस्ट की सदस्य रूबी महतो ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बताया कि गुतु गलांग कल्याण ट्रस्ट के माध्यम से जुड़कर महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं. पहले आजीविका का कोई साधन नहीं था, घर से बाहर निकलकर अपनी जीविका कमाना एक साधन था, लेकिन अह हर महीने नियमित आमदनी कर रहे हैं.
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गुतु गलांग कल्याण ट्रस्ट ने इस वर्ष 14 लाख रुपए वार्षिक टर्नओवर किया और हर महीने ट्रस्ट की ओर से एक लाख से अधिक आमदनी की जाती है. इस दौरान ग्रामीण विकास सचिव ने सदस्यों से बात करते हुए उनसे दीदी बाड़ी योजना के बारे में जानकारी ली और विशेष पीवीटीजी परिवार को इस योजना से जोड़ने का प्रयास पर बल दिया.
गिरिडीह, हजारीबाग की उत्पादक कंपनी महिलाओं से बात करते हुए ग्रामीण विकास विभाग झारखंड की प्रधान सचिव आराधना पटनायक ने उत्पादक और विभिन्न कार्यों की जानकारी ली. उन्होंने दीदियों से अपने उत्पादन की गुणवत्ता बनाए रखने की बात कही. गिरिडीह के उत्थान आजीविका उत्पादन कंपनी महिला सदस्य अनु देवी ने बताया कि किस प्रकार उत्पादक कंपनी से जुड़कर उनके प्रखंड की 3,800 से अधिक महिलाएं देकी चावल, दाल, साबुन और फिनायल निर्माण के जरिए अपनी आजीविका कमा रही हैं.
हजारीबाग के वनोपज किसान उत्पादक कंपनी से चर्चा के दौरान आराधना पटनायक ने सभी महिलाओं से विविध आजीविका के साधनों से जोड़ने की सलाह दी. उससे उनकी आय से अधिक बढ़ोतरी हो. वनोपज किसान उत्पादन कंपनी की अध्यक्षता राखी कुमारी ने कंपनी के जरिए महिलाओं की आत्मनिर्भरता के सफर को विस्तार पूर्वक बताया.