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मुख्यमंत्री रघुवर दास का ऐलान, 30 अगस्त से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से जुड़ी महिलाओं को मिलेगी नई जिंदगी

झारखंड देश का पहला राज्य है जहां लाभुकों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सिलिंडर के साथ-साथ चूल्हा भी दिया गया है. बुधवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 20 सूत्री जिला उपाध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी के उपयोग और सुरक्षा को लेकर आयोजित कार्यशाला में शिरकत की.

मुख्यमंत्री रघुवर दास का ऐलान
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Published : Aug 22, 2019, 10:01 AM IST

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 20 सूत्री जिला उपाध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी के उपयोग और सुरक्षा को लेकर आयोजित कार्यशाला में शिरकत की. यह कार्यशाला प्रोजेक्ट भवन में आयोजित की गई, झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां लाभुकों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सिलिंडर के साथ-साथ चूल्हा भी दिया गया है.

देखें पूरी खबर

महिलाओं को मिली नई जिंदगी
सरकार का दावा है कि इस पहल से धुएं की घुटन में जिंदगी गुजारने वाली महिलाओं को नई जिंदगी मिली है. इस योजना से गरीबों को जीवन में आए सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार ने लाभुकों को एक और सिलिंडर को मुफ्त में रिफिल कराने की भी कवायद शुरू कर दी है. चुंकि एलपीजी के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत होती है, लिहाजा इस कार्यशाला के दौरान 20 सूत्री उपाध्यक्ष हो और प्रखंड अध्यक्षों को लाभुकों के बीच सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के तरीके बताए गए.

उज्जवला दीदी के चयन की प्रक्रिया पूरी
पूरे देश में झारखंड एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पंचायत स्तर पर दो-दो उज्जवला दीदी के चयन की प्रक्रिया पूरी हो चूकी है. कई जिलों में ग्राम स्तर पर भी उज्ज्वला दीदी का चयन किया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जवला दीदी की जिम्मेदारी बनती है कि वे हर गांव हर घर में जाकर महिलाओं को एलपीजी इंधन के फायदों से अवगत कराएं और उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही उज्जवला योजना के अंतर्गत मुफ्त गैस कनेक्शन के लिए प्रेरित करें.

इस्तेमाल और फायदे से कराएंगी अवगत
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह भी कहा कि राज्य के 29 हजार गांवों में उज्जवला दीदी बनाए जाने हैं. इनके चयन की प्रक्रिया हर हाल में 30 अगस्त तक पूरी कर ली जानी चाहिए. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बीस सूत्री के जिला उपाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों को कहा कि वे अविलंब पांच सदस्यों की सूची दें. जिन्हें एलपीजी इंधन के सुरक्षित इस्तेमाल और उज्जवला योजना से जुड़ी जानकारी देने हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा. ये प्रशिक्षण लेने के बाद वे उज्ज्वला दीदी को प्रशिक्षित करेंगे. ताकि वे सुदरवर्ती इलाके में रहने वाले परिवारों को भी मुफ्त गैस कनेक्शन देने के लिए प्रेरित करने के साथ इसके सुरक्षित इस्तेमाल और फायदे से अवगत कराएंगी.

14 सितंबर तक पूर होगा काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 1001 स्थानों पर उज्ज्वला पंचायत का आयोजन किया जाना है. 29 जुलाई से इसकी शुरूआत हो चुकी है और आगामी 14 सितंबर तक यह पूरी कर ली जाएगी. इन उज्ज्वला पंचायतों के माध्यम से न सिर्फ छूटे हुए लाभुकों को योजना से जोड़ा जाएगा, बल्कि स्वच्छ इंधन के महत्व के बारे में भी जागरुक किया जा रहा है.

महिलाओं की जिंदगी में अहम आया बदलाव
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले उज्ज्वला योजना से महिलाओं की जिंदगी में अहम बदलाव आया है. उन्हें चूल्हे में खाना बनाने के दौरान होने वाले धुएं और घुटन से आजादी मिली है. उनके स्वास्थ्य को भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है और समय की भी बचत हो रही है. जिसका इस्तेमाल वे दूसरे कार्यों में कर रही हैं. इतना ही नहीं इससे पर्यावरण संरक्षण में भी काफी मदद मिल रही है. उन्होंने बीस सूत्री के जिला उपाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों को कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति के परिवारों को भी एलपीजी गैस कनेक्शन और उसके इस्तेमाल करने की दिशा में जागरूक करने में अहम रोल निभाएं.

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 20 सूत्री जिला उपाध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी के उपयोग और सुरक्षा को लेकर आयोजित कार्यशाला में शिरकत की. यह कार्यशाला प्रोजेक्ट भवन में आयोजित की गई, झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां लाभुकों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सिलिंडर के साथ-साथ चूल्हा भी दिया गया है.

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महिलाओं को मिली नई जिंदगी
सरकार का दावा है कि इस पहल से धुएं की घुटन में जिंदगी गुजारने वाली महिलाओं को नई जिंदगी मिली है. इस योजना से गरीबों को जीवन में आए सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार ने लाभुकों को एक और सिलिंडर को मुफ्त में रिफिल कराने की भी कवायद शुरू कर दी है. चुंकि एलपीजी के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत होती है, लिहाजा इस कार्यशाला के दौरान 20 सूत्री उपाध्यक्ष हो और प्रखंड अध्यक्षों को लाभुकों के बीच सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के तरीके बताए गए.

उज्जवला दीदी के चयन की प्रक्रिया पूरी
पूरे देश में झारखंड एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पंचायत स्तर पर दो-दो उज्जवला दीदी के चयन की प्रक्रिया पूरी हो चूकी है. कई जिलों में ग्राम स्तर पर भी उज्ज्वला दीदी का चयन किया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जवला दीदी की जिम्मेदारी बनती है कि वे हर गांव हर घर में जाकर महिलाओं को एलपीजी इंधन के फायदों से अवगत कराएं और उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही उज्जवला योजना के अंतर्गत मुफ्त गैस कनेक्शन के लिए प्रेरित करें.

इस्तेमाल और फायदे से कराएंगी अवगत
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह भी कहा कि राज्य के 29 हजार गांवों में उज्जवला दीदी बनाए जाने हैं. इनके चयन की प्रक्रिया हर हाल में 30 अगस्त तक पूरी कर ली जानी चाहिए. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बीस सूत्री के जिला उपाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों को कहा कि वे अविलंब पांच सदस्यों की सूची दें. जिन्हें एलपीजी इंधन के सुरक्षित इस्तेमाल और उज्जवला योजना से जुड़ी जानकारी देने हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा. ये प्रशिक्षण लेने के बाद वे उज्ज्वला दीदी को प्रशिक्षित करेंगे. ताकि वे सुदरवर्ती इलाके में रहने वाले परिवारों को भी मुफ्त गैस कनेक्शन देने के लिए प्रेरित करने के साथ इसके सुरक्षित इस्तेमाल और फायदे से अवगत कराएंगी.

14 सितंबर तक पूर होगा काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 1001 स्थानों पर उज्ज्वला पंचायत का आयोजन किया जाना है. 29 जुलाई से इसकी शुरूआत हो चुकी है और आगामी 14 सितंबर तक यह पूरी कर ली जाएगी. इन उज्ज्वला पंचायतों के माध्यम से न सिर्फ छूटे हुए लाभुकों को योजना से जोड़ा जाएगा, बल्कि स्वच्छ इंधन के महत्व के बारे में भी जागरुक किया जा रहा है.

महिलाओं की जिंदगी में अहम आया बदलाव
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले उज्ज्वला योजना से महिलाओं की जिंदगी में अहम बदलाव आया है. उन्हें चूल्हे में खाना बनाने के दौरान होने वाले धुएं और घुटन से आजादी मिली है. उनके स्वास्थ्य को भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है और समय की भी बचत हो रही है. जिसका इस्तेमाल वे दूसरे कार्यों में कर रही हैं. इतना ही नहीं इससे पर्यावरण संरक्षण में भी काफी मदद मिल रही है. उन्होंने बीस सूत्री के जिला उपाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों को कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति के परिवारों को भी एलपीजी गैस कनेक्शन और उसके इस्तेमाल करने की दिशा में जागरूक करने में अहम रोल निभाएं.

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रांची

मुख्यमंत्री ने 20 सूत्री जिला उपाध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी के उपयोग और सुरक्षा को लेकर आयोजित कार्यशाला में शिरकत की। यह कार्यशाला प्रोजेक्ट भवन में आयोजित की गई . झारखंड देश का पहला राज्य है जहां लाभुकों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर के साथ-साथ मोस्ट चूल्हा भी दिया गया है। सरकार का दावा है कि इस पहल से धुंए की घुटन में जिंदगी गुजारने वाली महिलाओं को नई जिंदगी मिली है। इस योजना से गरीबों को जीवन में आए सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार ने लाभुकों को एक और सिलेंडर को मुफ्त में रिफिल कराने की भी कवायद शुरू कर दी है। चुकी एलपीजी के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत होती है लिहाजा इस कार्यशाला के दौरान 20 सूत्री उपाध्यक्ष हो और प्रखंड अध्यक्षों को लाभुकों के बीच सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के तरीके बताए गए।।

Body:पूरे देश में झारखंड एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पंचायत स्तर पर दो-दो उज्जवला दीदी के चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. कई जिलों में ग्राम स्तर पर भी उज्ज्वला दीदी का चयन किया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जवला दीदी की जिम्मेदारी बनती है कि वे हर गांव-घर में
जाकर महिलाओं को एलपीजी इंधन के फायदों से अवगत कराएं और उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही उज्जवला योजना के अंतर्गत मुफ्त गैस कनेक्शन के लिए प्रेरित करें. उन्होंने यह भी राज्य के 29 हजार गांवों में उज्जवला दीदी बनाए जाने हैं. इनके चयन की प्रक्रिया हर हाल में 30 अगस्त तक पूरी कर ली जानी चाहिए.


मुख्यमंत्री ने बीस सूत्री के जिला उपाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों को कहा कि वे अविलंब पांच सदस्यों की सूची दें, जिन्हें एलपीजी इंधन के सुरक्षित इस्तेमाल व उज्जवला योजना से जुड़ी जानकारी देने हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा. य़े प्रशिक्षण लेने के उपरांत वे उज्जवला दीदी को प्रशिक्षित करेंगे, ताकि वे सुदरवर्ती इलाके में रहने वाले परिवारों को भी मुफ्त गैस कनेक्शन देने के लिए प्रेरित करने के साथ इसके सुरक्षित इस्तेमाल व फायदे से अवगत कराएंगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 1001 स्थानों पर उज्जवला पंचायत का आय़ोजन किया जाना है. 29 जुलाई से इसकी शुरूआत हो चुकी है और आगामी 14 सितंबर तक यह पूरी कर ली जाएगी. इन उज्जवला पंचायतों के माध्यम से न सिर्फ छूटे हुए लाभुकों को उज्जवला योजना से जोड़ा जाएगा, बल्कि स्वच्छ इंधन के महत्व के बारे में भी जागरुक किया जा रहा है.

Conclusion:मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले उज्जवला योजना से महिलाओं की जिंदगी में अहम बदलाव आया है. उन्हें चूल्हे में खाना बनाने के दौरान होने वाले धुएं और घुटन से आजादी मिली है. उनके स्वास्थ्य को भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है और समय की भी बचत हो रही है, जिसका इस्तेमाल वे दूसरे कार्यों में कर रही हैं. इतना ही नहीं इससे पर्यावरण संरक्षण में भी काफी मदद मिल रही है. उन्होंने बीस सूत्री के जिला उपाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों को कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति के परिवारों को भी एलपीजी गैस कनेक्शऩ व उसके इस्तेमाल करने की दिशा में जागरूक करने में अहम रोल निभाएं.
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