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झारखंड पुलिस को टेक्नोसेवी बनाने की तैयारी, अधिकारियों ने दिया प्लान

झारखंड में पुलिस अफसरों को टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाने पर काम चल रहा है. पुलिसिंग में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को अधिक से अधिक कारगर कैसे बनाया जाए इसे लेकर प्लान बनाया जा रहा है. जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपा जाएगा.

Jharkhand Police
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Published : Jul 12, 2022, 10:25 PM IST

रांचीः झारखंड में पुलिस अफसरों और कर्मियों को टेक्नकिल रूप से दक्ष बनाया जाएगा. केंद्र सरकार की नेशनल टेक्नोलॉजी मिशन के तहत राज्य में पुलिसकर्मियों को टेक्नोसेवी बनाने को लेकर एक दर्जन आईपीएस अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय ने टास्क दिया था. इस टास्क के तहत आईपीएस अधिकारियों ने अपने स्तर से योजना बनाई है कि पुलिसिंग में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को कैसे बढ़ावा दिया जाए. सारे आईपीएस अधिकारियों से अलग अलग आए फीडबैक के आधार पर झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा एक पेपर केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिया जाएगा. इसके बाद इसी आधार पर पुलिस में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ाने की दिशा में काम होगा.


20 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठकः राज्य पुलिस मुख्यालय ने पुलिसकर्मियों को टेक्नोसेवी बनाने की योजना पर काम की मॉनिटरिंग का टास्क एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर को दिया है. 20 जुलाई को झारखंड पुलिस की ओर से एडीजी लाटकर गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करेंगे. अधिकारियों के मुताबिक, देशभर में नेशनल टेक्नोलॉजी मिशन के तहत पुलिसकर्मियों को टेक्नोसेवी बनाने की दिशा में पहल ही की गई है. इसकी मॉनिटरिंग राष्ट्रीय स्तर पर स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर रहे हैं. प्रत्येक राज्य में वहां की चुनौतियों के मुताबिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर योजना बनाने का टास्क दिया गया है.

आपराधिक मामलों में साक्ष्य जुटाने में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अहम ः आपराधिक मामलों के बाद साक्ष्य जुटाने में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और टेक्निकल साक्ष्य के जरिए अपराधियों को सजा दिलाने में पुलिस को कैसे काम करना चाहिए, कैसे टेक्निकल साक्ष्य जुटाए जाने चाहिए इसे लेकर भी योजना बनाई जाएगी.

रांचीः झारखंड में पुलिस अफसरों और कर्मियों को टेक्नकिल रूप से दक्ष बनाया जाएगा. केंद्र सरकार की नेशनल टेक्नोलॉजी मिशन के तहत राज्य में पुलिसकर्मियों को टेक्नोसेवी बनाने को लेकर एक दर्जन आईपीएस अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय ने टास्क दिया था. इस टास्क के तहत आईपीएस अधिकारियों ने अपने स्तर से योजना बनाई है कि पुलिसिंग में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को कैसे बढ़ावा दिया जाए. सारे आईपीएस अधिकारियों से अलग अलग आए फीडबैक के आधार पर झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा एक पेपर केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिया जाएगा. इसके बाद इसी आधार पर पुलिस में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ाने की दिशा में काम होगा.


20 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठकः राज्य पुलिस मुख्यालय ने पुलिसकर्मियों को टेक्नोसेवी बनाने की योजना पर काम की मॉनिटरिंग का टास्क एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर को दिया है. 20 जुलाई को झारखंड पुलिस की ओर से एडीजी लाटकर गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करेंगे. अधिकारियों के मुताबिक, देशभर में नेशनल टेक्नोलॉजी मिशन के तहत पुलिसकर्मियों को टेक्नोसेवी बनाने की दिशा में पहल ही की गई है. इसकी मॉनिटरिंग राष्ट्रीय स्तर पर स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर रहे हैं. प्रत्येक राज्य में वहां की चुनौतियों के मुताबिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर योजना बनाने का टास्क दिया गया है.

आपराधिक मामलों में साक्ष्य जुटाने में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अहम ः आपराधिक मामलों के बाद साक्ष्य जुटाने में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और टेक्निकल साक्ष्य के जरिए अपराधियों को सजा दिलाने में पुलिस को कैसे काम करना चाहिए, कैसे टेक्निकल साक्ष्य जुटाए जाने चाहिए इसे लेकर भी योजना बनाई जाएगी.

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