रांचीः झारखंड में सत्ता के गलियारों में सबसे चर्चित नाम प्रेम प्रकाश पूर्व में बैंक जालसाजी के मामले में आरोपी रहा है. प्रेम प्रकाश के ठिकानों पर बुधवार को ईडी टीम ने छापेमारी की. जांच के क्रम में यह बात सामने आई कि प्रेम प्रकाश और उसकी मां दोनों ही बैंक जालसाजी के मामले में आरोपी हैं. यह मामला पटना स्थित सीबीआई कोर्ट में चल रहा है.
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ईडी के रडार पर आए प्रेम प्रकाश कि अब पुरानी कहानियां निकल कर सामने आ रही है. सत्ता के गलियारों में चर्चित नाम प्रेम प्रकाश उर्फ पीपी पूर्व में बैंक जालसाजी के एक केस में सीबीआई का आरोपी रहा है. प्रेम प्रकाश के साथ इस केस में पूर्व आईएएस अधिकारी महावीर प्रसाद भी आरोपी थे. इस मामले में सीबीआई ने प्रेम प्रकाश की मां प्रभा सिन्हा को भी आरोपी बनाया था. मिली जाकनारी के मुताबिक प्रेम प्रकाश को एसबीआई में अनुकंपा के आधार पर सासाराम के फजलगंज शाखा में नौकरी मिली थी. इसके बाद पटना के राजभवन शाखा में प्रेम प्रकाश की पोस्टिंग साल 2002 में हुई. इस दौरान बैंक शाखा से 26.50 लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली थी. इस मामले में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर विपिन बिहारी पाठक, प्रेम प्रकाश, कौशलेंद्र रंजन, प्रभा सिन्हा और पंकज प्रसून को आरोपी बनाया गया था. एफआईआर दर्ज होने के कई माह बाद तक प्रेम प्रकाश फरार रहा. सीबीआई ने इस मामले में आरसी 8ए/2005 दर्ज किया था.
जानकारी के मुताबिक प्रेम प्रकाश ने 21 लाख रुपये का एक चेक जमा किया था. यह चेक यूको बैंक मुखर्जी नगर दिल्ली की शाखा से पंकज प्रसून ने 21 फरवरी 2002 को जारी किया था. इसके बाद इन पैसों को प्रेम प्रकाश और उसकी मां प्रभा सिन्हा के बैंक खाते में क्रेडिट कर दिया था. इस मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर की भूमिका भी सामने आयी थी. पैसे क्रेडिट होने के बाद उसी दिन पैसे की निकासी प्रेम प्रकाश ने अपनी मां के साथ मिलकर कर ली थी. इसके कुछ ही दिनों बाद प्रेम प्रकाश ने 4.50 लाख रुपये का एक और चेक कौशल रंजन के केनरा बैंक खाते का भी अपने खाते में डलवाया. लेकिन यूको बैंक को केनरा बैंक ने चेक क्लीयरेंस नहीं दिया था. इसके बाद राजभवन शाखा से भी तत्कालीन आईएएस अधिकारी महावीर प्रसाद से 1.50 लाख रुपये का चेक प्रेम प्रकाश ने अपने साझा बैंक खाते में डलवाया था. मामला सामने आने के बाद महावीर प्रसाद सहित अन्य को सीबीआई ने आरोपी बनाया था. हालांकि तब जांच में यह बात सामने आयी कि पैसों की निकासी के लिए महावीर प्रसाद सहित अन्य कई लोगों के फर्जी हस्ताक्षर और स्टांप का प्रयोग प्रेम प्रकाश ने किया था. इस मामले में पटना स्थित सीबीआई कोर्ट में ट्रायल चल रहा है.