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रांची स्मार्ट सिटी के प्लाट्स के ई-ऑक्शन के लिए की गयी ऑनलाइन प्री बीड मीटिंग, मिले कई सुझाव

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Published : Dec 18, 2020, 9:25 PM IST

रांची स्मार्ट सिटी एबीडी क्षेत्र में प्लॉट्स के ई ऑक्शन की प्रक्रिया से संबंधित ऑनलाइन प्री बीड मीटिंग का आयोजन शुक्रवार को किया गया. राज्य सचिवालय प्रोजेक्ट भवन स्थित नगर विकास और आवास विभाग के सचिव कार्यालय से विभागीय सचिव सह सीएमडी रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन विनय कुमार चौबे ने देश के विभिन्न राज्यों से जुड़े निवेशकों से उनके सवाल सुने और उसका जवाब भी दिया.

रांची स्मार्ट सिटी के प्लाट्स के ई-ऑक्शन के लिए की गयी ऑनलाइन प्री बीड मीटिंग
pre bid meeting for e-auction of ranchi smart city plots

रांचीः स्मार्ट सिटी एबीडी क्षेत्र में प्लॉट्स के ई ऑक्शन की प्रक्रिया से संबंधित ऑनलाइन प्री बीड मीटिंग का आयोजन शुक्रवार को किया गया. राज्य सचिवालय प्रोजेक्ट भवन स्थित नगर विकास और आवास विभाग के सचिव कार्यालय से विभागीय सचिव सह सीएमडी रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन विनय कुमार चौबे ने देश के विभिन्न राज्यों से जुड़े निवेशकों से उनके सवाल सुनें और उसका जवाब भी दिया.

ये भी पढ़ेंः लातेहारः तेतरियाखाड़ कोलियरी में उग्रवादियों ने किया हमला, वाहनों को जलाया, जमकर चलाई गोली


इस क्रम में कई कंपनियों के प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए जिसपर जरूरत के हिसाब से संशोधन और लचीलापन का सीएमडी की ओर से आश्वासन दिया गया. इस मौके पर नगर विकास एवं आवास विभाग झारखंड के सचिव सह सीएमडी रांची स्मार्ट सिटी विनय कुमार चौबे ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता है कि हम विश्वस्तरीय शहर की परिकल्पना को धरातल पर लाने का प्रयास करें. उन्होंने झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स, झारखंड बिल्डर्स एसोसिएशन सहित कई प्रमुख संस्थानों की ओर से भेजे गए सवालों पर भी कॉर्पोरेशन का रुख साफ किया. इसके बाद सचिव ने लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा शिक्षा, स्वास्थ्य, रियल इस्टेट, कॉमर्शियल सेक्टर क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों के प्रतिनिधियों के सवाल का जवाब दिया.

वहीं निवेशकों के आग्रह पर जिन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सचिव ने लचीलापन और संशोधन का आश्वासन दिया. वो इस प्रकार हैंः-

स्मार्ट सिटी क्षेत्र में अगर प्लॉट का आवंटन किसी कंपनी को होता है और अगर वो पांच साल में कार्य पूरा नहीं कर पाता है, लेकिन इसके निर्माण के लिए अगर बिल्डर की लापरवाही नहीं है. बल्कि किसी प्रकार के क्लियरेंस के कारण विलंब हुआ है तो उसे अवधि विस्तार दिया जा सकता है.

आवासीय क्षेत्र में काम करनेवाली कंपनियों को अगर जमीन अलॉट हो रहा है, तो कंस्ट्रक्शन बैंक गारंटी पर मिली आपत्ति पर सचिव ने कहा कि हम इसमें संशोधन के लिए कैबिनेट में मामला को ले जाएंगे.

प्राथमिक स्कूल के मामले में 1-10 नेशनल रैंकिग रोड़ा नहीं बनेगा. वहीं बच्चों की संख्या को लेकर भी लचीलापन को लेकर सचिव ने इच्छुक निवेशकों को आश्वस्त किया.

लैंड ऑक्शन के लिए अनुभव के रुप में दिया जा रहा, प्रोजेक्ट अगर रेरा कानून लागू होने के बाद का है तो संबंधित कंपनी को उस प्रोजेक्ट का रेरा से निबंधन का डाक्यूमेंट्स देना होगा.

प्रोजेक्ट्स के डेवलपमेंट के दौरान संबंधित एजेंसी को वैधानिक स्वीकृति खुद लेनी होगी. इस कार्यक्रम में रांची स्मार्ट सिटी की ओर से स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के सीईओ अमित कुमार, महाप्रबंधक तकनीकी राकेश कुमार नंदक्योलियार और पीआरओ अमित कुमार के साथ साथ कई पदाधिकारी मौजूद रहे.

रांचीः स्मार्ट सिटी एबीडी क्षेत्र में प्लॉट्स के ई ऑक्शन की प्रक्रिया से संबंधित ऑनलाइन प्री बीड मीटिंग का आयोजन शुक्रवार को किया गया. राज्य सचिवालय प्रोजेक्ट भवन स्थित नगर विकास और आवास विभाग के सचिव कार्यालय से विभागीय सचिव सह सीएमडी रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन विनय कुमार चौबे ने देश के विभिन्न राज्यों से जुड़े निवेशकों से उनके सवाल सुनें और उसका जवाब भी दिया.

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इस क्रम में कई कंपनियों के प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए जिसपर जरूरत के हिसाब से संशोधन और लचीलापन का सीएमडी की ओर से आश्वासन दिया गया. इस मौके पर नगर विकास एवं आवास विभाग झारखंड के सचिव सह सीएमडी रांची स्मार्ट सिटी विनय कुमार चौबे ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता है कि हम विश्वस्तरीय शहर की परिकल्पना को धरातल पर लाने का प्रयास करें. उन्होंने झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स, झारखंड बिल्डर्स एसोसिएशन सहित कई प्रमुख संस्थानों की ओर से भेजे गए सवालों पर भी कॉर्पोरेशन का रुख साफ किया. इसके बाद सचिव ने लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा शिक्षा, स्वास्थ्य, रियल इस्टेट, कॉमर्शियल सेक्टर क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों के प्रतिनिधियों के सवाल का जवाब दिया.

वहीं निवेशकों के आग्रह पर जिन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सचिव ने लचीलापन और संशोधन का आश्वासन दिया. वो इस प्रकार हैंः-

स्मार्ट सिटी क्षेत्र में अगर प्लॉट का आवंटन किसी कंपनी को होता है और अगर वो पांच साल में कार्य पूरा नहीं कर पाता है, लेकिन इसके निर्माण के लिए अगर बिल्डर की लापरवाही नहीं है. बल्कि किसी प्रकार के क्लियरेंस के कारण विलंब हुआ है तो उसे अवधि विस्तार दिया जा सकता है.

आवासीय क्षेत्र में काम करनेवाली कंपनियों को अगर जमीन अलॉट हो रहा है, तो कंस्ट्रक्शन बैंक गारंटी पर मिली आपत्ति पर सचिव ने कहा कि हम इसमें संशोधन के लिए कैबिनेट में मामला को ले जाएंगे.

प्राथमिक स्कूल के मामले में 1-10 नेशनल रैंकिग रोड़ा नहीं बनेगा. वहीं बच्चों की संख्या को लेकर भी लचीलापन को लेकर सचिव ने इच्छुक निवेशकों को आश्वस्त किया.

लैंड ऑक्शन के लिए अनुभव के रुप में दिया जा रहा, प्रोजेक्ट अगर रेरा कानून लागू होने के बाद का है तो संबंधित कंपनी को उस प्रोजेक्ट का रेरा से निबंधन का डाक्यूमेंट्स देना होगा.

प्रोजेक्ट्स के डेवलपमेंट के दौरान संबंधित एजेंसी को वैधानिक स्वीकृति खुद लेनी होगी. इस कार्यक्रम में रांची स्मार्ट सिटी की ओर से स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के सीईओ अमित कुमार, महाप्रबंधक तकनीकी राकेश कुमार नंदक्योलियार और पीआरओ अमित कुमार के साथ साथ कई पदाधिकारी मौजूद रहे.

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