रांची: एक तरफ जहां झारखंड में पंचायत चुनाव की तैयारी लगभग पूरी हो गई है और जल्द ही पंचायत चुनाव की घोषणा हो सकती है. वहीं दूसरी ओर पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने झारखंड में पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. झारखंड सरकार चाहती है कि पंचायत चुनाव बगैर ओबीसी आरक्षण के कराई जाए इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका पर सियासत शुरू हो गई है.
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आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को सही बताते हुए कहा कि सरकार से उनकी पार्टी ने कई बार आग्रह किया है जिसे अनसुना कर दिया जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मनमाने तरीके से ओबीसी की हकमारी कर बगैर आरक्षण के झारखंड में पंचायत चुनाव कराना चाहती है. इधर, सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने इस बयान को राजनीति से प्रेरित बताया है. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति पर सरकार साफ कर चुकी है कि इस बार बगैर ओबीसी आरक्षण के ही पंचायत चुनाव होगा, ऐसे में इस तरह की याचिका दाखिल करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सबसे पहले ओबीसी आरक्षण की मांग करते हुए आंदोलन शुरू किया था उसके बाद अन्य दल शामिल हुए हैं.
सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने याचिका के जरिए झारखंड सरकार और राज निर्वाचन आयोग को पार्टी बनाया है. याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बगैर पंचायत चुनाव कराना चाहती है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि ट्रिपल टेस्ट के तहत कमीशन गठन कर पिछड़ा वर्ग का इंपीरियल डाटा इकट्ठा करना है और इसके आधार पर पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का प्रावधान लागू करना है.
इसके अलावा चंद्र प्रकाश चौधरी ने ये भी कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार पंचायत चुनाव कराने से पहले राज्य सरकार को पिछड़ा वर्ग को पंचायत चुनाव में आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्टिंग कराने के लिए कमेटी का गठन करना जरूरी है. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर ही महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार ने अपने-अपने राज्यों में पंचायत चुनाव कराने पर रोक लगा दी और ट्रिपल टेस्टिंग के लिए कमेटी गठित कर दी है. झारखंड सरकार को भी महाराष्ट्र में मध्यप्रदेश की तरह पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए चुनाव से पहले ट्रिपल टेस्टिंग कराने के लिए कमेटी का गठन करना पिछड़ा वर्ग के हित में होगा.