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झारखंड में रामनवमी पर राजनीति, नई गाइडलाइन पर आमने सामने बीजेपी और कांग्रेस - BJP State Spokesperson Pratul Shahdev

झारखंड में रामनवमी पर सियासत शुरू हो गया है. बीजेपी ने राज्य सरकार की नई गाइडलाइन को सनातन और सरना विरोधी बताया है. वहीं कांग्रेस ने गाइडलाइन का बचाव करते हुए बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.

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रामनवमी पर राजनीति
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Published : Apr 1, 2022, 7:44 AM IST

Updated : Apr 1, 2022, 8:41 AM IST

रांची: रामनवमी और सरहुल के अवसर पर निकलने वाली जुलूस को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन पर सियासी घमासान छिड़ गया है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस मुद्दे पर आमने सामने हैं. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार को सनातन और सरना विरोधी बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने रामनवमी गाइडलाइन को जनभावना के विरुद्ध बताते हुए सरकार के फैसले की निंदा की.

ये भी पढ़ें: हजारीबाग में रामनवमी जुलूस पर बीजेपी विधायक और सांसद में मतभेद, सरकार के फैसले पर दोनों के अलग-अलग सुर

सरकार की गाइडलाइन उचित नहीं: बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि देश में कोरोना का लहर समाप्त होने को है और लोग दो साल बाद सरहुल और रामनवमी जैसा त्योहार लोग धूमधाम से मनाना चाहते हैं. सरकार के द्वारा जुलूस में सिर्फ 100 लोगों के शामिल होने और इसे शाम 6 बजे तक समाप्त करने का फैसला जनविरोधी है. उन्होंने कहा सरकार का ये गाइडलाइन कहीं से उचित नहीं है. इधर कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी को सरना और रामनवमी जैसे त्योहारों पर राजनीति करने से बाज आना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि बीजेपी पर निशाना साधते हुए सरकार के फैसले को उचित ठहराया और कहा लोग भक्तिभाव के साथ दोनों पर्व मनाएंगे.

देखें वीडियो

क्या है रामनवमी गाइडलाइन: आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत सिर्फ धार्मिक जुलूस सीमित संख्या में निकालने की अनुमति दी गई है.इसके अलावे अन्य जुलूस पर प्रतिबंध पूर्व की तरह जारी रहेगा. सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार धार्मिक जुलूस में अधिकतम 100 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है. हालांकि एक से अधिक जुलूस एक साथ बारी-बारी से निकलने पर इसमें अधिकतम 1000 लोग शामिल हो सकते हैं लेकिन यह जुलूस शाम 6:00 बजे के बाद नहीं निकलेगी. मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी आदेश के अनुसार धार्मिक जुलूस में डीजे या रिकॉर्डेड गाने को बजाने पर प्रतिबंध रहेगा.

रांची: रामनवमी और सरहुल के अवसर पर निकलने वाली जुलूस को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन पर सियासी घमासान छिड़ गया है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस मुद्दे पर आमने सामने हैं. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार को सनातन और सरना विरोधी बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने रामनवमी गाइडलाइन को जनभावना के विरुद्ध बताते हुए सरकार के फैसले की निंदा की.

ये भी पढ़ें: हजारीबाग में रामनवमी जुलूस पर बीजेपी विधायक और सांसद में मतभेद, सरकार के फैसले पर दोनों के अलग-अलग सुर

सरकार की गाइडलाइन उचित नहीं: बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि देश में कोरोना का लहर समाप्त होने को है और लोग दो साल बाद सरहुल और रामनवमी जैसा त्योहार लोग धूमधाम से मनाना चाहते हैं. सरकार के द्वारा जुलूस में सिर्फ 100 लोगों के शामिल होने और इसे शाम 6 बजे तक समाप्त करने का फैसला जनविरोधी है. उन्होंने कहा सरकार का ये गाइडलाइन कहीं से उचित नहीं है. इधर कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी को सरना और रामनवमी जैसे त्योहारों पर राजनीति करने से बाज आना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि बीजेपी पर निशाना साधते हुए सरकार के फैसले को उचित ठहराया और कहा लोग भक्तिभाव के साथ दोनों पर्व मनाएंगे.

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क्या है रामनवमी गाइडलाइन: आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत सिर्फ धार्मिक जुलूस सीमित संख्या में निकालने की अनुमति दी गई है.इसके अलावे अन्य जुलूस पर प्रतिबंध पूर्व की तरह जारी रहेगा. सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार धार्मिक जुलूस में अधिकतम 100 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है. हालांकि एक से अधिक जुलूस एक साथ बारी-बारी से निकलने पर इसमें अधिकतम 1000 लोग शामिल हो सकते हैं लेकिन यह जुलूस शाम 6:00 बजे के बाद नहीं निकलेगी. मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी आदेश के अनुसार धार्मिक जुलूस में डीजे या रिकॉर्डेड गाने को बजाने पर प्रतिबंध रहेगा.

Last Updated : Apr 1, 2022, 8:41 AM IST
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