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दिल्ली में कांग्रेस दरबार पर झारखंड में सियासत, बीजेपी ने कहा- सत्ता सुख के लिए लगी हाजिरी

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Published : Feb 10, 2022, 11:52 AM IST

Updated : Feb 10, 2022, 1:24 PM IST

दिल्ली में झारखंड कांग्रेस नेताओं की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद सियासी अटकलें तेज हो गई है. बीजेपी ने जहां इसके लिए सत्ता के लिए कांग्रेस नेताओं का दर्द बताया है. वहीं कांग्रेस ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात झारखंड कांग्रेस में उत्साह का संचार होगा.

Jharkhand Congress Headquarters
झारखंड कांग्रेस मुख्यालय

रांची: दिल्ली में झारखंड कांग्रेस नेताओं की राहुल गांधी के साथ मुलाकात क्या हुई झारखंड में सियासी कयासबाजी का दौर शुरू हो गया. राहुल गांधी के साथ कांग्रेस नेताओं की मुलाकात का मकसद क्या था इस पर अटकलें लगाई जा रही है. क्या वास्तव में राहुल गांधी ने संगठन को मजबूत करने के लिए नेताओं और मंत्रियों को दिल्ली दरबार में बुलाया या फिर उद्देश्य कुछ और था.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में राहुल गांधी ने झारखंड कांग्रेस के नेताओं से की मुलाकात, पार्टी को धारदार और मजबूत बनाने का दिया टास्क

कांग्रेस में आरपीएन फैक्टर का भय: राहुल गांधी के दिल्ली दरबार के बारे में बताते हुए झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार बैद्यनाथ मिश्रा कहते हैं कि आरपीएन सिंह के जाने के बाद कांग्रेस एक अकारण भय से ग्रस्त है. जिसका नतीजा यह हुआ कि सभी कांग्रेसी विधायक,मंत्री और संगठन के नेताओं को दिल्ली बुलाना पड़ा, बैद्यनाथ मिश्र कहते हैं कि राहुल गांधी कोई कवायद नहीं कर रहे हैं बल्कि नए नए प्रभारी बने अविनाश पांडे ने इसकी पहल की ताकि झारखंड के नेताओं को इसका अहसास हो सके कि नए प्रभारी की पहुंच सीधे सोनिया-राहुल गांधी से है.

देखें वीडियो

दिल का दर्द बताने दिल्ली दरबार में हाजिरी: वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि कांग्रेसी विधायक अपना दर्द बताने के लिए दिल्ली गए. क्योंकि उन्हें सत्ता में रहने के बावजूद सत्ता सुख का एहसास नहीं हो रहा है. सीपी सिंह ने कहा कांग्रेस को जनता से किए वादे से कोई लेना देना नहीं है बल्कि सत्ता सुख का लोभ उन्हें दिल्ली ले गया था.

क्या कहती है कांग्रेस: दिल्ली दरबार से होकर अभी इक्के दुक्के नेता ही रांची लौटे हैं. ऐसे में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों, विधायकों और संगठन के अन्य नेताओं के दिल्ली तलब पर बीजेपी के मलाई खाने की होड़ वाले आरोप को कांग्रेस ने बेबुनियाद करार दिया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कोरोना काल में आलाकमान के नेताओं के साथ झारखंड के नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई थी. ऐसे में इस मुलाकात से पार्टी संगठन में जोश और ऊर्जा का संचार होगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी राहुल गांधी से कांग्रेस के नेताओं की बातचीत को सकारात्मक बताते हुए कहा कि हर दल में ऐसा होता है और इसका सकारात्मक असर कांग्रेस और सरकार पर पड़ेगा.

रांची: दिल्ली में झारखंड कांग्रेस नेताओं की राहुल गांधी के साथ मुलाकात क्या हुई झारखंड में सियासी कयासबाजी का दौर शुरू हो गया. राहुल गांधी के साथ कांग्रेस नेताओं की मुलाकात का मकसद क्या था इस पर अटकलें लगाई जा रही है. क्या वास्तव में राहुल गांधी ने संगठन को मजबूत करने के लिए नेताओं और मंत्रियों को दिल्ली दरबार में बुलाया या फिर उद्देश्य कुछ और था.

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कांग्रेस में आरपीएन फैक्टर का भय: राहुल गांधी के दिल्ली दरबार के बारे में बताते हुए झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार बैद्यनाथ मिश्रा कहते हैं कि आरपीएन सिंह के जाने के बाद कांग्रेस एक अकारण भय से ग्रस्त है. जिसका नतीजा यह हुआ कि सभी कांग्रेसी विधायक,मंत्री और संगठन के नेताओं को दिल्ली बुलाना पड़ा, बैद्यनाथ मिश्र कहते हैं कि राहुल गांधी कोई कवायद नहीं कर रहे हैं बल्कि नए नए प्रभारी बने अविनाश पांडे ने इसकी पहल की ताकि झारखंड के नेताओं को इसका अहसास हो सके कि नए प्रभारी की पहुंच सीधे सोनिया-राहुल गांधी से है.

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दिल का दर्द बताने दिल्ली दरबार में हाजिरी: वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि कांग्रेसी विधायक अपना दर्द बताने के लिए दिल्ली गए. क्योंकि उन्हें सत्ता में रहने के बावजूद सत्ता सुख का एहसास नहीं हो रहा है. सीपी सिंह ने कहा कांग्रेस को जनता से किए वादे से कोई लेना देना नहीं है बल्कि सत्ता सुख का लोभ उन्हें दिल्ली ले गया था.

क्या कहती है कांग्रेस: दिल्ली दरबार से होकर अभी इक्के दुक्के नेता ही रांची लौटे हैं. ऐसे में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों, विधायकों और संगठन के अन्य नेताओं के दिल्ली तलब पर बीजेपी के मलाई खाने की होड़ वाले आरोप को कांग्रेस ने बेबुनियाद करार दिया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कोरोना काल में आलाकमान के नेताओं के साथ झारखंड के नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई थी. ऐसे में इस मुलाकात से पार्टी संगठन में जोश और ऊर्जा का संचार होगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी राहुल गांधी से कांग्रेस के नेताओं की बातचीत को सकारात्मक बताते हुए कहा कि हर दल में ऐसा होता है और इसका सकारात्मक असर कांग्रेस और सरकार पर पड़ेगा.

Last Updated : Feb 10, 2022, 1:24 PM IST
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