ETV Bharat / city

भंवर जाल वाली राजनीति में फंसी कांग्रेस, नेता नहीं दे पा रहे जवाब

झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है और सभी राजनीतिक दलों के बीच गहन चर्चा और मंथन भी जारी है. इसमें सबसे ज्यादा चर्चा में कांग्रेस है, क्योंकि पिछले 24 घंटे से इस बात को लेकर सियासी गलियारे में मजबूत बहस चल रही है कि कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को रांची में कैंप करने का निर्देश दिया है. हालांकि कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि यह बात महज अफवाह है, लेकिन कांग्रेस के नेता खुद यह नहीं समझ पा रहे हैं कि ये अफवाह बाजार में फैल कैसे रही है.

politics of Jharkhand
politics of Jharkhand
author img

By

Published : Aug 19, 2022, 6:45 PM IST

Updated : Aug 19, 2022, 8:01 PM IST

रांचीः झारखंड में कांग्रेस की राजनीति(Congress politics in Jharkhand) हमेशा डगमगाती ही रहती है. कांग्रेस आलाकमान की स्थिति यह हो गई है कि वह एक चीज सुधारते हैं तो दूसरी चीज बिगड़ जाती है. कांग्रेस में जिस तरह के हालात बने हैं, उसमें संगठन से लेकर सरकार तक समन्वय का अभाव है (Lack of coordination in Jharkhand Congress). इसका सबसे बड़ा उदाहरण पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के तीन विधायक कैश के साथ पकड़े गए (jharkhand congress leaders arrested in west bengal) तो कहा गया कि कांग्रेसियों को तोड़ने का काम किया जा रहा था. एक दूसरे विधायक ने थाने में एफआईआर दर्ज करके अपनी बात भी रख दी कि उन्हें भी पैसे का प्रलोभन दिया गया था, लेकिन बड़ा सवाल यही रहा कि जब उन्हें पैसे का प्रलोभन दिया गया तब उन्होंने थाने को जानकारी नहीं दी और जब पश्चिम बंगाल में नेताओं की गिरफ्तारी(jharkhand congress leaders arrested in west bengal) हो गई तब उन्होंने थाने में जाकर के जानकारी दी. यह बात सीधे इसी चीज को तस्दीक करती है कि कांग्रेस में छिपाने के लिए अलग और बताने के लिए अलग शब्द रखे हुए हैं.


झारखंड सरकार में कांग्रेस की स्थिति (Congress position in Jharkhand government) क्या है, यह कांग्रेस के नेता भी बेहतर तरीके से जानते हैं. यह अलग बात है कि राजनीति में बताया कुछ जाता है होता कुछ है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष दोनों दिल्ली में हैं. हालांकि कांग्रेस के नेता इस बात का खंडन कर रहे हैं कि वह कांग्रेस के आलाकमान से इसलिए मिलने गए हैं कि झारखंड में चल रही सरकार के साथ समन्वय में किसी तरह की दिक्कत है. बल्कि बढ़ती महंगाई पर चिंता करने के लिए दिल्ली गए हुए हैं. लेकिन चिंतन कांग्रेस इस विषय का जरूर कर रही है कि जिस तरह की बातें झारखंड में उठ जा रही हैं उसकी बड़ी वजह क्या है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि उनकी समझ से यह बात परे हो गई है कि रांची में इस बात की अफवाह फैला कौन रहा है कि कांग्रेस के नेताओं को रांची में रहने का निर्देश दिया गया है. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस के नेताओं को कितनी चीजों की जानकारी रहती है और कितनी चीजों की वह जानकारी देना चाहते हैं


झारखंड प्रदेश के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने यहां तक कह दिया कि बीजेपी हमेशा झारखंड में सरकार को अस्थिर करना चाहती (Congress accuses BJP of destabilizing) है, क्योंकि बिहार में सरकार चली गई है तो ऐसे में भाजपा अपनी खीझ निकाल रही है. लेकिन कांग्रेस के नेताओं को शायद यह बात समझ में नहीं आ रही है कि उनके नेता जिस तरीके से पैसा लेकर पश्चिम बंगाल में पकड़े जाते हैं मंत्री पद के विवाद में झारखंड में जिस तरह की स्थितियां बनती हैं. राज्यसभा चुनाव को लेकर के हेमंत सोरेन जिस तरीके से कांग्रेस को किनारे कर दिए, ये तमाम स्थितियां उन कांग्रेसियों के लिए भारी पड़ रही है जो सियासत में कांग्रेस को मजबूती से झारखंड में खड़ा होने के लिए राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं.

इसमें भी बड़ी यह बात है कि कांग्रेस के किस नेता को किस तरीके का फरमान आ जाता है. कांग्रेस के राज्य के लोगों को पता ही नहीं रहता और उनकी समझ से यह बात बाहर हो जाती है कि यह बातें फैलाता कौन है. अब सबसे बड़ा सवाल कांग्रेस के उन्हीं नेताओं से है कि उनकी पार्टी की बात बाहर फैल जा रही है और उन्हें पता नहीं चल रहा है. तो संभवतः इस बात का अंदाजा और हिसाब उन्हें लगा लेना चाहिए कि उनकी पार्टी के भीतर बहुत कुछ हो जाएगा और उन्हें पता भी नहीं चलेगा और यह सियासी समीकरण झारखंड में बैठाने की पूरी कोशिश चल रही है. चाहे वह सत्ता पक्ष की अपनी रणनीति बनाने की हो या फिर विपक्ष द्वारा उसकी राजनीति को बिगाड़ने की.

रांचीः झारखंड में कांग्रेस की राजनीति(Congress politics in Jharkhand) हमेशा डगमगाती ही रहती है. कांग्रेस आलाकमान की स्थिति यह हो गई है कि वह एक चीज सुधारते हैं तो दूसरी चीज बिगड़ जाती है. कांग्रेस में जिस तरह के हालात बने हैं, उसमें संगठन से लेकर सरकार तक समन्वय का अभाव है (Lack of coordination in Jharkhand Congress). इसका सबसे बड़ा उदाहरण पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के तीन विधायक कैश के साथ पकड़े गए (jharkhand congress leaders arrested in west bengal) तो कहा गया कि कांग्रेसियों को तोड़ने का काम किया जा रहा था. एक दूसरे विधायक ने थाने में एफआईआर दर्ज करके अपनी बात भी रख दी कि उन्हें भी पैसे का प्रलोभन दिया गया था, लेकिन बड़ा सवाल यही रहा कि जब उन्हें पैसे का प्रलोभन दिया गया तब उन्होंने थाने को जानकारी नहीं दी और जब पश्चिम बंगाल में नेताओं की गिरफ्तारी(jharkhand congress leaders arrested in west bengal) हो गई तब उन्होंने थाने में जाकर के जानकारी दी. यह बात सीधे इसी चीज को तस्दीक करती है कि कांग्रेस में छिपाने के लिए अलग और बताने के लिए अलग शब्द रखे हुए हैं.


झारखंड सरकार में कांग्रेस की स्थिति (Congress position in Jharkhand government) क्या है, यह कांग्रेस के नेता भी बेहतर तरीके से जानते हैं. यह अलग बात है कि राजनीति में बताया कुछ जाता है होता कुछ है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष दोनों दिल्ली में हैं. हालांकि कांग्रेस के नेता इस बात का खंडन कर रहे हैं कि वह कांग्रेस के आलाकमान से इसलिए मिलने गए हैं कि झारखंड में चल रही सरकार के साथ समन्वय में किसी तरह की दिक्कत है. बल्कि बढ़ती महंगाई पर चिंता करने के लिए दिल्ली गए हुए हैं. लेकिन चिंतन कांग्रेस इस विषय का जरूर कर रही है कि जिस तरह की बातें झारखंड में उठ जा रही हैं उसकी बड़ी वजह क्या है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि उनकी समझ से यह बात परे हो गई है कि रांची में इस बात की अफवाह फैला कौन रहा है कि कांग्रेस के नेताओं को रांची में रहने का निर्देश दिया गया है. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस के नेताओं को कितनी चीजों की जानकारी रहती है और कितनी चीजों की वह जानकारी देना चाहते हैं


झारखंड प्रदेश के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने यहां तक कह दिया कि बीजेपी हमेशा झारखंड में सरकार को अस्थिर करना चाहती (Congress accuses BJP of destabilizing) है, क्योंकि बिहार में सरकार चली गई है तो ऐसे में भाजपा अपनी खीझ निकाल रही है. लेकिन कांग्रेस के नेताओं को शायद यह बात समझ में नहीं आ रही है कि उनके नेता जिस तरीके से पैसा लेकर पश्चिम बंगाल में पकड़े जाते हैं मंत्री पद के विवाद में झारखंड में जिस तरह की स्थितियां बनती हैं. राज्यसभा चुनाव को लेकर के हेमंत सोरेन जिस तरीके से कांग्रेस को किनारे कर दिए, ये तमाम स्थितियां उन कांग्रेसियों के लिए भारी पड़ रही है जो सियासत में कांग्रेस को मजबूती से झारखंड में खड़ा होने के लिए राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं.

इसमें भी बड़ी यह बात है कि कांग्रेस के किस नेता को किस तरीके का फरमान आ जाता है. कांग्रेस के राज्य के लोगों को पता ही नहीं रहता और उनकी समझ से यह बात बाहर हो जाती है कि यह बातें फैलाता कौन है. अब सबसे बड़ा सवाल कांग्रेस के उन्हीं नेताओं से है कि उनकी पार्टी की बात बाहर फैल जा रही है और उन्हें पता नहीं चल रहा है. तो संभवतः इस बात का अंदाजा और हिसाब उन्हें लगा लेना चाहिए कि उनकी पार्टी के भीतर बहुत कुछ हो जाएगा और उन्हें पता भी नहीं चलेगा और यह सियासी समीकरण झारखंड में बैठाने की पूरी कोशिश चल रही है. चाहे वह सत्ता पक्ष की अपनी रणनीति बनाने की हो या फिर विपक्ष द्वारा उसकी राजनीति को बिगाड़ने की.

Last Updated : Aug 19, 2022, 8:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.