रांची: राजधानी में एक 5 दिन के नवजात को बेचे जाने की खबर पर पुलिस और दीया सेवा संस्था की सचिव सीता स्वांसी और डीसीपीओ यूनिट की मदद से हिंदपीढ़ी इलाके के जन्नत अपार्टमेंट से बच्चे को रेस्क्यू किया है. हालांकि पुलिस के जांच में अभी तक बच्चे के खरीद-बिक्री का कोई भी मामला सामने नहीं आ पाया है.
एफआईआर दर्ज
बच्चे के बरामदगी को लेकर एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. एफआईआर सीता स्वांसी के बयान पर हिंदपिढ़ी थाने में दर्ज किया गया है. जिसमें बताया गया है कि सीता स्वांसी को फोन पर सूचना दी गई कि हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के जन्नत अपार्टमेंट में रहने वाली रोजलीना कच्छप और नेमस तिर्की ने एक 5 दिन के बच्चे को गलत ढंग से रखा हुआ है. इस सूचना के बाद चुटिया थाना की मदद से रेस्क्यू करने पहुंची और रोजलीना कच्छप से बच्चे के जन्म से संबंधित कागजात मांगे. लेकिन उनकी ओर से कोई कागजात नहीं दिखाया गया. बच्चे को रेस्क्यू करने के बाद हिंदपीढ़ी थाने को सूचना दी गई, इसके बाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. जबकि सीडब्ल्यूसी को भी मामले की सूचना दी गई. सीडब्ल्यूसी की देखरेख में बच्चे का इलाज फिलहाल एक निजी अस्पताल में चल रहा है.
सदर अस्पताल की नर्स की मिलीभगत से बेचने का आरोप
जानकारी के अनुसार रेस्क्यू किया गया पांच दिन का बच्चा एक अविवाहित मां का है. जो 6 माह का गर्भ लिए सदर अस्पताल पहुंची थी और गर्भपात कराने की बात कही थी. इस पर डॉक्टरों ने जान का खतरा बताकर बच्चे की डिलीवरी के सलाह दी थी. इसके तीन माह के बाद प्रसव अवधि पूरी हो जाने पर डिलीवरी के लिए पहुंची सदर अस्पताल में अविवाहित मां की रिश्ते में लगने वाली बहन नर्स है. उसी नर्स के माध्यम से बच्चे के जन्म के बाद हिंदपीढ़ी इलाके के जन्नत अपार्टमेंट में रहने वाले व्यक्ति को दिया गया था.
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कुंवारी मां ने बदनामी के डर से सौंपा था बच्चा
वहीं दूसरी तरफ पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि बच्चा को जन्म देने वाली मां शादीशुदा नहीं थी. इसके बावजूद गर्भ ठहर गया था और वह अपना अबॉर्शन करवाना चाहती थी लेकिन जब वह सदर अस्पताल पहुंची तब उसे डॉक्टरों ने समझाया कि अगर वह अबॉर्शन करवा देती है तो बच्चे के साथ-साथ उसकी जान को भी खतरा है. इस दौरान 6 दिन पहले युवती ने बच्चे को तो जन्म दिया लेकिन वह सदर अस्पताल में काम करने वाली अपनी परिचित को बच्चा सौंप कर वहां से चली गई. जिसके बाद नर्स ने हिंदपीढ़ी में रहने वाले एक परिचित को ही बच्चा दे दिया. जब दंपत्ति अपने घर बच्चे को लेकर आए हैं तब किसी ने कई एनजीओ और पुलिस को सूचना दे दी कि बच्चे की खरीद-बिक्री की गई है. हालांकि जांच में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया.