रांची: सिमित विभागीय परीक्षा के जरिए सिपाही से दारोगा बने 395 पुलिस अफसरों की ट्रेनिंग अधूरी है. बावजूद इसके रांची, रामगढ़, जामाताड़ा समेत कई जिलों में अधूरी ट्रेनिंग पाने वाले अफसरों को बतौर थानेदार या ओपी प्रभारी पोस्टिंग दी जा रही है.
चार माह की ट्रेनिंग अभी है बाकी
दरोगा स्तर के अधिकारियों की चार माह की ट्रेनिंग अभी बाकि है. साल 2018 में तकरीबन पांच माह की ट्रेनिंग के बाद व्यवहारिक प्रशिक्षण के लिए दरोगा स्तर के अधिकारियों को जिलो में भेजा गया था. जिलों में प्रतिनियुक्ति के बाद कई जगहों पर उन्हें थानेदार बना दिया गया, ऐसे में डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को लिखा था कि वह व्यवहारिक ट्रेनिंग पाने वालों को थानेदार या ओपी का प्रभारी ने बनाएं.
एसोसिएशन ने भी डीजीपी को लिखा पत्र
पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री अक्षय राम ने समिति परीक्षा से दारोगा बने अफसरों की अधूरी ट्रेनिंग पूरी करने की मांग की है. एसोसिएशन ने डीजीपी को लिखा है कि ट्रेनिंग पूरी नहीं होने के कारण अफसरों को प्रशिक्षण के बाद मिलने वाले लाभ नहीं मिल रहे हैं. वहीं उनके वार्षिक वेतन वृद्धि पर भी रोक है, ऐसे में जल्द से जल्द पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग पूरी की है.
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पुलिस मुख्यालय ने सरकार से किया पत्राचार
पूरे मामले में डीजीपी एमवी राव ने सरकार के गृह विभाग से पत्राचार किया है. डीजीपी ने राज्य के बंद पड़े सभी प्रशिक्षण केंद्रों में कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए प्रशिक्षण केंद्र खोलने की मांग की है. डीजीपी ने बताया है कि केंद्र के स्तर पर एनपीए समेत सारे प्रशिक्षण केंद्र खोले जा चुके हैं. ऐसे में यहां भी प्रशिक्षण शुरू किया जाना चाहिए.