रांची: प्रदेश के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने सोमवार को सरकारी कोरोनटाइन सेंटरों की निगरानी का जिम्मा झारखंड पुलिस और सैप के हवाले करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग कोरोनटाइन सेंटरों से निकले हैं, उन्हें पकड़कर लाने का भी निर्देश दिया गया. वहीं, राज्य के अलग-अलग स्थानों पर एक लाख से ऊपर होम कोरोनटाइन में रह रहे लोगों पर भी सतत निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया गया.
जिलों के उपायुक्तों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में जो जहां हैं, वहां से हिलेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय वाहन परिचालन पर कड़ाई से रोक जारी रहेगी. इसके साथ ही बाहरी प्रदेशों के लोगों को किसी भी हालत में झारखंड से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी. उनकी पूरी देखभाल सरकारी नियंत्रण में होगी.
हर रोज बदल रही प्राथमिकताएं
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों से कहा कि रोज चीजें बदल रही हैं और उसी के साथ प्राथमिकताएं भी बदल रही हैं. इस स्थिति में केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कार्य करते रहना है. उन्होंने कहा कि मेडिकल केयर, सप्लाई चेन, हर गरीब तक भोजन पहुंचाना और पलायन कर रहे लोगों को एक स्थान पर रोके रखना आज की प्राथमिकता है.
उन्होंने लॉकडाउन को कड़ाई से पालन करने का निर्देश देते हुए कहा कि अलग-अलग और समूह में राज्य के भीतर आवागमन करने वाले को जहां मिले वहीं रोकें और उन्हें कोरोनटाइन करें. इसके साथ उनका पूरा नाम, पता और अन्य जानकारियां भी रखें. कोरोना संक्रमण के संदिग्ध लगे तो तत्काल उनकी सैंपल जांच कराएं. वहीं, सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए भी सतत निगरानी बनाए रखने का निर्देश देते हुए ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
कोई भूखा नहीं रहे, यह सुनिश्चित हो
सीएस ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि किसी भी हाल में कोई भूखा नहीं रहे, यह सुनिश्चित होना चाहिए. इसके लिए मुखिया, सेविका और सहायिका से लगातार ग्रामीण इलाके का फीडबैक लेते रहें. उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों और पैसे की कोई कमी नहीं है. बस व्यवस्था सुचारू होनी चाहिए. सूखा खाद्य पैकेट के साथ पका खाना के पैकेट को हर जरूरतमंद तक पहुंचाने पर बल दिया.
वहीं, पूरे राज्य में 498 विशेष और 342 अतिरिक्त दाल-भात केंद्रों की लगातार निगरानी का भी निर्देश दिया. दूर-दराज वाले इलाके में गरीबों तक दो किलो चूड़ा, आधा किलो चना और आधा किलो गुड़ के आकस्मिक राहत पैकेट का वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश उपायुक्तों को दिया गया. डीलरों को राशन देने में किसी भी तरह की कोताही बरतने से रोकने के लिए फ्लाइंग स्क्वायड से लगातार जांच कराने पर भी बल दिया.
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मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम जरूरी नहीं
उपायुक्तों की शंका का समाधान करते हुए उन्हें बताया गया कि बीमारी की आशंका के चलते किसी की मृत्यु होने पर उसके पोस्टमार्टम की जरूरत नहीं है. बस जांच के लिए मृतक का स्वाब (SWAB) लेना है. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण जांच किट सभी जिलों को उपलब्ध करा दिया गया है. उनमें संदिग्धों के सैंपल की जांच तीन दिन के भीतर कराना सुनिश्चित कर लें. निर्देश दिया गया कि कोरोनटाइन सेंटरों को लगातार सेनेटाइज्ड कराते रहें. हर जिले में तय कोविड अस्पतालों को किसी भी आपात स्थिति के लिए मानकों के अनुसार तैयार रखें.