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कोरोना इफेक्ट: अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, सोशल मीडिया पर पैनी नजर - सोशल मीडिया पर पैनी नजर

झारखंड पुलिस मुख्यालय की तरफ से सोशल मीडिया फेसबुक, ट्वीटर व फेसबुक पर कंटेट डालने को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें आपत्तिजनक पोस्ट न करने और अफवाह न फैलाने संबंधी जानकारी दी गई है.

police, पुलिस
लिस द्वारा जारी की एडवाइजरी
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Published : Apr 15, 2020, 9:16 PM IST

रांची: राज्य पुलिस मुख्यालय ने सोशल मीडिया फेसबुक, ट्वीटर व फेसबुक पर कंटेट डालने को लेकर एडवाइजरी जारी की है. पुलिस मुख्यालय के एडवाइजरी में बताया गया है कि सोशल मीडिया पर कोई ऐसा पोस्ट न डालें जिससे धर्म या संप्रदाय के आधार पर भेदभाव उत्पन हो.

क्या-क्या है निर्देश
व्हाट्सएप या फेसबुक ग्रुप में किसी भी कंटेट को पोस्ट करने के पहले उसके सत्यता की जांच का निर्देश दिया गया है. पुलिस मुख्यालय के एडवाइजरी में बताया गया है कि कोई भी खबर शेयर करने के पहले उसकी लिंक की सत्यता की पड़ताल कर लें. किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ जाने वाले वीडियो, ऑडियो या तस्वीरों को शेयर करने से बचें. व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिशन को सलाह दी गई है कि जिम्मेदारी लोगों को ही अपने ग्रुप में जोड़ें.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस ने उठाया सांसद संजय सेठ पर सवाल, कहा- बिना क्वॉरेंटाइन घूम रहे हैं माननीय


एडवाइजरी में क्या है
पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी एडवाइजरी में बताया गया है कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेट डालने से आइपीसी 153 ए, 153 बी, 177, 182, 188, 290, 295 , 295ए और 500 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया जाएगा. फेसबुक या व्हाटसएप ग्रुप के एडमिन को निर्देश दिया गया है कि वह अपने ग्रुप में आपत्तिजनक पोस्ट न करें, यदि कोई सदस्य आपत्तिजनक पोस्ट करे तो इसकी जानकारी तत्काल 100 डायल दें. इसी तरह आपत्तिजनक कंटेट वाले पोस्ट को रीट्वीट, लाइक या शेयर नहीं करने की गुजारिश भी की गई है.

रांची: राज्य पुलिस मुख्यालय ने सोशल मीडिया फेसबुक, ट्वीटर व फेसबुक पर कंटेट डालने को लेकर एडवाइजरी जारी की है. पुलिस मुख्यालय के एडवाइजरी में बताया गया है कि सोशल मीडिया पर कोई ऐसा पोस्ट न डालें जिससे धर्म या संप्रदाय के आधार पर भेदभाव उत्पन हो.

क्या-क्या है निर्देश
व्हाट्सएप या फेसबुक ग्रुप में किसी भी कंटेट को पोस्ट करने के पहले उसके सत्यता की जांच का निर्देश दिया गया है. पुलिस मुख्यालय के एडवाइजरी में बताया गया है कि कोई भी खबर शेयर करने के पहले उसकी लिंक की सत्यता की पड़ताल कर लें. किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ जाने वाले वीडियो, ऑडियो या तस्वीरों को शेयर करने से बचें. व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिशन को सलाह दी गई है कि जिम्मेदारी लोगों को ही अपने ग्रुप में जोड़ें.

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एडवाइजरी में क्या है
पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी एडवाइजरी में बताया गया है कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेट डालने से आइपीसी 153 ए, 153 बी, 177, 182, 188, 290, 295 , 295ए और 500 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया जाएगा. फेसबुक या व्हाटसएप ग्रुप के एडमिन को निर्देश दिया गया है कि वह अपने ग्रुप में आपत्तिजनक पोस्ट न करें, यदि कोई सदस्य आपत्तिजनक पोस्ट करे तो इसकी जानकारी तत्काल 100 डायल दें. इसी तरह आपत्तिजनक कंटेट वाले पोस्ट को रीट्वीट, लाइक या शेयर नहीं करने की गुजारिश भी की गई है.

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