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रांची: पुलिस के हत्थे चढ़ा बिजनौर गैंग का सरगना, CCTV फुटेज की मदद से पीड़ित ने ही धर दबोचा

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Published : Oct 17, 2019, 7:57 AM IST

रांची में ऑटो सवारियों के बैग से सामान उड़ा रहे बिजनौर गैंग के सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसकी गिरफ्तारी में पीड़ित व्यक्ति ने भी अहम रोल अदा किया. ये लोग चलती ऑटो से वारदात को अंजाम देते थे.

गिरफ्तार अपराधी

रांची: राजधानी में बिजनौर गैंग के अलावा मुंगेर का गैंग भी ऑटो सवारियों के बैग उड़ा रहा है. इसका खुलासा तब हुआ, जब सीसीटीवी कैमरे में कैद ऑटो चालक की निशानदेही पर बिजनौर गैंग का सरगना पकड़ा गया. पकड़ा गया सरगना मुंगेर निवासी मोहम्मद जहांगीर है. मोहम्मद जहांगीर की गिरफ्तारी में पुलिस ने तो काम किया ही, लेकिन जिस कौशल किशोर के गहने गायब किए गए थे, उन्होंने खुद 10 दिनों तक मेहनत कर कर अपराधी को गिरफ्तार करने में पुलिस की मदद की.

Police arrested one crimina, गिरफ्तार अपराधी
गिरफ्तार अपराधी

पूछताछ में कई खुलासे
जहांगीर ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि मुंगेर से अपराध के लिए चार लोग रांची आते हैं. एक-दो अपराध के बाद वे मुंगेर लौट जाते हैं. इसके लिए स्थानीय ऑटो चालक सेट रहते हैं. पुलिस उन ऑटो चालकों में से एक रातू के चटकपुर निवासी बालेश्वर साव को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. पुलिस के अनुसार जहांगीर के तीन साथी अब भी फरार हैं, उनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है.

ये भी पढ़ें- रांची सिटी एसपी को शोकॉज , सरकारी आवास होने के बावजूद आवास भत्ता लेकर फंसे एसपी

पीड़ित ने अपराधी को छुट्टी लेकर खोज निकाला
जानकारी के अनुसार गिरोह के जहांगीर को पकड़ने में खुद पीड़ित कौशल किशोर ने भी खूब मेहनत की है. पुलिस के साथ मिलकर खुद उसने चोर की ढूंढा, वह एक निजी कंपनी में जॉब करता है. जॉब से छुट्टी लेकर चोरों कों ढूंढता रहा, पुलिस ने इससे पहले बिजनौर गैंग से जुड़े दो ऑटो चालकों को जेल भेजा था. हालांकि गैंग के अन्य सदस्य अभी भी फरार हैं. इस गैंग ने बुजुर्ग दंपत्ति के बैग से 5.30 लाख से अधिक के गहने उड़ाया था.

ऑटो से उड़ाया था सामान
काजू बगान हेहल में रहने वाले कौशल किशोर की पत्नी और बच्चों को मायके जाना था. वे रेलवे स्टेशन जाने के लिए किशोरी सिंह यादव चौक पर ऑटो में सवार हुए थे. उनके साथ पत्नी और दो बच्चे थे. उनके साथ एक ट्रॉली बैग था, जिसे उन्होंने ऑटो में सवार होने के बाद पीछे रख दिया था. कुछ दूर आगे उस ऑटो में तीन से चार लोग भी उस ऑटो में बैठे थे. कुछ दूर आगे चारों लोग उतर गए, जब पत्नी मायके पहुंची और बताई कि बैग से गहने गायब हैं और बैग का लॉक टूटा था. यह सुनकर उनके होश उड़ गए थे. इसके बाद कोतवाली थाना पहुंचकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

ये भी पढ़ें- अयोध्या विवाद - क्या है पृष्ठभूमि, एक नजर

ऑटो चालक से कोडवर्ड में होती है बात
बिजनौर और मुंगेर गैंग के अपराधी वैसे सवारी को ऑटो में बैठाने के लिए टारगेट देते हैं. जिनके बैग में कुछ कीमती सामान हो, वे बैग पकडने वालों की गतिविधि देखकर पहचान करते हैं. उनकी बैग में कोई कीमती सामान रखा है. सवारी बैठाने के बाद अपराधियों को कुछ दूरी पर बैठाते हैं. जो बैग को ब्लेड या चाकू से काटकर हाथ घुसाकर, उसमें रखे गहने और पर्स को गायब कर देते हैं. उतरने के लिए वे मुंह से कोडवर्ड वाली आवाज निकालते हैं. इससे ऑटो चालक ऑटो रोक देता और चोर फरार हो जाते हैं, इन चोरों के निशाने पर अधिकतर सवारी ऐसे होते हैं, जो शहर के बाहर के होते हैं या बाहर जा रहे होते हैं. थाना क्षेत्र की बाध्यता में पीड़ित लोग एफआईआर भी दर्ज नहीं करा पाते. इससे अपराधी लगातार वारदात को अंजाम दे रहे हैं.

रांची: राजधानी में बिजनौर गैंग के अलावा मुंगेर का गैंग भी ऑटो सवारियों के बैग उड़ा रहा है. इसका खुलासा तब हुआ, जब सीसीटीवी कैमरे में कैद ऑटो चालक की निशानदेही पर बिजनौर गैंग का सरगना पकड़ा गया. पकड़ा गया सरगना मुंगेर निवासी मोहम्मद जहांगीर है. मोहम्मद जहांगीर की गिरफ्तारी में पुलिस ने तो काम किया ही, लेकिन जिस कौशल किशोर के गहने गायब किए गए थे, उन्होंने खुद 10 दिनों तक मेहनत कर कर अपराधी को गिरफ्तार करने में पुलिस की मदद की.

Police arrested one crimina, गिरफ्तार अपराधी
गिरफ्तार अपराधी

पूछताछ में कई खुलासे
जहांगीर ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि मुंगेर से अपराध के लिए चार लोग रांची आते हैं. एक-दो अपराध के बाद वे मुंगेर लौट जाते हैं. इसके लिए स्थानीय ऑटो चालक सेट रहते हैं. पुलिस उन ऑटो चालकों में से एक रातू के चटकपुर निवासी बालेश्वर साव को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. पुलिस के अनुसार जहांगीर के तीन साथी अब भी फरार हैं, उनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है.

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पीड़ित ने अपराधी को छुट्टी लेकर खोज निकाला
जानकारी के अनुसार गिरोह के जहांगीर को पकड़ने में खुद पीड़ित कौशल किशोर ने भी खूब मेहनत की है. पुलिस के साथ मिलकर खुद उसने चोर की ढूंढा, वह एक निजी कंपनी में जॉब करता है. जॉब से छुट्टी लेकर चोरों कों ढूंढता रहा, पुलिस ने इससे पहले बिजनौर गैंग से जुड़े दो ऑटो चालकों को जेल भेजा था. हालांकि गैंग के अन्य सदस्य अभी भी फरार हैं. इस गैंग ने बुजुर्ग दंपत्ति के बैग से 5.30 लाख से अधिक के गहने उड़ाया था.

ऑटो से उड़ाया था सामान
काजू बगान हेहल में रहने वाले कौशल किशोर की पत्नी और बच्चों को मायके जाना था. वे रेलवे स्टेशन जाने के लिए किशोरी सिंह यादव चौक पर ऑटो में सवार हुए थे. उनके साथ पत्नी और दो बच्चे थे. उनके साथ एक ट्रॉली बैग था, जिसे उन्होंने ऑटो में सवार होने के बाद पीछे रख दिया था. कुछ दूर आगे उस ऑटो में तीन से चार लोग भी उस ऑटो में बैठे थे. कुछ दूर आगे चारों लोग उतर गए, जब पत्नी मायके पहुंची और बताई कि बैग से गहने गायब हैं और बैग का लॉक टूटा था. यह सुनकर उनके होश उड़ गए थे. इसके बाद कोतवाली थाना पहुंचकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

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ऑटो चालक से कोडवर्ड में होती है बात
बिजनौर और मुंगेर गैंग के अपराधी वैसे सवारी को ऑटो में बैठाने के लिए टारगेट देते हैं. जिनके बैग में कुछ कीमती सामान हो, वे बैग पकडने वालों की गतिविधि देखकर पहचान करते हैं. उनकी बैग में कोई कीमती सामान रखा है. सवारी बैठाने के बाद अपराधियों को कुछ दूरी पर बैठाते हैं. जो बैग को ब्लेड या चाकू से काटकर हाथ घुसाकर, उसमें रखे गहने और पर्स को गायब कर देते हैं. उतरने के लिए वे मुंह से कोडवर्ड वाली आवाज निकालते हैं. इससे ऑटो चालक ऑटो रोक देता और चोर फरार हो जाते हैं, इन चोरों के निशाने पर अधिकतर सवारी ऐसे होते हैं, जो शहर के बाहर के होते हैं या बाहर जा रहे होते हैं. थाना क्षेत्र की बाध्यता में पीड़ित लोग एफआईआर भी दर्ज नहीं करा पाते. इससे अपराधी लगातार वारदात को अंजाम दे रहे हैं.

Intro:रांची में बिजनौर गैंग के अलावा मुंगेर का गैंग भी ऑटो सवारियों के बैग उड़ा रहा है। इसका खुलासा तब हुआ, जब सीसीटीवी कैमरे में कैद ऑटो चालक की निशानदेही पर बिजनौर गैंग का सरगना पकड़ा गया। पकड़ा गया सरगना मुंगेर निवासी मो. जहांगीर है। मोहम्मद जहांगीर की गिरफ्तारी में पुलिस ने तो काम किया ही लेकिन जिस कौशल किशोर के गहने गायब किए गए थे उन्होंने खुद 10 दिनों तक मेहनत कर कर अपराधी को गिरफ्तार करने में पुलिस की मदद की..


पूछताछ में कई खुलासे

जहांगीर ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि मुंगेर से अपराध के लिए चार लोग रांची आते हैं। एक-दो अपराध के बाद वे मुंगेर लौट जाते हैं। इसके लिए स्थानीय ऑटो चालक सेट रहते हैं। पुलिस उन ऑटो चालकों में एक रातू के चटकपुर निवासी बालेश्वर साव को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पुलिस के अनुसार जहांगीर के तीन साथी अब भी फरार हैं। उनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।

पीड़ित ने छुट्टी लेकर खोज निकाला अपराधी को

जानकारी के अनुसार गिरोह के जहांगीर को पकडऩे में खुद पीडि़त कौशल किशोर ने भी खूब मेहनत की है। पुलिस के साथ मिलकर खुद उसने चोर की ढूंढा। वह एक निजी कंपनी में जॉब करता है। जॉब से छुट्टी लेकर चोरों कों ढूंढता रहा। पुलिस ने इससे पहले बिजनौर गैंग से जुड़े दो ऑटो चालकों को जेल भेजा था। हालांकि  गैंग के अन्य सदस्य अब भी फरार हैं। इस गैंग ने बुजुर्ग दंपत्ति के बैग से 5.30 लाख से अधिक के गहने उड़ाया था।


चलती ऑटो से उड़ाया था सामान :

काजू बगान हेहल में रहने वाले कौशल किशोर अपनी पत्नी और बच्चों को मायके जाना था। वे रेलवे स्टेशन जाने के लिए किशोरी सिंह यादव चौक पर ऑटो में सवार हुए थे। उनके साथ पत्नी और दो बच्चे थे। साथ में एक ट्रॉली बैग था। जिसे उन्होंने ऑटो में सवार होने के बाद पीछे रख दिया था। कुछ दूर आगे उस ऑटो में तीन से चार लोग भी पीछे उसे ऑटो में बैठे थे। कुछ दूर आगे चारों लोग उतर गए। जब पत्नी मायके पहुंची और बताई कि बैग से गहने गायब हैं और बैग का लॉक टूटा था। यह सुनकर उनके होश उड़ गए थे। इसके बाद कोतवाली थाना पहुंचकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी।


ऑटो चालक से कोडवर्ड से करते बात :

बिजनौर व मुंगेर गैंग के अपराधी वैसे सवारी को ऑटो में बैठाने के लिए टार्गेट देते हैं, जिनके बैग में कुछ कीमती सामान हो। वे बैग पकडऩे वालों की गतिविधि देखकर पहचान करते हैं उनकी बैग में कोई कीमती सामान रखा है। सवारीं बैठाने के बाद अपराधियों को कुछ दूरी पर बैठाते हैं। जो बैग को ब्लेड या चाकू से काटकर हाथ घुसाकर उसमें रखे गहने और पर्स को गायब कर देते हैं। उतरने के लिए वे मुंह से कोडवर्ड वाली आवाज निकालते हैं। इससे ऑटो चालक ऑटो रोक देता और चोर फरार हो जाते हैं। इन चोरों के निशाने पर अधिकतर सवारी ऐसे होते हैं, जो शहर के बाहर के होते हैं या बाहर जा रहे होते हैं। थाना क्षेत्र की बाध्यता में पीडि़त लोग एफआइआर भी नहीं करा पाते। इससे अपराधी लगातार वारदात को अंजाम दे रहे हैं। 


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