रांची: भाकपा माओवादियों का पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) सप्ताह शुरू हो गया है. पीएलजीए सप्ताह आठ दिसंबर तक मनाया जाता है, लेकिन इस बार पुलिस मुख्यालय को जो सूचनाएं मिली हैं, उसके मुताबिक माओवादी संगठन के द्वारा इस बार पीएलजीए सप्ताह दो सप्ताह का मनाया जा सकता है.
14 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मनाए जाने की सूचना के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को विशेष तौर पर अलर्ट किया है. इसके साथ ही संभावित माओवादी हमले से बचने के लिए उपाय भी मुख्यालय ने बताए हैं. पुलिस को खुफिया सूचना मिली है कि अलग-अलग तरीकों से माओवादियों के द्वारा सुरक्षाबलों को टारगेट किया जा सकता है.
कैसे हमले की रची माओवादियों ने साजिश
पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी अलर्ट में बताया गया है कि पीएलजीए सप्ताह के दौरान सीपीआई माओवादी पोस्टर, बैनर लगाकर या काला झंडा फहरा कर पुलिस बलों को उत्तेजित कर सकते हैं. ऐसी सूचना पर मौके पर जाने वाली सुरक्षाबलों को आईईडी प्लांट कर या एंटी हैंडलिंग मैकेनिज्म की आईईडी के जरिए टारगेट किया जा सकता है. ऐसे में सुरक्षाबलों की टीम जल्दबाजी न करे. मौके वारदात की पूरी जानकारी लेने के बाद ही निकले.
बेस कैंप के रास्ते में भी आईईडी लगाने की आशंका
पुलिस मुख्यालय ने बताया है कि बेस कैंप के रास्तों में भी आईईडी प्लांट किए जाने की संभावना है. ऐसे में बेस कैंप से कभी भी वाहन से मूवमेंट न करें. माओवादी अपने प्रभाव वाले इलाकों में छोटे मोटे ब्लास्ट कर या बिल्डिंग उड़ाकर भी सुरक्षाबलों को मौके पर आने को निमंत्रित कर सकते हैं, लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी पूरी योजना बनाकर जाएं. माओवादियों के द्वारा भय का माहौल बनाने के लिए भी सुरक्षाबलों पर दूर से फायरिंग की जा सकती है. सुरक्षाबलों को कच्चे रोड, पगडंडी के रास्तों पर चलने से भी परहेज की सलाह दी गई है.
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माओवादियों की स्मॉल एक्शन टीम कर सकती है वार
पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी जिलों के एसपी जानकारी दी गई है कि माओवादियों की स्मॉल एक्शन टीम भी पुलिस बलों को मारकर हथियार लूटने की वारदात को अंजाम दे सकती है. ऐसे में बाजार या भीड़भाड़ वाले इलाके में न जाएं. माओवादी चाकू या दूसरे हथियार से ग्रामीणों के वेश में हमला कर सकते हैं. माओवादी इलाके में कार्यरत पुलिसकर्मियों को सलाह दी गई है कि वह राशन समेत अन्य रोजमर्रा की जरूरी चीजें स्टॉक कर रख लें.