रांची: झारखंड हाई कोर्ट में फिजिकल कार्य दिसंबर से प्रारंभ हो सकता है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन ने फिजिकल कोर्ट शुरू करने को लेकर अधिवक्ताओं से सुझाव मांगा था. हाईकोर्ट के इस आदेश के आलोक में कुछ अधिवक्ता ही फिजिकल कोर्ट के लिए अपना सुझाव दिए हैं, जबकि अधिकांश अधिवक्ता फिलहाल फिजिकल कोर्ट से परहेज ही करते दिख रहे हैं. इसलिए अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट में अपना सुझाव नहीं दिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से फिजिकल को शुरू करने की मांग पर विचार करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व में एक नोटिस जारी कर अधिवक्ताओं को अपना सुझाव देने को कहा था. उन्होंने अधिवक्ता से यह पूछा था कि वह किस मामले में फिजिकल कोर्ट चाहते हैं? इसके लिए वे लिखित आवेदन दें, जिसमें वादी और प्रतिवादी दोनों अधिवक्ताओं की सहमति भी होनी चाहिए, लेकिन फिलहाल महज कुछ ही आवेदन फिजिकल कोर्ट के लिए आया है.
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बता दें कि कोरोना वायरस के कारण झारखंड हाई कोर्ट सहित पूरे राज्य में मार्च के अंतिम सप्ताह से फिजिकल कोर्ट को स्थगित कर दिया गया था. उसके बाद समय के अनुसार हाई कोर्ट सहित अन्य अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई प्रारंभ की गई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं को कई तरह की कठिनाइयां सामने आई, लेकिन धीरे-धीरे कठिनाई दूर होती गई. फिजिकल कोर्ट नहीं होने के कारण अधिकांश अधिवक्ता आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखकर वह सहमे हुए हैं, जिसके कारण अधिकांश अधिवक्ता फिलहाल फिजिकल कोर्ट से दूरी बनाए हुए हैं.