ETV Bharat / city

झारखंड टेक्निकल छात्र संघ का आरोप, यूनिवर्सिटी में अवैध तरीके से शुरू हुआ PhD कोर्स - झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी

झारखंड टेक्निकल छात्र संघ ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाया है. संघ का कहना है कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी में अवैध तरीके से पीएचडी कोर्स शुरू किया गया है.

Jharkhand Technical University
झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी
author img

By

Published : Sep 28, 2020, 9:58 PM IST

रांची: शुक्रवार को टेक्निकल छात्र संघ का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष बादल सिंह के नेतृत्व में झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव कुणाल कुमार से पांच सूत्री मांगों को लेकर मुलाकात किया था. छात्र संघ अध्यक्ष का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के राज्यपाल के बिना स्वीकृति के पीएचडी प्रोग्राम संचालित कर रही है, जो नियमों का उल्लंघन है. इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है.

विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगे गए सवालों के जवाब
छात्र संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब मांगा है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों को तमाम सवालों के जवाब दिए हैं. पीएचडी प्रोग्राम के लिए राज्यपाल से स्वीकृति कब लिया गया उसका आर्डिनेंस या एक्ट कब पास किया गया? इस पर कुलसचिव का कहना है कि यूजीसी के गाइडलाइन के तहत प्रक्रिया संचालित हो रही है. राज्यपाल को सूचित किय गया है. अब तक राजभवन की ओर से कोई जबाब नहीं आया है. कोर्स वर्क कराने का प्रक्रिया क्या है और कितना क्रेडिट का है? इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कोर्स वर्क एक्सपर्ट ने बनवाया है. पीएचडी प्रोग्राम के लिए बोर्ड ऑफ स्टडी का गठन कब हुआ? इस सवाल पर कहा कि अभी तक राज्य सरकार के तरफ से भी कोई सब्स्टीट्यूट विश्विद्यालय को नहीं दिया गया है.

ये भी पढ़ें- रांची: तबलीगी जमात से जुड़े विदेशियों को अदालत से मिली बड़ी राहत, वतन जाने का रास्ता हुआ साफ

संघ का आरोप
बिना कोई आरक्षण रोस्टर के ही कोर्स को शुरू किया गया है. 31 अगस्त को नोटिस के अनुसार पीएचडी नामांकन का एग्जाम 06 जनवरी को लिया गया था. इसके तहत टोटल 22 छात्रों का सेलेक्शन हुआ. जिसमें 12 छात्रों को BIT सिंदरी और 10 छात्रों को निफ्टी हटिया में कोर्स वर्क और आगे के रिसर्च के लिए अलॉट किया गया है. संघ की माने तो बिना राज्यपाल से कोई स्वीकृति लिए बिना कोई बोर्ड ऑफ स्टडी का गठन किये पीएचडी का कोर्स शुरू कर दिया गया. छात्रों को पूरी तरीके से अंधकार में रखा गया है.

रांची: शुक्रवार को टेक्निकल छात्र संघ का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष बादल सिंह के नेतृत्व में झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव कुणाल कुमार से पांच सूत्री मांगों को लेकर मुलाकात किया था. छात्र संघ अध्यक्ष का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के राज्यपाल के बिना स्वीकृति के पीएचडी प्रोग्राम संचालित कर रही है, जो नियमों का उल्लंघन है. इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है.

विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगे गए सवालों के जवाब
छात्र संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब मांगा है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों को तमाम सवालों के जवाब दिए हैं. पीएचडी प्रोग्राम के लिए राज्यपाल से स्वीकृति कब लिया गया उसका आर्डिनेंस या एक्ट कब पास किया गया? इस पर कुलसचिव का कहना है कि यूजीसी के गाइडलाइन के तहत प्रक्रिया संचालित हो रही है. राज्यपाल को सूचित किय गया है. अब तक राजभवन की ओर से कोई जबाब नहीं आया है. कोर्स वर्क कराने का प्रक्रिया क्या है और कितना क्रेडिट का है? इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कोर्स वर्क एक्सपर्ट ने बनवाया है. पीएचडी प्रोग्राम के लिए बोर्ड ऑफ स्टडी का गठन कब हुआ? इस सवाल पर कहा कि अभी तक राज्य सरकार के तरफ से भी कोई सब्स्टीट्यूट विश्विद्यालय को नहीं दिया गया है.

ये भी पढ़ें- रांची: तबलीगी जमात से जुड़े विदेशियों को अदालत से मिली बड़ी राहत, वतन जाने का रास्ता हुआ साफ

संघ का आरोप
बिना कोई आरक्षण रोस्टर के ही कोर्स को शुरू किया गया है. 31 अगस्त को नोटिस के अनुसार पीएचडी नामांकन का एग्जाम 06 जनवरी को लिया गया था. इसके तहत टोटल 22 छात्रों का सेलेक्शन हुआ. जिसमें 12 छात्रों को BIT सिंदरी और 10 छात्रों को निफ्टी हटिया में कोर्स वर्क और आगे के रिसर्च के लिए अलॉट किया गया है. संघ की माने तो बिना राज्यपाल से कोई स्वीकृति लिए बिना कोई बोर्ड ऑफ स्टडी का गठन किये पीएचडी का कोर्स शुरू कर दिया गया. छात्रों को पूरी तरीके से अंधकार में रखा गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.