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खुदरा शराब नीति के खिलाफ HC में याचिका दायर, प्रार्थी ने कहा- खास कंपनी को फायदा पहुंचाने की हो रही कोशिश

झारखंड सरकार की नई शराब नीति के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि एक खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए नई शराब नीति लाई गई है. प्रार्थी का कहना है कि इस नीति से झारखंड को करोड़ों के राजस्व का नुकसान होगा.

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Published : Apr 20, 2022, 8:38 PM IST

Updated : Apr 20, 2022, 8:57 PM IST

Petition filed in Jharkhand high court
Petition filed in Jharkhand high court

रांची: झारखंड सरकार की खुदरा शराब नीति मामले में झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता तारकेश्वर महतो सुधीर कुमार और अन्य की ओर से अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने याचिका दायर की है याचिका के माध्यम से आरोप लगाया है कि सरकार किसी खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह की नीति बनाई है. उन्होंने अदालत से हस्तक्षेप करने और नीति को संशोधित करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: सीएम की बढ़ सकती है परेशानी! ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में 22 अप्रैल को सुनवाई, शिबू सोरेन भी गवां चुके हैं सदस्यता

प्रार्थियों ने अपनी याचिका में कहा है कि नयी नियमावली में JSBCL को राज्य भर का स्टॉकिस्ट बनाया गया है और जिस कंपनी को थोक बिक्री का जिम्मा दिया गया है वह JSBCL को ही अपना माल बेचेगी. जो थोक विक्रेता कंपनी है वह बिना किसी ड्यूटी के भुगतान के लिए JSBCL के गोदाम में अपना माल भी रखेगी. जबकि JSBCL को खुदरा बिक्री के लिए माल उठाने से पहले ड्यूटी का भुगतान करना होगा. इसके साथ ही याचिका में संशोधित नियमावली में कई तकनीकी अड़चनों की भी बात कही गई है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के मुताबिक, JSBCL और खुदरा विक्रेताओं के बीच एक कंपनी को स्थापित करने के पीछे व्यक्तिगत लाभ की मंशा है. इस व्यवस्था से राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति होगी. इसलिए इस नियमावली को निरस्त किया जाना चाहिए.

रांची: झारखंड सरकार की खुदरा शराब नीति मामले में झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता तारकेश्वर महतो सुधीर कुमार और अन्य की ओर से अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने याचिका दायर की है याचिका के माध्यम से आरोप लगाया है कि सरकार किसी खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह की नीति बनाई है. उन्होंने अदालत से हस्तक्षेप करने और नीति को संशोधित करने की मांग की है.

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प्रार्थियों ने अपनी याचिका में कहा है कि नयी नियमावली में JSBCL को राज्य भर का स्टॉकिस्ट बनाया गया है और जिस कंपनी को थोक बिक्री का जिम्मा दिया गया है वह JSBCL को ही अपना माल बेचेगी. जो थोक विक्रेता कंपनी है वह बिना किसी ड्यूटी के भुगतान के लिए JSBCL के गोदाम में अपना माल भी रखेगी. जबकि JSBCL को खुदरा बिक्री के लिए माल उठाने से पहले ड्यूटी का भुगतान करना होगा. इसके साथ ही याचिका में संशोधित नियमावली में कई तकनीकी अड़चनों की भी बात कही गई है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के मुताबिक, JSBCL और खुदरा विक्रेताओं के बीच एक कंपनी को स्थापित करने के पीछे व्यक्तिगत लाभ की मंशा है. इस व्यवस्था से राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति होगी. इसलिए इस नियमावली को निरस्त किया जाना चाहिए.

Last Updated : Apr 20, 2022, 8:57 PM IST
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