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प्रोफेशनल टैक्स और ई-वे बिल की समस्याओं को चैंबर ने वित्त मंत्री से कराया अवगत, समाधान का मिला आश्वासन

व्यापारियों पर प्रोफेशनल्स टैक्स का अतिरिक्त भार देने और ई-वे बिल में किये गए वर्तमान संशोधन से हो रही परेशानियों को लेकर झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स की एक बैठक वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव के साथ हुई. बैठक में कहा गया कि व्यापारियों को दोहरे कर रोपण की व्यवस्था का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए सरकार उचित कार्रवाई करे.

People of Jharkhand Chamber of Commerce met Jharkhand Finance Minister
वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव
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Published : Jan 7, 2021, 5:16 AM IST

Updated : Jan 7, 2021, 5:45 AM IST

रांची: ट्रेड लाइसेंस लेकर व्यापार कर रहे व्यापारियों पर प्रोफेशनल्स टैक्स का अतिरिक्त भार देने और ई-वे बिल में किये गए वर्तमान संशोधन से हो रही परेशानियों के समाधान के लिए झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स की एक बैठक वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव के साथ बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में की गई. इसमें कहा गया कि जो व्यापारी-उद्यमी पूर्व से ही निगम से ट्रेड लाइसेंस लेकर अपना व्यापार कर रहे हैं, उनसे वाणिज्यकर विभाग प्रोफेशनल टैक्स की मांग कर रहा है जो एक ही कार्यविशेष के लिए दोहरी कर प्रणाली है.

चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि व्यापारियों को दोहरे कर रोपण की व्यवस्था का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए सरकार उचित कार्रवाई करे. बैठक के दौरान ही चैंबर ने ई-वे बिल में हाल ही में किये गये संशोधन पर आपत्ति जताई और कहा कि वाहन पर लदे सामान के लिए ई-वे बिल की वैधता जो पूर्व में 1 दिन थी, उसको 1 जनवरी 2021 से प्रति 200 कि.मी. कर दिया गया है, जो अव्यवहारिक है.

ये भी पढ़ें- जमशेदपुर में 8 जनवरी को कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन, तैयारी पूरी

उन्होंने कहा कि यह वास्तविकता है कि कई बडे़ शहरों में दिन में नो-इंट्री के कारण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रात में वाहनों का आवागमन संभव नहीं है. इसी प्रकार अवकाश के दिनों में जब पार्टी माल की डिलीवरी नहीं लेती है, तो उस स्थिति में परिवहन व्यवसायी पर जुर्माना लगने की भरपूर संभावना होगी. राज्य के अंदर ही नहीं बल्कि लंबी दूरी के लिए माल के परिवहन में भी यही समस्या आयेगी और खुदरा माल का परिवहन भी इस नियम के अनुसार संभव नहीं होगा. ऐसे में 24 घंटे की समयावधि के अंदर 200 कि.मी. का परिचालन कर सामान को कंसाइनी के गोदाम तक पहुंचाना कैसे संभव होगा, यह विचारणीय है.

ई-वे बिल के मामले में चैंबर के पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने मंत्री से आग्रह किया कि चूंकि राज्य सरकार की ओर से आप जीएसटी काउंसिल में मुख्य भूमिका में हैं. ऐसे में झारखंड में ई-वे बिल की पुरानी व्यवस्था को लागू रखने की अनुशंसा करें. वहीं, वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव ने चैंबर की बातों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वस्त किया कि व्यापारियों की वास्तविक कठिनाईयों को देखते हुए वो झारखंड सरकार की ओर से जीएसटी काउंसिल में ई-वे बिल की पुरानी व्यवस्था को लागू रखने की अनुशंसा करेंगे. साथ ही उन्होंने प्रोफेशनल्स टैक्स के मामले में विभागीय वार्ता का आश्वासन दिया है.

रांची: ट्रेड लाइसेंस लेकर व्यापार कर रहे व्यापारियों पर प्रोफेशनल्स टैक्स का अतिरिक्त भार देने और ई-वे बिल में किये गए वर्तमान संशोधन से हो रही परेशानियों के समाधान के लिए झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स की एक बैठक वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव के साथ बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में की गई. इसमें कहा गया कि जो व्यापारी-उद्यमी पूर्व से ही निगम से ट्रेड लाइसेंस लेकर अपना व्यापार कर रहे हैं, उनसे वाणिज्यकर विभाग प्रोफेशनल टैक्स की मांग कर रहा है जो एक ही कार्यविशेष के लिए दोहरी कर प्रणाली है.

चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि व्यापारियों को दोहरे कर रोपण की व्यवस्था का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए सरकार उचित कार्रवाई करे. बैठक के दौरान ही चैंबर ने ई-वे बिल में हाल ही में किये गये संशोधन पर आपत्ति जताई और कहा कि वाहन पर लदे सामान के लिए ई-वे बिल की वैधता जो पूर्व में 1 दिन थी, उसको 1 जनवरी 2021 से प्रति 200 कि.मी. कर दिया गया है, जो अव्यवहारिक है.

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उन्होंने कहा कि यह वास्तविकता है कि कई बडे़ शहरों में दिन में नो-इंट्री के कारण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रात में वाहनों का आवागमन संभव नहीं है. इसी प्रकार अवकाश के दिनों में जब पार्टी माल की डिलीवरी नहीं लेती है, तो उस स्थिति में परिवहन व्यवसायी पर जुर्माना लगने की भरपूर संभावना होगी. राज्य के अंदर ही नहीं बल्कि लंबी दूरी के लिए माल के परिवहन में भी यही समस्या आयेगी और खुदरा माल का परिवहन भी इस नियम के अनुसार संभव नहीं होगा. ऐसे में 24 घंटे की समयावधि के अंदर 200 कि.मी. का परिचालन कर सामान को कंसाइनी के गोदाम तक पहुंचाना कैसे संभव होगा, यह विचारणीय है.

ई-वे बिल के मामले में चैंबर के पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने मंत्री से आग्रह किया कि चूंकि राज्य सरकार की ओर से आप जीएसटी काउंसिल में मुख्य भूमिका में हैं. ऐसे में झारखंड में ई-वे बिल की पुरानी व्यवस्था को लागू रखने की अनुशंसा करें. वहीं, वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव ने चैंबर की बातों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वस्त किया कि व्यापारियों की वास्तविक कठिनाईयों को देखते हुए वो झारखंड सरकार की ओर से जीएसटी काउंसिल में ई-वे बिल की पुरानी व्यवस्था को लागू रखने की अनुशंसा करेंगे. साथ ही उन्होंने प्रोफेशनल्स टैक्स के मामले में विभागीय वार्ता का आश्वासन दिया है.

Last Updated : Jan 7, 2021, 5:45 AM IST
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