रांची: बच्चा चोरी की अफवाहों के बीच पुलिस के जागरूकता अभियान की वजह से राजधानी रांची में एक बड़ी वारदात टल गई. रांची के गोंदा थाना क्षेत्र के मिशन गली में अगर आम लोग जागरूक नहीं होते तो दो किन्नर मॉब लिंचिंग का शिकार हो गए होते.
क्या है पूरा मामला
रांची में आम लोगों की जागरूकता की वजह से एक मॉब लिंचिंग की वारदात टाल दी गई. रांची में एक नवनिर्मित मकान के देखरेख के लिए रखे गए दो किन्नर गोंडा थाना क्षेत्र के मिशन गली में चल रहे करमा पूजा उत्सव में पहुंच गए थे. दो अनजान शख्स को देखकर ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया.
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जागरूक युवकों ने ग्रामीणों को समझाया
ग्रामीण उनके साथ मारपीट करने ही वाले थे कि गांव के ही कुछ जागरूक युवकों ने ग्रामीणों को समझाया और उन्हें कहा कि वह इस मामले को पुलिस के सामने ले जाने की जरूरत है. पुलिस इस मामले में कार्रवाई करेगी. हालांकि ग्रामीणों ने पूरी रात दोनों किन्नरों को गांव में ही बंधक बनाए रखा.
पुलिस ने थाना लेकर पहुंची
बुधवार की सुबह ग्रामीणों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों किन्नरों को अपने साथ लेकर थाने आ गई. पुलिस के पूछताछ के दौरान यह पता चला कि दोनों किन्नर गोंदा इलाके में ही एक नवनिर्मित मकान में रहते हैं. दरअसल उस मकान के मालिक ने उन्हें नवनिर्मित घर की देख रेख के लिए रखा था.
बच्चा चोरी की अफवाह में चली जाती जान
मिशन गली के रहने वाले युवक राकेश ने बताया कि इन दिनों गांव में यह अफवाह फैला हुआ है कि शहर में बच्चा चुराने वाला गिरोह घूम रहा है. दो अनजान किन्नरों को देखकर ग्रामीण भयभीत हो गए. दरअसल एक तो पूरे झारखंड में बच्चा चोरी की अफवाह फैली हुई है. दूसरा ग्रामीणों के मन में यह भी बैठा हुआ है कि किन्नर बच्चों को अपने साथ चुरा कर ले जाते हैं और उन्हें किन्नर बना डालते हैं.
ग्रामीणों ने बनाया बंधक
दो अनजान किन्नरों को देखते ही ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट की कोशिश की जाने लगी. लेकिन इसी बीच गांव के युवकों ने ग्रामीणों को समझाया कि कानून हाथ में लेना ठीक नहीं है. इन्हें पुलिस के हवाले कर दिया जाए. ग्रामीणों की पूछताछ में दोनों किन्नरों ने गांव में आने का कोई उचित कारण नहीं बता पाए. इसी वजह से ग्रामीणों को लगा कि यह दोनों बच्चा चोर है.
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जागरूकता अभियान का मिला फायदा
रांची के सदर डीएसपी दीपक पांडेय ने बताया कि ग्रामीणों की जागरूक होने की वजह से एक बड़ा हादसा टल गया. सदर डीएसपी के अनुसार पूछताछ के दौरान दोनों किन्नरों ने बताया कि वे एक नवनिर्मित घर के देखरेख के लिए वहां रहते हैं. गांव में हो रहे करमा उत्सव को वे देखने के लिए वहां पहुंच गए थे. लेकिन जब ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ा तो वह डर गए और भय से उन्हें कुछ नहीं बता पाए.
जोर-शोर से प्रचार प्रसार
पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया गया. सदर डीएसपी ने बताया कि इन दिनों झारखंड के कई जिलों में बच्चा चोरी को लेकर अफवाह फैला हुई है. इसे लेकर कई जगहों पर कई लोगों की हत्याएं भी हो चुकी हैं. लेकिन रांची में पुलिस इस मामले को लेकर जोर-शोर से प्रचार प्रसार कर रही है.
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डीजीपी के एन चौबे ने आदेश जारी किया है
बता दें कि झारखंड के डीजीपी के एन चौबे ने एक आदेश जारी कर पूरे झारखंड के हर जिले के पुलिस अधीक्षकों को यह हिदायत दी थी कि वे अपने यहां गांव-गांव में पर्चे बांटकर लोगों को जागरूक करें. उन्हें यह समझाएं कि उनके गांव में अगर कोई अनजान व्यक्ति दिखता है तो पुलिस को सूचना दें न कि कानून अपने हाथ में लें. शायद यही वजह है कि राजधानी रांची में मॉब लिंचिंग की एक बड़ी वारदात को टाल दिया गया.