रांचीः राज्य के सभी जिलों में भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका मंच ने आज झारखंड बंद का आह्वान किया है. राजधानी रांची में बंद का आंशिक असर अभी तक देखा जा रहा है. वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती राजधानी के चौक चौराहों पर की गई है. DSP सदर के नेतृत्व में कई थानों के थाना प्रभारियों के साथ पुलिस ने फ्लैग मार्च किया. वहीं दुकान बंद करा रहे बंद समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है
बंद को सफल बनाने के लिए समर्थकों के साथ सड़क पर उतरे मंच के संयोजक कैलाश यादव को पुलिस ने तब हिरासत में ले लिया जब वह अल्बर्ट एक्का चौक के पास जबरदस्ती दुकानें बंद करवा रहे थे. गिरफ्तारी के बाद आज के बंद को स्वतःस्फूर्त और सफल बताते हुए कैलाश यादव ने कहा कि भाषाओं को क्षेत्रीय सूची से हटाना गैरसंवैधानिक है और इसका विरोध जारी रहेगा. बंद समर्थकों को अभी कोतवाली थाना में रखा गया है.
धुर्वा इलाके में ज्यादा असरः रांची के धुर्वा इलाके जहां भोजपुरी भाषा भाषियों की संख्या अधिक है वहां बंद का ज्यादा असर देखा जा रहा है. जबकि बाकी शहर में सामान्य दिनों की तरह गाड़ियां चल रही हैं, दुकानें भी इक्का दुक्का ही बंद हैं. बंद बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है.
चार हजार बल तैनातः बंद समर्थकों से निपटने के लिए रांची पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. बंद को लेकर जिले में चार हजार फोर्स की तैनाती की गई है. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने इस संबंध सभी थानेदारों को निर्देश दिया है कि सरकारी व निजी चीजों को क्षतिग्रस्त करने वालों को तुरंत गिरफ्तार कर लें. चाहे वह किसी भी दल या पार्टी के हो. बंद समर्थकों से निपटने के लिए झारखंड पुलिस, सैफ, जैप के अलावा अन्य बलों को लगाया गया है. सुरक्षा बलों की विशेष तैनाती की गई है, ताकि विधि-व्यवस्था संबंधित कोई परेशानी सामने नहीं आए. भारी संख्या में दंडाधिकारियों को भी जिले में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है.