रांची: सैलून और ब्यूटी पार्लर में जाकर सजना संवरना अब बीते दिनों की बात होती नजर आ रही है. क्योंकि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण तीन महीनों से अधिक समय बड़े-छोटे सैलून और पार्लर बंद हैं. अनलॉक के पहले चरण में भी इस बिजनेस से जुड़े लोगों को निराशा ही हाथ लगी, अब आलम यह है कि इस कारोबार से जुड़े लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या आन पड़ी है.
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करोड़ों का नुकसान
पूरे झारखंड की बात करें तो यहां लगभग ढाई लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सैलून और पार्लर के कारोबार से जुड़े हुए हैं. पिछले तीन महीनों की बंदी की वजह से ब्यूटी पार्लर, सैलून और नाई की दुकानों को करीब 45 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. केवल राजधानी रांची में ही नाई, ब्यूटी पार्लर या फिर बड़े ब्रांच के करीब 700 से अधिक पार्लर, सैलून हैं. बड़े पार्लर जो ब्रांडेड हैं उनका प्रतिदिन का आय लगभग 2 से 3 लाख का होता है. वहीं छोटी से छोटी नाई दुकान में भी 2 से 3 हजार का काम हर दिन हुआ करता था. इसके अलावा मझोले ब्यूटी पार्लर में भी हर दिन 25 से 30 हजार तक के काम हो जाया करते थे. नाई की दुकान में काम करने वाले की हालत तो रोज कमाने खाने वालों की तरह होती है. लगातार दुकान बंद होने से इनकी स्थिति काफी खराब है. अन्य कारोबारियों की तरह अब ब्यूटी कारोबार से जुड़े लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
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बड़े ब्रांड नहीं दे रहे राहत
पूरे झारखंड में लगभग 500 से अधिक बड़े ब्रांड के सैलून और पार्लर मौजूद हैं. इन्हें झारखंड में चलाने वाले संचालकों को फ्रेंचाइजी फी देना पड़ता है, फ्रेंचाइजी फी हर महीने लाखों में आता है. क्योंकि कारोबार बिल्कुल ठप पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद बड़े ब्रांड के मालिक इन फ्रेंचाइजी होल्डर से फ्रेंचाइजी फी की मांग भी कर रहे हैं. इनमें उन्हें किसी तरह की रियायत नहीं मिल पाई है. ब्यूटी पार्लर और बड़े सैलून के कारोबार में अधिकांश महिलाएं हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा इस कारोबार से महिलाएं ही प्रभावित हैं. यही वजह है कि वह महिला सशक्तिकरण का भी उदाहरण देकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपने संस्थानों को खोलने की अनुमति मांग रही हैं.
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कुशल कारीगरों का हो गया पलायन
लॉकडाउन की वजह से जब बड़े सैलून और पार्लर बंद हो गए तो उसमें काम करने वाले कई अच्छे और बेहद कुशल कारीगर अपने-अपने क्षेत्रों में लौट गए. ऐसे में अब उनकी वापसी काफी मुश्किल है, क्योंकि झारखंड में सैलून और पार्लर नहीं खुल रहे हैं. ऐसे में जो कुशल कारीगर हैं, वह दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं. जहां सैलून और पार्लर खोल दिए गए हैं. कमाई के लिहाज से पूरी ब्यूटी और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री इन दिनों मुश्किलों से जूझ रही है. अनलॉक के दौरान भी झारखंड में इस बिजनेस को लेकर सरकार कोई ठोस फैसला नहीं कर पाई है. ऐसे में इस कारोबार से जुड़े लोगों के सामने रोजी-रोटी की बड़ी समस्या आन पड़ी है.