रांची: पेसा अधिनियम के प्रावधानों को धरातल पर लाने के लिए नई नियमावली के निर्माण और पूर्व की नियमावली में संशोधन की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर पंचायती राज निदेशक राजेश्वरी बी के नेतृत्व में एक बैठक हुई जिसमें कई महत्वूपर्ण निर्देश दिए गए है.
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पेसा प्रावधानों में संशोधन
सरकार द्वारा पेसा अधिनियम के प्रावधानों को धरातल पर लाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा नई नियमावली का निर्माण एवं पूर्व की नियमावली में संशोधन की तैयारी की जा रही है. नियमावली में संशोधन को लेकर दिशा निर्देश पंचायत राज विभाग द्वारा भेजी जाएगी. पंचायती राज निदेशक राजेश्वरी बी ने बुधवार को एफएफपी भवन सभागार में आयोजित "झारखंड पंचायत उपबंध नियमावली" प्रारूप की समीक्षा की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अनेक विभागों की नियमावली में ग्राम सभा तथा पंचायत की शक्तियों तथा कर्तव्य को स्पष्ट रूप से अंकित नहीं की गई है इस वजह से नियमावली में संशोधन की आवश्यकता महसूस की गई है. सभी विभाग नियमावली में संशोधन की कार्रवाई की प्रक्रिया को त्वरित करें.
1996 में लागू हुआ था पेसा एक्ट
बता दें कि झारखंड में पंचायत एक्सटेंशन टू शिड्यूल एरिया यानी पेसा एक्ट 1996 में लागू हुआ. यह प्रशासनिक व्यवस्था को पंचायत स्तर तक लागू किए जाने का प्रभावी कानून है. इसके तहत अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को पंचायत द्वारा विशेष प्रशासनिक अधिकार प्राप्त होते हैं. जल, जंगल, जमीन पर पंचायत का कंट्रोल होता है. चुनावी प्रक्रिया में भी जनजातीय समुदाय को विशेष संरक्षण प्राप्त होता है. मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष आदि के एकल पद रिजर्व होते है.
झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में लागू है पेसा
पेसा कानून झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में लागू है. इसके अंतर्गत रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिहंभूम, लातेहार, गढ़वा का भंडरिया ब्लॉक और संथालपरगना के दुमका, गोड्डा के सुंदरपहाड़ी, बोआरिजोर ब्लॉक, पाकुड़, राजमहल और जामताड़ा जिले आते हैं.