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पंचायत सचिव व लिपिक अभ्यर्थी फाइनल मेरिट लिस्ट जारी नहीं होने से आक्रोशित, राजभवन के समीप धरने पर बैठे

पंचायत सचिव व लिपिक अभ्यर्थी फाइनल मेरिट लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं. फाइनल मेरिट लिस्ट जारी नहीं होने से अभ्यर्थी आक्रोशित हैं और 11 जिले के पंचायत सचिव व लिपिक अभ्यर्थी आंदोलन पर हैं. अभ्यर्थियों का आंदोलन पिछले 65 दिनों से चल रहा है.

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Published : Mar 26, 2022, 9:31 PM IST

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Panchayat secretary and clerical candidates

रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पंचायत सचिव व लिपिक अभ्यर्थीयों की फाइनल मेरिट लिस्ट जारी नहीं होने से अभ्यर्थीयों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. पंचायत सचिव के सफल अभ्यर्थी लंबे समय से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय के बाहर आंदोलन कर रहे थे. लेकिन अब इनका आंदोलन राजभवन के समीप चल रहा है. पिछले 65 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि पंचायत सचिव बहाली की सारी प्रक्रिया पूरी हाेने के बावजूद आयोग नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं कर रहा है.

इसे भी पढ़ें: झारखंड में पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू, अप्रैल में हो सकती है औपचारिक घोषणा, मई-जून में होगा मतदान

अभ्यर्थियों का कहना है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा है. हाई कोर्ट ने गैर अनुसूचित जिलों के पंचायत सचिवों की नियुक्ति पर तीन-तीन आदेश पास किया है. पांच फरवरी को झारखंड सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को लागू करते हुए, गैर-अनुसूचित जिले की नियुक्ति पर झारखंड सरकार ने संशोधित संकल्प संख्या 3854 और संकल्प संख्या 8468 पर शत प्रतिशत आरक्षण होने की वजह से वापस ले लिया था.

देखें पूरी खबर

धरने पर बैठे अभ्यर्थियों ने बताया कि 2017 में ही 3088 पदों के लिए पंचायत सचिव व लिपिक बहाली के लिए नोटीफिकेशन जारी किया गया था. जिसका आज तक फाइनल मेरिट लिस्ट जारी नहीं किया गया. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग अनावश्यक देरी किये जा रहा है. अभ्यर्थियों ने बताया कि पंचायत सचिव व लिपिक के कुल 20 अभ्यर्थी ने दो अलग-अलग याचिका दायर की थी. जिस पर हाई कोर्ट का आदेश प्राप्त हुआ है, लेकिन आयोग कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं.

रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पंचायत सचिव व लिपिक अभ्यर्थीयों की फाइनल मेरिट लिस्ट जारी नहीं होने से अभ्यर्थीयों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. पंचायत सचिव के सफल अभ्यर्थी लंबे समय से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय के बाहर आंदोलन कर रहे थे. लेकिन अब इनका आंदोलन राजभवन के समीप चल रहा है. पिछले 65 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि पंचायत सचिव बहाली की सारी प्रक्रिया पूरी हाेने के बावजूद आयोग नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं कर रहा है.

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अभ्यर्थियों का कहना है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा है. हाई कोर्ट ने गैर अनुसूचित जिलों के पंचायत सचिवों की नियुक्ति पर तीन-तीन आदेश पास किया है. पांच फरवरी को झारखंड सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को लागू करते हुए, गैर-अनुसूचित जिले की नियुक्ति पर झारखंड सरकार ने संशोधित संकल्प संख्या 3854 और संकल्प संख्या 8468 पर शत प्रतिशत आरक्षण होने की वजह से वापस ले लिया था.

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धरने पर बैठे अभ्यर्थियों ने बताया कि 2017 में ही 3088 पदों के लिए पंचायत सचिव व लिपिक बहाली के लिए नोटीफिकेशन जारी किया गया था. जिसका आज तक फाइनल मेरिट लिस्ट जारी नहीं किया गया. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग अनावश्यक देरी किये जा रहा है. अभ्यर्थियों ने बताया कि पंचायत सचिव व लिपिक के कुल 20 अभ्यर्थी ने दो अलग-अलग याचिका दायर की थी. जिस पर हाई कोर्ट का आदेश प्राप्त हुआ है, लेकिन आयोग कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं.

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